हिंदू होने की मिली सजा! बांग्लादेश ने सालों रखा टीम से बाहर, वापसी करते ही ठोके 38 गेंद में 77 रन
2008 में पहला प्रथम श्रेणी मैच खेलने के बाद 15 साल में रॉनी को सिर्फ पांच टी-20 इंटरनेशनल खेलने का मौका मिला। एक तरह से उनका करियर ही चौपट कर दिया गया। जिस उम्र में प्लेयर्स अपना रिटायरमेंट प्लान करते हैं उस उम्र में उनकी टीम में वापसी हुई है। दरअसल, रॉनी तालुकदार का सीधा मुकाबला तमीम इकबाल से माना जाता था। सिलेक्टर्स ने उन्हें हमेशा दूसरा विकल्प ही माना। तमीम के पार्टनर्स बदलते गए, लेकिन 2015 में डेब्यू करवाने के बाद रॉनी की तरफ दोबारा नहीं देखा गया।
रॉनी का जन्म 10 अक्टूबर 1990 को बांग्लादेश के नारायणगंज में हुआ। वह एक क्रिकेटिंग फैमिली से आते हैं, उनके छोटे भाई जॉनी बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज हैं, जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेला है। शीतलाक्षय नदी के तट पर स्थित नारायणगंज एक छोटा सा जिला है। यह शहर अपने औद्योगिक महत्व और समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। इस जिले ने नेशनल टीम को कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर दिए। साल 2008 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत करने और रनों का अंबार लगाने के बावजूद उन्हें इंटरनेशनल डेब्यू के लिए सात साल का इंतजार करवा दिया गया फिर टीम से बाहर कर दिए गए।
दाएं हाथ के बल्लेबाज और स्लो मीडियम गेंदबाजी करने वाले रॉनी तालुकदार ने सिर्फ 18 साल की उम्र में प्रथम श्रेणी मुकाबले खेलने शुरू कर दिए थे। डोमेस्टिक सर्किट में जमकर रन बरसाए। रॉनी तालुकदार ने 7 जुलाई 2015 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 इंटरनेशनल में डेब्यू किया था, लेकिन फिर टीम से बाहर कर दिए गए। अब मार्च 2023 में आठ साल बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में वापसी करवाई गई। इसी महीने, उन्हें आयरलैंड के खिलाफ ODI और T20I टीम में भी जगह मिली। पहले मैच में उन्होंने सिर्फ 24 गेंदों में अपना पहला इंटरनेशनल अर्धशतक बनाया। यह टी-20 इंटरनेशनल में किसी भी बांग्लादेशी बल्लेबाज का तीसरा सबसे तेज अर्धशतक था।