हाथ में तलवार, सिर पर साफा… ‘झांसी की रानी’ बनकर घोड़ी से निकली दलित दुल्हन तो देखता रह गया शहर

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हाथ में तलवार, सिर पर साफा… ‘झांसी की रानी’ बनकर घोड़ी से निकली दलित दुल्हन तो देखता रह गया शहर

हाथ में तलवार, सिर पर साफा… ‘झांसी की रानी’ बनकर घोड़ी से निकली दलित दुल्हन तो देखता रह गया शहर

एमपी में घोड़ी चढ़ने पर विवाद की खबरें आए दिन आती हैं। दलित युवक जब अपनी शादी में घोड़ी से बारात निकालते हैं तो कई जगहों से विवाह की खबरें आती हैं। वहीं, बुरहानपुर जिले में एक दलित दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के साथ अपनी बारात निकाली है। घोड़ी पर बैठी दुल्हन ने झांसी की रानी लुक में थी। बारात को देखकर शहर के लोग हैरान रह गए हैं। घोड़ी पर बैठी दुल्हन की चर्चा अब पूरे देश में हो री है। दुल्हन का नाम मीना निकम है।

घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने की थी इच्छा

दरअसल, बुरहानपुर शहर स्थित बस स्टैंड निवासी मीना निकम की शादी थी। उनका विवाह बुरहानपुर निवासी कपिल सपकाडे के साथ हो रहा था। मीना की ख्वाहिश थी कि वह अपनी बारात घोड़ी चढ़कर जाए। साथ ही में दूल्हा भी घोड़ा पर हो। परिवार ने मीना निकम के सपने को पूरा कर दिया है। दूल्हा-दुल्हन ने घोड़ी पर बारात निकालकर एक मिसाल पेश की है।

मीना ने कहा कि यह सपना था मेरा

मीना ने कहा कि यह सपना था मेरा

शादी के बाद मीना निकम ने बताया कि उसकी शुरू से ही इच्छा थी कि वह बारात में दूल्हे के साथ खुद भी घोड़ी पर बारातियों के साथ निकले। हमारी इच्छा परिजनों ने पूरी की है। उन्होंने बताया कि इस कारण परिवार में खुशी का माहौल है। दूल्हा-दुल्हन के साथ बारातियों का हुजूम चल रहा था।

देखकर हैरान रह गए लोग

देखकर हैरान रह गए लोग

दरअसल, बुरहानपुर आदिवासी बाहुल जिला है। घोड़ी से जब दलित दुल्हन बारात लेकर निकली तो देखकर लोग हैरान रह गए। शहर में ऐसे नजारे कम ही लोगों को देखने को मिलते हैं। दूल्हा-दुल्हन के साथ बड़ी संख्या में बाराती नाचते-गाते जा रहे थे। डीजे की धुन पर बाराती थिरकते हुए जा रहे थे। दुल्हन को घोड़ी पर देखकर लोग हैरान थे। इस अनोखी शादी की चर्चा हर शख्स की जुबान पर है।

झांसी की रानी लुक में थी दुल्हन

झांसी की रानी लुक में थी दुल्हन

घोड़ी पर बैठ दुल्हन झांसी की रानी के गेटअप में थी। उसके हाथ में तलवार थे। साथ ही सिर पर साफा बांधे हुई थी। दुल्हन का यह अंदाज लोगों को खूब पसंद आ रहा था। वहीं, दुल्हन के इस लुक को राजपूताना अंदाज भी कहते हैं।

बेटा-बेटी में फर्क नहीं

बेटा-बेटी में फर्क नहीं

दुल्हन मीना के बड़े भाई कांतिलाल निकम ने कहा कि परिवार में बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है। बेटी भी किसी से कम नहीं है। इसलिए दूल्हे की तरह बेटी को भी घोड़ी पर बैठाया। गाजे-बाजे के साथ दूल्हा और दुल्हन की बारात निकाली। वहीं, अन्य लोगों का कहना है कि समाज में समानता का संदेश देने का यह बेहतरीन तरीका है। इसमें सभी को उत्साह के साथ शामिल होना चाहिए। लड़की के परिजनों ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वो अपनी बेटी की शादी इस तरह से करने में कामयाब हुए।

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