स्विगी का घाटा 2 गुना बढ़कर ₹1,082 करोड़ हुआ: चौथी तिमाही में रेवेन्यू 45% बढ़ा, कंपनी का शेयर एक साल में 32% गिरा h3>
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मुंबई3 घंटे पहले
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ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी का जनवरी-मार्च तिमाही में नेट लॉस यानी शुद्ध घाटा सालाना आधार पर 95% यानी लगभग दो गुना बढ़कर ₹1,082 करोड़ रहा। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को ₹554 करोड़ का घाटा हुआ था।
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वहीं ऑपरेशंस से चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 45% बढ़कर 4,410 करोड़ रुपए रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये 3,045 करोड़ रुपए रहा था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से होने वाली कमाई को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। स्विगी ने शुक्रवार (9 मई) को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) के नतीजे जारी किए हैं।
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कंपनी का शेयर एक साल में 32% गिरा
स्विगी का शेयर आज 0.25% की गिरावट के साथ 314 रुपए पर बंद हुआ है। बीते 1 महीने में कंपनी का शेयर 7%, छह महीने में 31% और एक साल में भी 32% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 75.64 हजार करोड़ रुपए है। स्विगी 13 नवंबर 2024 को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी, तब से अब तक इसके शेयर में 27% की गिरावट आई है।
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वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में स्विगी का लॉस 95% बढ़ा
सालाना आधार पर
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स्विगी
FY25 (जनवरी-मार्च)
FY24 (जनवरी-मार्च)
चेंज (%)
ऑपरेशनल रेवेन्यू
₹4,410
₹3,045
45%
टोटल इनकम
₹4,530
₹3,143
44%
टोटल खर्च
₹5,609
₹3,668
53%
नेट लॉस
₹1,082
₹555
95%
तिमाही आधार पर
स्विगी
FY25 (जनवरी-मार्च)
FY25 (अक्टूबर-दिसंबर)
चेंज (%)
ऑपरेशनल रेवेन्यू
₹4,410
₹3,993
10%
टोटल इनकम
₹4,530
₹4,095
11%
टोटल खर्च
₹5,609
₹4,898
15%
नेट लॉस
₹1,082
₹799
35%
नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में हैं।
FY 2024 के मुकाबले 2025 में स्विगी का लॉस 33% बढ़ा
स्विगी
वित्त वर्ष 2025
वित्त वर्ष 2024
चेंज (%)
ऑपरेशनल रेवेन्यू
₹15,226
₹11,247
35%
टोटल इनकम
₹15,622
₹11,634
34%
टोटल खर्च
₹18,725
₹13,947
34%
नेट लॉस
₹3,116
₹2,350
33%
नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में है।
कंपनी की बेंगलुरु से हुई शुरुआत
स्विगी की शुरुआत बेंगलुरु के कोरामंगला से हुई थी। फाउंडर्स नंदन रेड्डी और श्रीहर्षा मजेटी ने कुछ डिलीवरी पार्टनर और लगभग 25 रेस्टोरेंट से जुड़कर कंपनी शुरू की। उस वक्त स्विगी ऐप पर मौजूद नहीं था। इसलिए लोग उसकी वेबसाइट पर जाकर अपने मनपसंद रेस्टोरेंट को चुनकर फूड ऑर्डर करते थे।
स्विगी की सर्विस लोगों को काफी अच्छी लगने लगी और इससे कंपनी को पहचान मिलनी शुरू हो गई। कंपनी ने 2015 के शुरुआती महीनों में खुद का ऐप लॉन्च किया। ऐप की मदद से फूड ऑर्डर करना कस्टमर के लिए आसान हो गया।
भारत की सबसे तेज यूनिकॉर्न
स्विगी भारत की सबसे तेज यूनिकॉर्न बनने वाली कंपनी है। यूनिकॉर्न तक का सफर तय करने में कंपनी को 4 साल से भी कम समय लगा। 2014 में शुरू हुई कंपनी 2018 तक 10 हजार करोड़ की वैल्यूएशन वाली कंपनी बन गई थी।
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ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी का जनवरी-मार्च तिमाही में नेट लॉस यानी शुद्ध घाटा सालाना आधार पर 95% यानी लगभग दो गुना बढ़कर ₹1,082 करोड़ रहा। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को ₹554 करोड़ का घाटा हुआ था।
वहीं ऑपरेशंस से चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 45% बढ़कर 4,410 करोड़ रुपए रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये 3,045 करोड़ रुपए रहा था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से होने वाली कमाई को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। स्विगी ने शुक्रवार (9 मई) को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) के नतीजे जारी किए हैं।
कंपनी का शेयर एक साल में 32% गिरा
स्विगी का शेयर आज 0.25% की गिरावट के साथ 314 रुपए पर बंद हुआ है। बीते 1 महीने में कंपनी का शेयर 7%, छह महीने में 31% और एक साल में भी 32% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 75.64 हजार करोड़ रुपए है। स्विगी 13 नवंबर 2024 को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी, तब से अब तक इसके शेयर में 27% की गिरावट आई है।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में स्विगी का लॉस 95% बढ़ा
सालाना आधार पर
स्विगी | FY25 (जनवरी-मार्च) | FY24 (जनवरी-मार्च) | चेंज (%) |
ऑपरेशनल रेवेन्यू | ₹4,410 | ₹3,045 | 45% |
टोटल इनकम | ₹4,530 | ₹3,143 | 44% |
टोटल खर्च | ₹5,609 | ₹3,668 | 53% |
नेट लॉस | ₹1,082 | ₹555 | 95% |
तिमाही आधार पर
स्विगी | FY25 (जनवरी-मार्च) | FY25 (अक्टूबर-दिसंबर) | चेंज (%) |
ऑपरेशनल रेवेन्यू | ₹4,410 | ₹3,993 | 10% |
टोटल इनकम | ₹4,530 | ₹4,095 | 11% |
टोटल खर्च | ₹5,609 | ₹4,898 | 15% |
नेट लॉस | ₹1,082 | ₹799 | 35% |
नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में हैं।
FY 2024 के मुकाबले 2025 में स्विगी का लॉस 33% बढ़ा
स्विगी | वित्त वर्ष 2025 | वित्त वर्ष 2024 | चेंज (%) |
ऑपरेशनल रेवेन्यू | ₹15,226 | ₹11,247 | 35% |
टोटल इनकम | ₹15,622 | ₹11,634 | 34% |
टोटल खर्च | ₹18,725 | ₹13,947 | 34% |
नेट लॉस | ₹3,116 | ₹2,350 | 33% |
नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में है।
कंपनी की बेंगलुरु से हुई शुरुआत
स्विगी की शुरुआत बेंगलुरु के कोरामंगला से हुई थी। फाउंडर्स नंदन रेड्डी और श्रीहर्षा मजेटी ने कुछ डिलीवरी पार्टनर और लगभग 25 रेस्टोरेंट से जुड़कर कंपनी शुरू की। उस वक्त स्विगी ऐप पर मौजूद नहीं था। इसलिए लोग उसकी वेबसाइट पर जाकर अपने मनपसंद रेस्टोरेंट को चुनकर फूड ऑर्डर करते थे।
स्विगी की सर्विस लोगों को काफी अच्छी लगने लगी और इससे कंपनी को पहचान मिलनी शुरू हो गई। कंपनी ने 2015 के शुरुआती महीनों में खुद का ऐप लॉन्च किया। ऐप की मदद से फूड ऑर्डर करना कस्टमर के लिए आसान हो गया।
भारत की सबसे तेज यूनिकॉर्न
स्विगी भारत की सबसे तेज यूनिकॉर्न बनने वाली कंपनी है। यूनिकॉर्न तक का सफर तय करने में कंपनी को 4 साल से भी कम समय लगा। 2014 में शुरू हुई कंपनी 2018 तक 10 हजार करोड़ की वैल्यूएशन वाली कंपनी बन गई थी।
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