स्नेहा को मिला JEE-मेंस में 99.4 परसेंट मार्क्स: काशी में रहकर की पढ़ाई,बोली- आईआईटी करने के बाद गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए करूंगी काम – Varanasi News h3>
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देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन का रिजल्ट आ गया है। शुक्रवार देर रात नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने इसका रिजल्ट जारी किया है। इस एग्जाम में कुछ स्टूडेंट्स ने 100 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया है। जेईई मेन परीक्षा मे
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आइए अब पढ़ते हैं तीन होनहार छात्राओं ने क्या कहा….
बलिया की रहने वाली स्नेहा सिंह ने वाराणसी में रहकर पढ़ाई की और 99.04 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया। उन्होंने कहा कि मैं छोटे गांव से पढ़कर यहां तक पहुंची हूं। कक्षा 6 से हमने नवोदय विद्यालय में पढ़ाई शुरू की। उस दौरान मेरी मदद मेरी मां ने सबसे अधिक की क्योंकि गांव में लड़की को शहर में अकेले भेजने पर काफी हिचकिचाते थे। लेकिन मेरी माता पिता ने मुझपर विश्वास किया और हम उनके उम्मीदों पर खड़े है। उन्होंने बताया हमारा परिवार मध्यम वर्ग का है और मेरे पिता बिजनेसमैन है उनके ही सहारे पूरा परिवार काम कर रहा।
बलिया की स्नेहा ने सबसे अधिक 99.4 % अंक हासिल किया।
माता पिता के उम्मीदों को किया पूरा
स्नेहा ने कहा मुझे पढ़ाई में मदद यहां के अध्यापकों ने करी और अब हम आगे चलकर समाज के उन बच्चों के लिए काम करना चाहेंगे जिनके पास पढ़ने का हुनर है लेकिन वह चाहकर भी आर्थिक अभाव में आगे नहीं बढ़ पर रहे। उन्होंने कहा आगे चलकर आईआईटी के अच्छे संस्थान में एडमिशन लेकर कुछ बड़ा करने का सोची हूं।
छोटी से गांव में रहकर लिया बड़ा संकल्प
मध्यप्रदेश की अंतिमा धाकड़ ने वाराणसी में रहकर तैयार मैंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव से पूरी की उसके बाद नवोदय में मेरा एडमिशन हुआ। शिक्षकों में मेरे अकादमी को नैतिक शिक्षा में काफी मदद की है। उसके बाद मेरा एडमिशन गेल में हुआ। यहां पर पूरे निशुल्क शिक्षा मिली जिससे मेरे परिवार को भी काफी लाभ मिला परिवार के लोगों का मुझे काफी उम्मीद था।
छोटे से गांव से निकलकर लिया था संकल्प हासिल किया 98% अंक।
तबयत खराब होने पर मां ने किया सपोर्ट
अंतिमा ने कहा बीच में मेरा तबीयत खराब हुआ तो मैं अपने आप को हारा हुआ मन रही थी लेकिन मेरी मम्मी ने मेरा सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि आगे चलकर मैं सोसाइटी के लिए काम करूंगी क्योंकि मेरे घर में चाची की लड़की है वह भी नहीं पढ़ पाती है क्योंकि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पढ़ाई लिखाई करके मैं उन जैसे लड़कियों के लिए काम करना चाहूंगी। अंतिमा ने बताया कि मेरे पिता एक किसान है उन्हीं के सारे पूरा परिवार चलता है। मैंने मेन्स में 98 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया आगे और बेहतर करूंगी।
श्रेया ने कहा- अब आईआईटी में पढ़ाई करके अच्छी नौकरी हासिल कर वृध्दाश्रम बनवाएंगे।
वृद्धा आश्रम बनवाना है इच्छा
मध्प्रयदेश के नरसिंहपुर की रहने वाली श्रेया पाल की शुरूआती पढ़ाई जवाहर विद्यालय राजगढ़ में हुई है। श्रेया ने बताया उसके पिता किसान हैं। उसका पिछले साल क्वालीफाई नहीं हुआ था पर इस बार 98 परसेंट मार्क्स आये हैं। श्रेया ने बताया उसका लक्ष्य वृद्ध आश्रम बनवाना है। ताकि सड़क पर घूम रहे लोगों को आश्रय मिल सके। उन्होंने अपनी सफलता कस हरे अपने टीचर्स और पैरेंट्स को दिया।
छोटे से गांव में पढ़कर पहुंची वाराणसी अब बड़े आईआईटी में पढ़ने का सपना।
गांव में स्कूल खोलना है लक्ष्य
उत्तर प्रदेश के देवरिया के एक गांव की रहने वाली स्मिता सिंह ने बताया- बचपन से ही मै बुआ के घर रहीं क्योंकि मेरे गांव में विद्यालय नहीं है। ऐसे में गांव के लोगों को दूर जाकर पढ़ना पड़ता है। प्रारंभिक शिक्षा के बाद मेरा सेलक्शन JEE मेंस के लिए हुआ है। मेरा लक्ष्य आईआईटी करना है और उसके बाद अपने गांव में स्कूल खोलना है।