सेंसेक्स में साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट: 1390 अंक नीचे 76,024 पर बंद, निफ्टी 353 लुढ़का; रियल्टी और IT सेक्टर सबसे ज्यादा टूटे

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सेंसेक्स में साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट:  1390 अंक नीचे 76,024 पर बंद, निफ्टी 353 लुढ़का; रियल्टी और IT सेक्टर सबसे ज्यादा टूटे

सेंसेक्स में साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट: 1390 अंक नीचे 76,024 पर बंद, निफ्टी 353 लुढ़का; रियल्टी और IT सेक्टर सबसे ज्यादा टूटे

मुंबई5 दिन पहले

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वित्त वर्ष 2025-26 के पहले कारोबारी दिन आज यानी मंगलवार (1 अप्रैल) को शेयर बाजार में गिरावट रही। सेंसेक्स 1390 अंक (करीब 1.80%) गिरकर 76,024 के स्तर पर बंद हुआ।

यह इस साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले सेंसेक्स में 28 फरवरी को 1414 (1.90%) अंक की गिरावट रही थी। निफ्टी में भी करीब 353 अंक (करीब 1.50%) की गिरावट रही, ये 23,165 के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 27 में गिरावट रही। HCL टेक, बजाज फिनसर्व, HDFC बैंक, बजाज फाइनेंस और इंफोसिस में सबसे ज्यादा करीब 4% गिरकर बंद हुए। NSE के 50 शेयरों में से 36 में गिरावट रही।

सेक्टोरल इंडाइसेज की बात करें तो रियल्टी में 3.11%, कंज्यूमर ड्यूरेबल में 2.50%, IT में 2.45%, फार्मा में 1.73% और प्राइवेट बैंक में 1.21% की गिरावट रही।

ग्लोबल मार्केट में मिलाजुला कारोबार

  • एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 0.58%, हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग इंडेक्स में 0.96% और चीन के शंघाई कम्पोजिट में 0.43% की तेजी है।
  • 28 मार्च को अमेरिका का डाओ जोंस 1% चढ़कर 42,001 पर बंद हुआ। नैस्डेक कंपोजिट में 0.14% की गिरावट रही जबकि S&P 500 इंडेक्‍स 0.55% चढ़कर बंद हुआ।
  • 28 मार्च को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 4,352.82 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 7,646.49 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
  • मार्च में विदेशी निवेशकों ने 2,014.18 करोड़ रुपए के नेट शेयर खरीदे। वहीं घरेलू निवेशकों ने इस दौरान 37,585.68 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी की।

बाजार में गिरावट के तीन कारण:

  1. ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ: अमेरिका कल से भारतीय प्रोडक्ट्स पर 100% टैरिफ लगा सकता है। पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि भारत हमसे 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी अगले महीने से ऐसा ही करने जा रहे हैं।
  2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। यह बिकवाली बाजार में दबाव बढ़ाने का एक प्रमुख कारण हो सकती है, खासकर अगर निवेशक अन्य बाजारों की ओर रुख कर रहे हों।
  3. आर्थिक अनिश्चितता: वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका और अमेरिकी GDP के 2025 की पहली तिमाही में 2.8% तक गिरने के अनुमान से निवेशकों का भरोसा कम हुआ है। इससे स्टॉक मार्केट में अस्थिरता बढ़ रही है।

ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स ने IPO के लिए DRHP फाइल किया मुंबई स्थित थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर कंपनी ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड ने IPO लाने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट (DRHP) दाखिल किया है। कंपनी 25 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू जारी करेगी और ऑफर फॉर सेल के जरिए प्रोमोटर 72,50000 शेयर बेचेंगे।

शुक्रवार को बाजार में रही थी गिरावट

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (28 मार्च) को सेंसेक्स करीब 198 अंक गिरकर 77,414 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में करीब 72 अंकों की गिरावट रही, ये 23,519 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों मे से 11 में तेजी जबकि 19 में गिरावट रही। इंडसइंड बैंक में सबसे ज्यादा 3.5% की गिरावट रही। जबकि, कोटक महिंद्रा बैंक, HUL और ICICI बैंक में करीब 1% की तेजी रही।

NSE के 50 शेयरों में से 19 में तेजी जबकि 31 में गिरावट रही। सेक्टोरल इंडाइसेज में निफ्टी मीडिया सबसे ज्यादा 2.29% गिरा। निफ्टी आईटी में 1.76% और निफ्टी रियल्टी में 1.42% की गिरावट रही।

ऑटो, IT, मीडिया और रियल्टी सेक्टर में 2% की गिरावट है। जबकि FMCG और प्राइवेट बैंक में मामूली तेजी रही।

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