सुप्रीम कोर्ट बोला- नेवी के अधिकारी अहंकार छोड़ें: महिला अफसर को स्थायी कमीशन नहीं दिया; बेंच ने कहा- बहुत हो गया, अपने तौर-तरीके सुधारें

2
सुप्रीम कोर्ट बोला- नेवी के अधिकारी अहंकार छोड़ें:  महिला अफसर को स्थायी कमीशन नहीं दिया; बेंच ने कहा- बहुत हो गया, अपने तौर-तरीके सुधारें
Advertising
Advertising

सुप्रीम कोर्ट बोला- नेवी के अधिकारी अहंकार छोड़ें: महिला अफसर को स्थायी कमीशन नहीं दिया; बेंच ने कहा- बहुत हो गया, अपने तौर-तरीके सुधारें

  • Hindi News
  • National
  • Supreme Court Navy Short Service Commission Case Seema Chaudhary Permanent Commission
Advertising

नई दिल्ली9 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

फोटो प्रतीकात्मक है।

Advertising

सुप्रीम कोर्ट ने नेवी को उसकी एक महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं देने के लिए जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने नेवी के अधिकारियों से कहा- अब बहुत हो गया है, वे अपना अहंकार त्याग दें और अपने तौर-तरीके सुधारें।

दरअसल, जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच मंगलवार को 2007 बैच की शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी सीमा चौधरी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें कोर्ट के आदेश के बावजूद स्थायी कमीशन नहीं दिया गया था।

Advertising

बेंच ने अधिकारियों से पूछा कि क्या संबंधित अधिकारी सोचते हैं कि वे अदालत के आदेशों को दबा सकते हैं। आप किस तरह की अनुशासित फौज हैं। हम आपको महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन देने के लिए एक हफ्ता देते हैं, गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले की जानकारी कोर्ट को दें।

कौन हैं सीमा चौधरी, क्या है यह पूरा मामला सीमा चौधरी को 6 अगस्त 2007 को भारतीय नौसेना की जज एडवोकेट जनरल (JAG) ब्रांच में SSC अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2009 में लेफ्टिनेंट और 2012 में लेफ्टिनेंट कमांडर पद पर प्रमोट किया गया। 2016 और 2018 में दो-दो साल का सेवा विस्तार दिया गया था। 5 अगस्त 2020 को उन्हें बताया गया कि 5 अगस्त 2021 से उनकी सेवा समाप्त मानी जाएगी।

इस आदेश के खिलाफ सीमा सुप्रीम कोर्ट पहुंची, उन्होंने अपील की थी कि उन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया, जबकि वे सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करती हैं। 26 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सीमा चौधरी की रिव्यू याचिका पर फैसला देते हुए कहा था कि उनका मामला स्टैंडअलोन बेसिस पर देखा जाना चाहिए।

Advertising

सीमा की ACR में लिखे कमेंट्स ने रोका परमानेंट कमीशन नौसेना अधिकारियों और केंद्र की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बालासुब्रमण्यम ने कहा कि उन्होंने सभी मापदंडों की जांच की, लेकिन सीमा की तीन एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट्स (एसीआर) में प्रतिकूल टिप्पणियां थीं, जिन्हें स्थायी कमीशन देने के लिए नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

इस पर बेंच ने कहा कि शुरुआती अधिकारियों की टिप्पणियों को रिव्यू अफसर ने खारिज कर दिया था। साथ ही फाइनल अथॉरिटी ने उन्हें पूरे 7.6 अंक भी दिए। बालासुब्रमण्यम ने कहा कि उनके अंक नहीं बल्कि टिप्पणियां बाधा थीं।

———————-

ये खबर भी पढ़ें…

सुप्रीम कोर्ट बोला- बिटकॉइन ट्रेड हवाला की तरह अवैध कारोबार, यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है

सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को बिटकॉइन ट्रेड को हवाला कारोबार की तरह ही अवैध व्यापार करार दिया। जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक समानांतर अंडर-मार्केट है और यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाते। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News

Advertising