सुप्रीम कोर्ट का आदेश: 31 मार्च तक 18.5 हजार खानों को जारी करनी है ईसी, मगर अब तक 5.5 हजार को ही स्वीकृत – Bharatpur News h3>
सुप्रीम कोर्ट से ईसी लेने के लिए दिया गया मार्च 2025 तक का समय खत्म होने वाला है, लेकिन अब तक सिर्फ साढ़े पांच हजार खदानों की पर्यावरणीय स्वीकृति जारी हो पाई है। जबकि खदानों की सख्या करीब बीस हजार थी। इनमें से ईसी के लिए परिवेश पोर्टल पर 18522 खान धार
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अब तक अपलोड आवेदनों में से मार्च के पहले सप्ताह तक क्लीयरेंस समिति सीया के समक्ष 6063 प्रकरण रखे गए। इनमें से 5393 को ईसी जारी कर दी गई। इसके साथ ही अब तक 5560 प्रकरण निस्तारित हो सके जबकि फार्म 18522 अपलोड किए गए थे। ईसी के लिए स्टेट लेवल पर 4 समितियां गठित की गईं। इससे काम तेज हुआ, लेकिन इस बीच बजरी के भूखंडों की भी नीलामी हो गई। उन्हें भी ईसी जारी की जानी है।
अब बजरी भूखंडों को भी ईसी मिलनी शुरू हो गई है। दूसरी ओर अभी तक साढ़े पांच हजार के करीब ही ईसी जारी होने से खान धारकों की चिंता बढ़ने लगी है। अगर 31 मार्च तक ईसी जारी नहीं हो पाई तो खान बंद होने का खतरा बढ़ जाएगा। दोबारा राहत सुप्रीम कोर्ट से ही संभव है। हालांकि अब वक्त पूरे प्रकरण की पालना रिपोर्ट पेश करने का है। मगर एक साथ करीब बीस हजार फार्मों की जांच के बाद ईसी जारी करने में काफी समय लग गया। अब मोहलत मांगने का विकल्प है।
खानधारकों के लिए सरकार फिर जा सकती है सुप्रीम कोर्ट
पहले इन खदानों की ईसी जिला स्तरीय समिति से जारी होती थी। बाद में एनजीटी ने राज्य स्तरीय समिति को ईसी जारी करने के निर्देश दिए। मगर तय समय पर ईसी नहीं मिली और इस दौरान राज्य स्तरीय समितियां भी भंग हाे चुकी थीं। ऐसे में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में राहत मांगी थी। कोर्ट को बताया गया कि लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
बजरी के 220 भूखंड नीलाम , अधिकांश को ईसी का इंतजार
प्रदेश में बजरी के अवैध खनन और महंगी बजरी से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने एक साल में बजरी के 220 भूखंड नीलाम किए थे। मगर अधिकांश में खनन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। कारण भूखंड धारकों को भी ईसी का इंतजार है।
लोगों को भी सस्ती बजरी नहीं मिल रही। गत वर्ष फरवरी से प्रदेश में 220 बजरी ब्लॉक भूखंड की ई-नीलामी की गई थी। इनमें से विभागीय शर्तों पर 119 खरा उतरे । इन सफल नीलामियों के बोलीदाताओं को खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार है। कुछेक को ईसी मिल पाई है। ऐसे में मार्च के बाद ही बजरी प्लॉटों की ईसी जारी होने की संभावना है। तब तक उन्हें अपने भूखंड को अवैध खनन माफिया से भी बचाना पड़ रहा है।