सीयूएसबी: उपलब्धियों से भरा रहा सीयूएसबी का साल 2022 का सफर h3>
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अविनाश कुमार
टिकारी। सामूहिक विचार के दृष्टिकोण के साथ निरंतर शैक्षणिक उत्कृष्टता के मार्ग पर अग्रसर अपने स्थापना के एक दशक से ज्यादा सफर तय कर चुके दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) ने वर्ष 2022 शैक्षणिक तथा सह-पाठ्यक्रम क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा निति (एनईपी) 2020 को विवि के पाठ्यक्रम में लागू करने की दिशा में कई कदम उठाए गए। पशुधन तथा पशुपालन के क्षेत्र में शोध एवं नई तकनीक के विकास को बढ़ावा देने के लिए सीयूएसबी और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बिपविवि) के बीच समझौता हुआ। संकाय सदस्यों ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों से शोध के लिए कई वित्तपोषित परियोजनाएं प्राप्त कीं। विवि ने अकादमिक सत्र 2022 – 23 से एमए / एमएससी जियोग्राफी और मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड) पाठ्यक्रमों की शुरुवात की। अंतरराष्ट्रीय मामलों के कार्यालय (ओआईए) खाेला गया। खेलकूद के क्षेत्र में आधुनिक सुविधा से लैस मिल्खा सिंह स्टेडियम की भी सौगात मिली।
सफलता का नया रिकार्ड
स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) के कुल 20 छात्रों में से ने 31वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2022 में सफलता प्राप्त की। विधि विभाग के मेघावी विद्यार्थियों ने नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय की एनसीसी महिला कैडेटों एवं एनएसएस स्वयंसेवकों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार जीते। छात्रों और शोधकर्ताओं ने यूीजीसी / सीएसआईआर, गेट द्वारा आयोजित नेट / जेआरएफ परीक्षा समेत राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं को उत्तीर्णता प्राप्त करने और विभिन्न संस्थानों में जॉब प्लेसमेंट में सफलता प्राप्त की।
सीयूएसबी उम्मीदें 2023
नए वर्ष 2023 में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) – संस्थान द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन तथा प्रत्यायन के आधार पर दिए जाने वाले ‘गुणवत्ता दर्जे यानि ”नैक ग्रेडिंग” को और बेहतर करने के लिए सीयूएसबी प्रयासरत है। इंफ्रास्ट्रचर और कैंपस डेवलपमेंट के छेत्र में दूसरे चरण के अंतर्गत भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। जिनमें 64 स्टाफ क्वार्टर, 600 बेड का हॉस्टल, एक हेल्थ सेंटर, एक सेंट्रल लाइब्रेरी, फ़ूड कोर्ट (कैफेटेरिया), छोटा शॉपिंग सेंटर एवं शोध के लिए एनिमल हाउस शामिल हैं। स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के अंतर्गत एमएससी / पीएचडी की पढ़ाई के साथ कई अन्य पाठ्यक्रम की शुरुवात किए जाने की संभावना है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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अविनाश कुमार
टिकारी। सामूहिक विचार के दृष्टिकोण के साथ निरंतर शैक्षणिक उत्कृष्टता के मार्ग पर अग्रसर अपने स्थापना के एक दशक से ज्यादा सफर तय कर चुके दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) ने वर्ष 2022 शैक्षणिक तथा सह-पाठ्यक्रम क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा निति (एनईपी) 2020 को विवि के पाठ्यक्रम में लागू करने की दिशा में कई कदम उठाए गए। पशुधन तथा पशुपालन के क्षेत्र में शोध एवं नई तकनीक के विकास को बढ़ावा देने के लिए सीयूएसबी और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बिपविवि) के बीच समझौता हुआ। संकाय सदस्यों ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों से शोध के लिए कई वित्तपोषित परियोजनाएं प्राप्त कीं। विवि ने अकादमिक सत्र 2022 – 23 से एमए / एमएससी जियोग्राफी और मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड) पाठ्यक्रमों की शुरुवात की। अंतरराष्ट्रीय मामलों के कार्यालय (ओआईए) खाेला गया। खेलकूद के क्षेत्र में आधुनिक सुविधा से लैस मिल्खा सिंह स्टेडियम की भी सौगात मिली।
सफलता का नया रिकार्ड
स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) के कुल 20 छात्रों में से ने 31वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2022 में सफलता प्राप्त की। विधि विभाग के मेघावी विद्यार्थियों ने नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय की एनसीसी महिला कैडेटों एवं एनएसएस स्वयंसेवकों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार जीते। छात्रों और शोधकर्ताओं ने यूीजीसी / सीएसआईआर, गेट द्वारा आयोजित नेट / जेआरएफ परीक्षा समेत राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं को उत्तीर्णता प्राप्त करने और विभिन्न संस्थानों में जॉब प्लेसमेंट में सफलता प्राप्त की।
सीयूएसबी उम्मीदें 2023
नए वर्ष 2023 में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) – संस्थान द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन तथा प्रत्यायन के आधार पर दिए जाने वाले ‘गुणवत्ता दर्जे यानि ”नैक ग्रेडिंग” को और बेहतर करने के लिए सीयूएसबी प्रयासरत है। इंफ्रास्ट्रचर और कैंपस डेवलपमेंट के छेत्र में दूसरे चरण के अंतर्गत भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। जिनमें 64 स्टाफ क्वार्टर, 600 बेड का हॉस्टल, एक हेल्थ सेंटर, एक सेंट्रल लाइब्रेरी, फ़ूड कोर्ट (कैफेटेरिया), छोटा शॉपिंग सेंटर एवं शोध के लिए एनिमल हाउस शामिल हैं। स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के अंतर्गत एमएससी / पीएचडी की पढ़ाई के साथ कई अन्य पाठ्यक्रम की शुरुवात किए जाने की संभावना है।
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