सिर्फ 4 लोगों को थी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी: बुद्ध पूर्णिमा की तय तारीख से 5 दिन पहले लॉन्च; मोदी ने अपनाई इंदिरा-अटल की नीति h3>
पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह करने वाला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 12 मई को होना था, लेकिन इसे 5 दिन पहले 6-7 मई की रात ही लॉन्च कर दिया गया। इसकी वजह पाकिस्तान से मिला स्ट्रॉन्ग इंटेलिजेंस इनपुट था। सेना से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने दैनिक NEWS4SOCIALको
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23 अप्रैल को बन गया था ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का प्लान 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले ही दिन सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटे और देर शाम कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक ली।
सेना से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने दैनिक NEWS4SOCIALको बताया कि पहलगाम आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई और पाकिस्तान परस्त आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने वाले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम PM मोदी ने 23 अप्रैल को ही दे दिया था। इसके लिए तारीख भी तय कर दी गई थी, 12 मई 2025 यानी बुद्ध पूर्णिमा।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों को पाकिस्तान पर ठोस और निर्णायक जवाबी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कुल 21 आतंकी ठिकानों की लिस्ट बनाई, जिन पर लगातार नजर रखी गई।
उरी और पुलवामा आतंकी घटनाओं के बाद भारत की जबरदस्त जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान सतर्क था। उसे पता था कि भारत इस बार पहले से ज्यादा कठोर कार्रवाई करेगा। इसीलिए आतंकी ठिकानों को खाली करा दिया गया था और आतंकी दूसरी जगहों पर जा छिपे थे।
भारत की कार्रवाई में देरी से आतंकी वापस ठिकानों पर लौटे सूत्रों के मुताबिक, 12 दिनों तक भारत की तरफ से कोई कार्रवाई न होने पर ISI और आतंकी सरगनाओं को लगा कि शायद भारत जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। इसी गलतफहमी में आतंकी अपने ठिकानों पर लौटने लगे।
भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इन ठिकानों पर लगातार नजर बनाई हुई थी। 6 मई की दोपहर बाद भारतीय खुफिया विभाग को जानकारी मिली कि आतंकी ठिकानों पर हलचल बढ़ गई है और आतंकी अब वापस लौट चुके हैं।
इंटेलिजेंस और सैटेलाइट सर्विलांस से इसकी पुष्टि होने के बाद तय किया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए 12 मई का इंतजार नहीं करना है। प्रधानमंत्री मोदी को बताया गया तो उन्होंने हरी झंडी दे दी।
PM के निर्देश के बाद से ही भारतीय सेना ऑपरेशन को लेकर पूरी तरह से तैयार थी। हालांकि, तारीख और समय किसी को नहीं पता था। 6 मई की शाम तक सिर्फ 4 लोगों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में पता था। सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए हर संभव कोशिश की गई। किसी भी पायलट या ग्राउंड स्टाफ को विशेष तौर पर नहीं बुलाया गया।
क्या ऑपरेशन में महिला पायलट्स भी शामिल थीं? इसका जवाब देते हुए सूत्र ने बताया कि ऑपरेशन के लिए महिला-पुरुष नहीं देखा गया, उस वक्त जो भी मौजूद था, उन सबका इस्तेमाल किया गया। एयरफोर्स के साथ ही आर्मी और नेवी ने भी पूरी मुस्तैदी से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया।
मिनिमम डैमेज, मैक्सिमम आउटपुट से भारतीय सेना ने किया आतंकियों का सफाया 21 संभावित आतंकी ठिकानों में से सिर्फ 9 को ही क्यों निशाना बनाया गया? इसके जवाब में सूत्रों ने बताया कि ये ऑपरेशन रियल टाइम इंटेलिजेंस इनपुट पर आधारित था। हमारा मकसद सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारना था। इसलिए हमें जहां भी मैक्सिमम आउटपुट मिल सकता था, हमने वहां एक्शन लिया।
साथ ही, हमें इतनी सटीक कार्रवाई करनी थी कि एक ही कंपाउंड में एक बिल्डिंग बचाते हुए दूसरी बिल्डिंग को ध्वस्त करना था। हम ये सुनिश्चित करना चाहते थे कि हमारी जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान के आम लोगों या पाकिस्तानी मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को कोई नुकसान न पहुंचे। टारगेट किए गए लोकेशन्स पर मूवमेंट्स हो रही थीं इसलिए रियल टाइम इनपुट्स के आधार पर हमने कुछ टारगेटेड लोकेशन्स को हिट नहीं किया।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में भारत की एयर स्ट्राइक से तबाह आतंकी ठिकाना।
भारत के हमलों से पाकिस्तान सीजफायर के लिए हुआ मजबूर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तमाम विदेशी हथियारों के साथ ही ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया। एयरफोर्स से जुड़े एक अधिकारी ने पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल की गई ब्रह्मोस मिसाइलों की संख्या तो नहीं बताई, लेकिन इतना कहा कि जितनी इस्तेमाल करनी चाहिए थी उतनी ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ है।
इन हमलों में पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण एयरबेस ध्वस्त किए गए। इनमें से सरगोधा एयरबेस इंटरनेशनल बॉर्डर से सबसे दूर था, जिसकी इंटरनेशनल बॉर्डर से दूरी करीब 180 किमी है।
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, इन हमलों के दौरान ज्यादातर पाकिस्तानी रडार काम नहीं कर रहे थे। इनको पहले ही स्ट्रैटिजिकली एलिमिनेट कर दिया गया था। अपने मोस्ट स्ट्रैटेजिक मिलिट्री एस्टैबलिशमेंट्स पर हमले के बाद पाकिस्तान को अपने फाइटर जेट्स तक को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया था।
पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम पहले ही तबाह हो चुका था, ऐसे में उनके पास सीजफायर के अलावा कोई दूसरा विकल्प मौजूद नहीं था।
सीजफायर वॉयलेशन की घटनाओं पर आर्मी सोर्सेज ने कहा कि इनमें ज्यादातर डिस्ट्रैक्शन ड्रोन हैं, पाकिस्तान को पता है कि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को भेद पाना उसके लिए नामुमकिन है। इसलिए वो सीमा पर पैनिक क्रिएट करने और अपनी जनता को खुशफहमी में रखने के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए पाकिस्तान के एयरबेस।
बुद्ध पूर्णिमा को PM मोदी ने दिया राष्ट्र के नाम संबोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही 12 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने इस दिन का इस्तेमाल राष्ट्र के नाम संबोधन देने के लिए किया। महात्मा बुद्ध की जयंती के मौके पर उन्होंने पाकिस्तान को कड़े लहजों में चेतावनी दी और इंदिरा-अटल की तरह ही दुनिया के सामने भारत की शांतिप्रिय छवि को मजबूती से पेश किया।
हालांकि, सीजफायर के बावजूद भारतीय सेनाओं को फ्री हैंड दिया हुआ है। पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर भारतीय सैनिकों को उससे ज्यादा इंटेंसिटी से जवाब देने का निर्देश मिला हुआ है।
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