साहब कर गए थे दौरा, दूर हुआ दुख मोरा…, कार्डियोलॉजी और मेडिसिन आउटडोर में लगेंगे | Sir had visited, sorrow went away, Cardiology and medicine will be con | News 4 Social

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साहब कर गए थे दौरा, दूर हुआ दुख मोरा…, कार्डियोलॉजी और मेडिसिन आउटडोर में लगेंगे | Sir had visited, sorrow went away, Cardiology and medicine will be con | News 4 Social

साहब कर गए थे दौरा, दूर हुआ दुख मोरा…, कार्डियोलॉजी और मेडिसिन आउटडोर में लगेंगे | Sir had visited, sorrow went away, Cardiology and medicine will be con | News 4 Social

अस्पताल प्रशासन के अनुसार कुल आउटडोर संख्या में से करीब 40 फीसदी मरीज इन्हीें दो विभागों में आते हैं। इन दो विभागों के बाद अन्य विभागों में भी यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि पत्रिका अभियान के बाद पिछले दिनों मुख्य सचिव सुधांश पंत ने भी अस्पताल का निरीक्षण कर मरीजों को कतारों से मुक्ति दिलाने के लिए कॉलेज व अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि सरकारी अस्पताल में भीड़ स्वाभाविक है लेकिन मरीज को कतार में नहीं छोड़ा जा सकता। इसके समाधान पर काम करने का जिम्मा अस्पताल प्रशासन का ही है।

इसलिए जरूरी यह व्यवस्था
एसएमएस पर जयपुर और प्रदेश ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों से आने वाले मरीजों का भी दबाव है। अस्पताल का आउटडोर एक दशक के दौरान करीब 27 लाख तक की बढ़ोतरी दर्ज कर चुका है। आउटडोर में रोजाना करीब 10 हजार के साथ सालाना औसतन करीब 30 लाख मरीज आ रहे हैं। धंवन्तरि भवन, चरक भवन और स्पेशियलिटी अस्पताल में ओपीडी संचालित है। सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक ओपीडी में लगने वाली लंबी कतारों से बीमार मरीज के साथ उनके परिजन भी परेशान रहते हैं।

एसएमएस अधीक्षक अचल शर्मा से सवाल-जवाब
सवाल : आउटडोर में मरीजों को कतार से मुक्ति के क्या प्रयास किए?
जवाब : राज्य सरकार के निर्देश पर डिजिटलाइजेशन की कई योजनाएं बनी हैं। अब मेडिसिन और कार्डियोलाॅजी आउटडोर में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे।

सवाल : दो विभागों में ही डिजिटल डिस्प्ले क्यों, जरूरत तो सभी में है? जवाब : दानदाताओं के सहयोग से इन दो विभागों में शुरू कर रहे हैं। सर्वाधिक कतारें और मरीजों का दबाव भी इन्हीें दो विभागों में है। अन्य विभागों में भी इसके बाद शुरू करेंगे।
सवाल : दो विभागों में कब तक शुरू करेंगे, कोई तारीख ?
जवाब : तारीख तो अभी नहीं बता सकते लेकिन काम शुरू कर दिया है। जल्द से जल्द यहां बोर्ड लग जाएंगे।

सवाल : कुछ ही डॉक्टरों को टेबलेट दिए गए, फिर यह योजना ठप हो गई ? जवाब : ठप नहीं हुई, अभी न्यूरोसर्जरी और पैलिएटिव मेडिसिन में टेबलेट दिए जा चुके हैं। अधिक टेबलेट मिलते ही अन्य विभागों में भी दिए जाएंगे। इससे मरीजों की कुंडली एक क्लिक में डॉक्टर के सामने होगी।
सवाल : अस्पताल में कतारें तो अन्य जगह भी लगती हैं ?
जवाब : मुख्य सचिव ने पंजीकरण काउंटर पर कतार समाप्त करने के लिए क्यूआर कोड सिस्टम शुरू करने के लिए कहा था, उस पर भी काम शुरू कर रहे हैं।

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