साढ़े पांच साल बाद शुरू हुआ शिवाजी म्यूजियम का काम: ताजमहल के पास निर्माणाधीन म्यूजियम वर्ष 2020 से बंद है काम, नवंबर तक पूरा करने का टारगेट – Agra News

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साढ़े पांच साल बाद शुरू हुआ शिवाजी म्यूजियम का काम:  ताजमहल के पास निर्माणाधीन म्यूजियम वर्ष 2020 से बंद है काम, नवंबर तक पूरा करने का टारगेट – Agra News
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साढ़े पांच साल बाद शुरू हुआ शिवाजी म्यूजियम का काम: ताजमहल के पास निर्माणाधीन म्यूजियम वर्ष 2020 से बंद है काम, नवंबर तक पूरा करने का टारगेट – Agra News

शिवाजी म्यूजियम का दोबारा काम शुरू होने पर किया गया हवन-पूजा।

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ताजमहल के पास निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम का काम आखिरकार शुरू हो गया। बजट के अभाव में पिछले 5.6 साल से इसका काम रुका हुआ था। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने नवंबर तक टारगेट पूरा करने का दावा दिया है।

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पर्यटन मंत्री ने किया था दावा प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जनवरी में निर्माणाधीन शिवाजी म्यूजियम का निरीक्षण करने के बाद रुके काम को फिर से शुरू कराने के लिए बजट जल्द जारी कराने का दावा किया था। उनके इस दावे को पूरा होने में ही 4 महीने से अधिक का समय लग गया। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए शासन ने 98 करोड़ रुपये बजट स्वीकृत कर दिया है। इसका कुछ हिस्सा राजकीय निर्माण निगम को भी दे दिया गया है।

शिवाजी म्यूजियम का दोबारा काम शुरू होने पर किया गया हवन-पूजा।

डीएम के निरीक्षण के बाद शुरू हुआ काम जिसके बाद बुधवार को काम शुरू हो गया। मंगलवार डीएम ने स्थलीय निरीक्षण कर जल्द कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। ताजमहल से 800 मीटर की दूरी पर बनने वाले छत्रपति शिवाजी संग्रहालय के निर्माण को लेकर कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम और टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के अधिकारियों के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इसके बाद मंगलवार शाम को ही राजकीय निर्माण निगम और टाटा प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने काम के शुभारंभ के लिए पूजन किया।

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2016 में रखी थी नींव हम बात कर रहे हैं ताजमहल पूर्वी गेट से 1300 मीटर पहले बन रहे छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम की। वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसके निर्माण के लिए नींव रखी थी। शुरुआत में इसका नाम मुगल म्यूजियम रखा गया। इस प्रोजेक्ट को 2017 में पूरा होना था। मगर, अगले ही साल उनकी सरकार चली गई। प्रदेश में योगी सरकार काबिज हुई। शुरुआत में जितना बजट स्वीकृत हुआ था, उससे 2019 आखिर तक काम चला। बजट के अभाव में जनवरी 2020 में इसका काम बंद हो गया।

निर्माणाधीन शिवाजी म्यूजियम का रुका हुआ था काम।

CM योगी ने बदला था नाम वर्ष 2020 में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा भ्रमण के दौरान मुगल म्यूजियम का भी निरीक्षण किया और यहां से जाते-जाते इसका नाम बदलने की घोषणा कर दी। मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम कर दिया गया। मगर, बजट फिर भी जारी नहीं हो सका।

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शिवाजी म्यूजियम में पाड़ भी पिछले 5.6 साल से बंधी हुई है।

98 करोड़ रुपये और चाहिए शिल्पग्राम के नजदीक 5.9 एकड़ भूमि में म्यूजियम के निर्माण को राजकीय निर्माण निगम द्वारा तैयार किए गए 198.84 करोड़ रुपये के रिवाइज्ड एस्टीमेट को शासन की स्वीकृति का इंतजार है। तीन मंजिला छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम में विश्व स्तरीय डिजिटल एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ऑडिटोरियम बनेगा। म्यूजियम के भवन पर 99 करोड़ रुपये व्यय हो चुके हैं। अभी 98 करोड़ रुपये और मिलने हैं। तब जाकर म्यूजियम का काम पूरा हो सकेगा।

60% ही काम हो सका है म्यूजियम का बमुश्किल 60% ही काम हुआ है। अभी तक सिर्फ इसका स्ट्रक्चर ही खड़ा हो सका है। इसके अलावा फिनिशिंग और अन्य संसाधनों के सभी काम बाकी हैं।

प्रभारी मंत्री ने दिए थे निर्देश बता दें कि 6 जनवरी 2025 को पर्यटन मंत्री व आगरा के प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने आगरा भ्रमण के दौरान शिवाजी म्यूजियम का भी निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने इस म्यूजियम का काम नवंबर 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए थे। जिससे कि दिसंबर में सीएम योगी आदित्यनाथ इसका लोकार्पण कर सकें।

ताजमहल-शिल्पग्राम रोड पर बन रहा है शिवाजी म्यूजियम।

3 फ्लोर का होगा म्यूजियम ताजमहल के पास निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम 3 फ्लोर का होगा। इसके बेसमेन्ट में स्थायी प्रदर्शनी हॉल, लाईब्रेरी, दुकानें, बिल्डिंग सर्विसेज, स्टोरेज, भूतल पर रिसेप्शन, आडिटोरियम, स्थायी प्रदर्शनी हॉल, अस्थाई प्रदर्शनी हॉल, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लाक, एन्ट्रेन्स हॉल आदि।

फर्स्ट फ्लोर पर ये होगा फर्स्ट फ्लोर पर रेस्टोरेन्ट, इवेन्ट हॉल एवं यूटिलिटी ब्लाक, द्वितीय तल- पावेलियन के अतिरिक्त हार्टीकल्चर, स्ट्रार्म वाटर ड्रेन, ट्यूबवैल व पम्प हाउस, बाउण्ड्रीवाल, यूजी टैंक, सीसी रोड़, विद्युत कार्य आदि कराए जाएंगे।

शिवाजी म्यूजियम में ये होगा खास

  • विभिन्न कालखंडों के अनुसार शहर के डिजिटल नक्शे और उत्खनन की जानकारी मिलेगी।
  • महाभारत काल में अग्रवन से लेकर मुगल शासन तक की जानकारी मिलेगी।
  • छत्रपति शिवाजी महाराज के आगरा से जुड़े तथ्यों को गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा।
  • गैलरी की छत पर ग्लास प्रिंटेड पैनल लगे होंगे। इनकी प्रतिकृति नीचे फर्श पर पड़ेगी तो आगरा व आसपास के क्षेत्रों के नक्शे उभरेंगे।
  • समय के साथ वास्तुकला में आए बदलावों को दिखाया जाएगा। ताजमहल, आगरा किला और अन्य स्मारकों के मॉडल होंगे।
  • गुंबद, कलश, मेहराब, तोड़े, छतरी आदि के बारे में जानकारी मिलेगी।
  • शहर के पेठा, दालमोंठ, चर्म उद्योग व मार्बल की पच्चीकारी के बारे में जानकारी दी जाएगी।
  • पुराने शहर, फैशन, मौसम और जनसंख्या के बारे में जानकारी मिलेगी।
  • शहर की शिल्पकलाओं, बर्तन, आभूषण, मार्बल, गलीचा, कपड़े, पेंटिंग की जानकारी मिलेगी।

शिवाजी म्यूजियम में बेंसमेंट भी तैयार होगा।

आंकड़ों की नजर से

  • 5.9 एकड़ जमीन पर बन रहा म्यूजियम
  • 1300 मीटर दूर है ताजमहल से
  • 186 करोड़ रुपये है म्यूजियम की लागत
  • 130 करोड़ रुपये किए थे मंजूर
  • 56 करोड़ एसटीपी, चारदीवारी के कारण बढ़े
  • 2016, जून में शुरू हुआ था काम
  • 2017, दिसंबर में पूरा होना था निर्माण

अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम

शिवाजी म्यूजियम का काम शुरू हो चुका है। तय समय में ही इसको पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया है। अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम

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