सहकारिता मंत्रालय के 4 साल पूरे: केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने 266 ड्रोन दीदियों को दिया प्रमाण पत्र, बोले- IMPEX समितियां सेवा का मॉडल हैं – Lucknow News h3>
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के चतुर्थ स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में भव्य समारोह का आयोजन हुआ। समारोह में तकनीक, स्वास्थ्य और महिला सशक्तीकरण की नई मिसालें पेश की गईं।
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कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और मंत्रोच्चार के साथ हुई, जिसमें सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर, पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और SRLM मिशन निदेशक दीपा रंजन सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए।
ड्रोन दीदी: खेतों में तकनीक की उड़ान
कार्यक्रम की सबसे बड़ी झलक रही ड्रोन दीदी योजना, जिसके तहत 266 महिलाओं को ड्रोन ऑपरेशन का प्रशिक्षण दिया गया और प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इन महिलाओं को खेती में कीटनाशकों और खाद के छिड़काव, ड्रोन की देखभाल और संचालन की जानकारी दी गई है। इस योजना से महिलाएं अब कृषि में आत्मनिर्भरता की नई उड़ान भरने को तैयार हैं।
IMPEX समितियों को उत्कृष्टता सम्मान
कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी कार्यों में विशेष योगदान देने वाली 5 इंपैक्स समितियों को उत्कृष्टता प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। ये समितियां न केवल रोजगार सृजन कर रही हैं बल्कि उत्पादन, विपणन और सेवा क्षेत्र में सहकारिता के नए मॉडल गढ़ रही हैं।
4 साल में बदली सहकारिता की दशा-दिशा: जेपीएस राठौर
मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा- “जितना काम 40 साल में नहीं हुआ, उतना पिछले चार साल में हुआ है। अब सहकारिता में प्रशिक्षण, रोजगार और तकनीक को जोड़कर नया विजन तैयार हो रहा है।” उन्होंने बताया कि गुजरात में सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है, जिससे जुड़े आईसीसीएमआरटी लखनऊ के साथ अनुबंध किया गया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश में सहकारी क्षेत्र का सिलेबस तैयार कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
अब आगे पढ़िए कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री ने क्या-क्या कहा
जेपीएस राठौर (सहकारिता राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि “मौजूदा समय में सहकारिता विभाग को बने हुए चार साल पूरे हो चुके हैं। इन चार वर्षों में सहकारिता के क्षेत्र में जितना काम हुआ है, उतना पिछले 40 वर्षों में नहीं हुआ। हमने सहकारिता में प्रशिक्षण की व्यापक व्यवस्था की है। गुजरात में एक सहकारिता विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है, जहां कई कोर्स चलाए जाएंगे। इस विश्वविद्यालय से दक्ष और प्रशिक्षित युवा तैयार होंगे जो सहकारी क्षेत्र में योगदान देंगे।
उत्तर प्रदेश में भी ICCMT लखनऊ से अनुबंध किया गया है। इसके जरिए सहकारी क्षेत्र का सिलेबस चलाकर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। हम चाहते हैं कि सहकारिता सिर्फ संस्थागत ढांचा न रह जाए, बल्कि जन-भागीदारी का प्रभावी माध्यम बने।
मंत्री ने कहा आज यहां ‘ड्रोन दीदी’ योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। ये महिलाएं अब खेतों में नैनो यूरिया, डीएपी, कीटनाशक आदि का छिड़काव ड्रोन के जरिए सुविधाजनक तरीके से कर सकेंगी। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।
मंत्री राठौर ने कहा कि जन औषधि केंद्रों के विस्तार की दिशा में भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अब तक 106 केंद्र खोले जा चुके हैं और आज 51 नए केंद्रों का लोकार्पण हुआ है। हमारी योजना है कि सभी टैक्स केंद्रों पर जनऔषधि केंद्र खोले जाएं ताकि ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में सस्ती, गुणवत्तायुक्त दवाएं 80-90% छूट पर उपलब्ध कराई जा सकें।
ICCMT कर्मचारियों की पुरानी मांगों को भी सम्मानपूर्वक स्वीकार किया गया है। उनका मानदेय ₹25,000 से बढ़ाकर ₹35,000 कर दिया गया है और ₹5,000 अतिरिक्त स्टेशनरी बजट भी स्वीकृत किया गया है। हमारा प्रयास है कि सहकारिता के माध्यम से गांव, गरीब और किसानों को सीधा लाभ मिले और एक आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना साकार हो।”
पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना।
जलवायु पर चिंता, पेड़ लगाओ अभियान को मिला समर्थन
पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि “पहले नौतपा में 9 दिन गर्मी पड़ती थी, अब 30 दिन हो गए हैं। ठंड भी घटकर सिर्फ 10 दिन रह गई है।
सवाल है हम अगली पीढ़ी के लिए क्या छोड़कर जाएंगे?”उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 37 करोड़ वृक्षारोपण अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि सहकारिता प्रकोष्ठ भी इस लक्ष्य को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
जनऔषधि केंद्रों से स्वास्थ्य को नया आधार
IMPEX परिसरों में जनऔषधि केंद्रों का उद्घाटन किया गया, जिनके जरिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और गुणवत्तायुक्त दवाएं 80-90% छूट पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि अब तक 106 जनऔषधि केंद्र खोले जा चुके हैं, और आज 51 नए केंद्रों का लोकार्पण हुआ है। सभी टैक्स केंद्रों पर जनऔषधि केंद्र खोलने की योजना है ताकि गरीबों को घर के पास ही सस्ती दवाइयों की सुविधा मिल सके।