सर्दी, खांसी, बुखार व श्वसन रोग से पीड़ित मरीजों की होगी कोरोना जांच
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बेगूसराय, निज प्रतिनिधि। देश के बाद पटना में भी कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट दस्तक दे चुका है। कोरोना के नये वेरिंएट जेएन-1 से पीड़ित दो मरीजों के सामने आने के बाद बिहार सरकार अलर्ट मोड में आ गयी है। कोरोना वायरस के नये वेरिएंट की संभावित लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीएम व सिविल सर्जन को एडवाइजरी पत्र जारी कर आदेश का अनुपालन करने को कहा है। जारी की गयी एडवाइजरी के अनुसार सदर अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए सर्दी, खांसी, बुखार व श्वसन रोग से संबंधित पीड़ित मरीजों की हर हाल में कोविड जांच की जानी है। लेकिन, एडवाइजरी पत्र जारी होने के बाद भी सदर अस्पताल में कोरोना से बचाव के लिए व्यवस्था शुरू नहीं की गयी है। कोरोना की जांच में गति नहीं आयी है।
वर्तमान में सिर्फ रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से ही कोरोना की जांच की जा रही है। सैंपल कलेक्शन केंद्र सुबह साढ़े आठ बजे से रात आठ बजे तक खुला रहता है। कलेक्शन केंद्र के अनुसार प्रतिदिन 40 से 50 लोगों की कोविड जांच की जा रही है। इनमें से अधिकतर कोर्ट, उत्पाद व पुलिस विभाग से आने वाले लोगों की कोरोना की जांच होती है जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। 22 दिसंबर को 75 लोगों की कोविड जांच की गयी। इनमें से उत्पाद विभाग से आए 14, कोर्ट से आए 45 लोगों व शेष अस्पताल में आए अन्य मरीजों की संख्या है।
सीएस को यह निर्देश किया जारी
जिले में कोविड की आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ायी जाए। अस्पताल आन वाले सभी बुखार, खांसी व श्वसन रोग से संबंधित पीड़ितों की कोविड की जांच हर हाल में हो। सभी आईएलआई व एसएआरआई के मामलों की आईएचआईपी पोर्टल पर प्रविष्टी हो। अस्पताल में सामान्य, ऑक्सीजन व आईसीयू बेड की कार्यशीलता के साथ-साथ दवा, चिकित्सक, ऑक्सीजन उपकरणों, रिएजेंट की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए उनकी कार्यशीलता सुनिश्चित हो। अस्पताल परिसर में कोविड समुचित व्यवहार जैसे मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर की उपलब्धता का अनुपालन हो। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों व लैब की जांच कर आंकड़ों की इंट्री प्रतिदिन हो।
कहते हैं सीएस
अपर मुख्य सचिव का एडवाइजरी पत्र मिल गया है। आरएमए एसटैक्टर खराब होने से अभी जांच की प्रक्रिया धीमी है। कोरोना जांच की गति तेज करने का निर्देश दिया गया है। कोरोना जांच के लिए किट उपलब्ध है। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से मास्क लगाने का निर्देश दिया गया है। तीन स्तर पर कोरोना जांच की जाती है। कोरोना की सटीक जांच आरटीपीसीआर से होती है। मटिहानी में जांच की सुविधा उपलब्ध है। सोशल डिस्टेंस का भी पालन होगा। सदर अस्पताल के अलावा बलिया व तेघड़ा अनुमंडल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में है। कोरोना के लिए स्पेशल वार्ड दो से तीन दिनों में बना दिया जाएगा।
-डॉ. प्रमोद सिंह, सिविल सर्जन
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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बेगूसराय, निज प्रतिनिधि। देश के बाद पटना में भी कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट दस्तक दे चुका है। कोरोना के नये वेरिंएट जेएन-1 से पीड़ित दो मरीजों के सामने आने के बाद बिहार सरकार अलर्ट मोड में आ गयी है। कोरोना वायरस के नये वेरिएंट की संभावित लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीएम व सिविल सर्जन को एडवाइजरी पत्र जारी कर आदेश का अनुपालन करने को कहा है। जारी की गयी एडवाइजरी के अनुसार सदर अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए सर्दी, खांसी, बुखार व श्वसन रोग से संबंधित पीड़ित मरीजों की हर हाल में कोविड जांच की जानी है। लेकिन, एडवाइजरी पत्र जारी होने के बाद भी सदर अस्पताल में कोरोना से बचाव के लिए व्यवस्था शुरू नहीं की गयी है। कोरोना की जांच में गति नहीं आयी है।
वर्तमान में सिर्फ रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से ही कोरोना की जांच की जा रही है। सैंपल कलेक्शन केंद्र सुबह साढ़े आठ बजे से रात आठ बजे तक खुला रहता है। कलेक्शन केंद्र के अनुसार प्रतिदिन 40 से 50 लोगों की कोविड जांच की जा रही है। इनमें से अधिकतर कोर्ट, उत्पाद व पुलिस विभाग से आने वाले लोगों की कोरोना की जांच होती है जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। 22 दिसंबर को 75 लोगों की कोविड जांच की गयी। इनमें से उत्पाद विभाग से आए 14, कोर्ट से आए 45 लोगों व शेष अस्पताल में आए अन्य मरीजों की संख्या है।
सीएस को यह निर्देश किया जारी
जिले में कोविड की आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ायी जाए। अस्पताल आन वाले सभी बुखार, खांसी व श्वसन रोग से संबंधित पीड़ितों की कोविड की जांच हर हाल में हो। सभी आईएलआई व एसएआरआई के मामलों की आईएचआईपी पोर्टल पर प्रविष्टी हो। अस्पताल में सामान्य, ऑक्सीजन व आईसीयू बेड की कार्यशीलता के साथ-साथ दवा, चिकित्सक, ऑक्सीजन उपकरणों, रिएजेंट की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए उनकी कार्यशीलता सुनिश्चित हो। अस्पताल परिसर में कोविड समुचित व्यवहार जैसे मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर की उपलब्धता का अनुपालन हो। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों व लैब की जांच कर आंकड़ों की इंट्री प्रतिदिन हो।
कहते हैं सीएस
अपर मुख्य सचिव का एडवाइजरी पत्र मिल गया है। आरएमए एसटैक्टर खराब होने से अभी जांच की प्रक्रिया धीमी है। कोरोना जांच की गति तेज करने का निर्देश दिया गया है। कोरोना जांच के लिए किट उपलब्ध है। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से मास्क लगाने का निर्देश दिया गया है। तीन स्तर पर कोरोना जांच की जाती है। कोरोना की सटीक जांच आरटीपीसीआर से होती है। मटिहानी में जांच की सुविधा उपलब्ध है। सोशल डिस्टेंस का भी पालन होगा। सदर अस्पताल के अलावा बलिया व तेघड़ा अनुमंडल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में है। कोरोना के लिए स्पेशल वार्ड दो से तीन दिनों में बना दिया जाएगा।
-डॉ. प्रमोद सिंह, सिविल सर्जन
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