सरिस्का में बढ़ेंगे सफारी रूट: DFO बोले- तालवृक्ष रेंज में मिलेगा बाघों का बेहतर दर्शन, पर्यटन क्षेत्र दोगुना होगा – Alwar News h3>
सरिस्का के सदर गेट के पास बना विभागीय कार्यालय।
सरिस्का टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए जल्द ही नए सफारी रूट विकसित किए जाएंगे। अलवर DFO अभिमन्यु साहरण ने बताया कि बाघों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से टाइगर कंजर्वेशन प्लान के तहत नए सफारी रूट विकसित किए जाएंगे।
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वर्तमान में सरिस्का का केवल 6-7% हिस्सा ही पर्यटकों के लिए खुला है। लेकिन इस प्लान के लागू होने के बाद यह प्रतिशत बढ़कर 12-14% तक पहुंच जाएगा। टाइगर कंजर्वेशन प्लान को आगामी 10 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
तालवृक्ष रेंज में सर्वाधिक बाघ, हाल ही में चार शावकों का जन्म सरिस्का के उत्तरी हिस्से में बफर जोन और तालवृक्ष क्षेत्र में बाघों की मौजूदगी सबसे अधिक है। यहीं पर टाइगर मूवमेंट भी अधिक देखा गया है, लेकिन वर्तमान में इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए सफारी रूट अधिक नहीं हैं। नए सफारी रूट विकसित होने के बाद पर्यटकों को बाघों की साइटिंग का बेहतर अवसर मिलेगा। तालवृक्ष रेंज में ही पिछले दिनों बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया था। जिसके कारण क्षेत्र में बाघों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
DFO अभिमन्यु साहरण सरिस्का नक्शे पर सफारी के रूट दिखाते हुए।
बाघों की ट्रैकिंग के लिए चार सदस्यीय टीम, दोपहिया वाहनों पर रोक रणथम्भौर में रेंजर पर अटैक होने की घटना के बाद अलवर सरिस्का में भी टाइगर की ट्रैकिंग करने के लिए विशेष सावधानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। अब ट्रैकिंग करने वाली टीम में 2 की बजाय 4 सदस्य कर दिए हैं। इसके अलावा पांडुपोल मंदिर मार्ग पर दोपहिया वाहनों पर रोक लगा दी गई है। सरिस्का क्षेत्र में नाकों और चौकियों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी प्रमुख मार्गों पर बेरिकेट्स और साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं ताकि आगंतुकों को टाइगर मूवमेंट के बारे में जानकारी मिल सके। अधिकारियों को समूह में ट्रेकिंग करने और सुरक्षा उपकरण रखने की हिदायत दी गई है।
नए रूट बनने के बाद टाइगर मूवमेंट वाले क्षेत्रों को सुरक्षित रखते हुए पर्यटकों के लिए सुरक्षित सफारी अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा। इस नए प्लान से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बाघों का बेहतर संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।