सरथा प्लस-टू स्कूल का 2 करोड़ से बनेगा जी-प्लस टू भवन

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सरथा प्लस-टू स्कूल का 2 करोड़ से बनेगा जी-प्लस टू भवन

सरथा प्लस-टू स्कूल का 2 करोड़ से बनेगा जी-प्लस टू भवन


सरथा प्लस-टू स्कूल का 2 करोड़ से बनेगा जी-प्लस टू भवन
8 वर्ग कक्ष, दो कम्प्यूटर लैब, साइंस व आट्र्स संकाय के बनेंगे लैब कक्ष

गर्ल्स कॉमनरूम, स्टॉफ रूम समेत सभी तल्लों पर होंगे चार-चार शौचालय

फिलहाल 8 कमरों में ही 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाई करने की विवशता

फोटो :

सरथा स्कूल : सरथा मध्य विद्यालय का भवन।

हरनौत, निज संवाददाता।

प्रखंड के सरथा प्लस-टू स्कूल का दो करोड़ से भवन निर्माण कराने की शिक्षा विभाग ने स्वीकृति दी है। शिक्षा विभाग के उप तकनीकी प्रबंधक रामानुज प्रसाद सिंह ने बताया कि भवन निर्माण की सभी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। जल्द ही भवन निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। कनीय अभियंता राकेश कुमार रौशन ने बताया कि मूलभूत सुविधाओं से लैस आठ वर्ग कक्ष, दो कम्प्यूटर लैब, विज्ञान व कला संकाय के लिए अलग अलग लैब कक्षों का निर्माण कराया जाएगा। स्कूल के प्रशासनिक कार्य के लिए एक कार्यालय कक्ष बनाया जाएगा। छात्राओं के लिए कॉमन रूम, स्कूल के कर्मियों व शिक्षकों के लिए भी स्टाफ रूम का भी निर्माण कराया जाएगा। खास बात यह कि हर तल्ले पर बालिकाओं व बालकों के लिए दो-दो शौचालय बनवाये जाएंगे।

एचएम उदय कुमार सिन्हा ने बताया कि पहली से 12वीं में 710 विद्यार्थी नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए 22 शिक्षक तैनात हैं। लेकिन, पहली से 12वीं तक के छात्रों की पढ़ाई कराने के लिए महज आठ कमरे हैं। तीन जर्जर कमरें हैं। बरसात में पानी टपकता है। नये भवन बन जाने से छात्रों के अलावा शिक्षकों को भी सुविधा होगी। अलग-अलग वर्ग कक्षों में छात्रों की पढ़ाई करायी जा सकेगी।

भूमि दाता सक्रिय :

विद्यालय के भूमि दाता शिक्षाविद सुरेश सिंह ने बताया कि विद्यालय भवन बनाने के लिए पर्याप्त भूमि खुद के पैसे से खरीदकर दान में दी है। पहले आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई की व्यवस्था थी। प्लस-टू स्कूल का दर्जा मिलने के बाद छात्रों को अपनी ही पंचायत में 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने का मौका मिला। लेकिन, कमरे की कमी की वजह से स्कूल प्रशासन को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है।

बोले अधिकारी :

स्कूल का नया भवन बनने से छात्रों व शिक्षकों को काफी सुविधा होगी। अन्य स्कूलों का भवन निर्माण कराने का भी प्रयास किया जा रहा है। ताकि, एक भी विद्यालय में कमरे की कमी नहीं रहे।

राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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