समस्याओं से जूझ रहा सीएम साइंस कॉलेज
दरभंगा। विज्ञान की पढ़ाई के लिए प्रदेश स्तर पर चर्चित सीएम साइंस कॉलेज विभिन्न…
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाMon, 02 Jan 2023 06:21 PM
दरभंगा। विज्ञान की पढ़ाई के लिए प्रदेश स्तर पर चर्चित सीएम साइंस कॉलेज विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। वर्ष 2016 में हुए नैक मूल्यांकन में इस कॉलेज को ‘ए ग्रेड दिया गया था। वर्तमान में इसके भवन की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गयी है। खासकर बरसात के मौसम में इसके भवनों की छतों से पानी टपकता रहता है। इससे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कॉलेज के चारों ओर अवस्थित सड़कों की ऊंचाई अधिक हो जाने से इसके परिसर में जलजमाव की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस दौरान यहां बेमौसम बाढ़ का नजारा दिखता है। बरसात के दिनों में प्रयोगशालाओं की छतों से पानी के रिसाव की वजह से कई उपकरण भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। बता दें कि वर्ष 1938 में उत्तर बिहार के प्रमुख शिक्षण संस्थान के रूप में इस कॉलेज की स्थापना की गयी थी। ऐतिहासिक ‘ओवल मार्केट में मिथिला के तत्कालीन बुद्धिजीवियों के प्रयास से इसकी स्थापना की गयी थी। इस वर्ष यह कॉलेज अपनी स्थापना के 84वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। करीब 4000 छात्र-छात्राओं की क्षमता के साथ कॉलेज में फिलहाल भौतिकी, गणित, जंतु विज्ञान, रसायन शास्त्र व वनस्पति शास्त्र में बीएससी एवं एमएससी के पारंपरिक पाठ्यक्रमों के संचालन के साथ-साथ मशरूम कल्टीवेशन, मोबाइल रिपेयर, पीसी हार्डवेयर, हेल्थ केयर एवं हर्बल मेडिसिन जैसे सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली के तत्वावधान में संस्कृत भाषा उन्नयन केंद्र भी चल रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर प्राचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर से राज्य सरकार के स्तर तक विशेष अनुदान के तहत कॉलेज के ऐतिहासिक भवन के जीर्णोद्धार की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कॉलेज के ऐतिहासिक भवनों की समुचित मरम्मत बिना विशेष सहायता के असंभव दिखता है। प्रो. चौधरी ने कहा कि बीते दिनों एक कार्यक्रम में पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी कॉलेज परिसर में पहुंची थीं। उस दौरान प्रो. चौधरी ने उन्हें भवनों की मरम्मत के लिए बिहार सरकार से विशेष सहायता राशि निर्गत करने की मांग का प्रतिवेदन सौंपा था। प्राचार्य ने बताया कि नई दिल्ली के क्नॉट प्लेस के तर्ज पर 1930 में ओवल मार्केट के रूप में निर्मित भवन में संचालित सीएम साइंस कॉलेज के भवन की मरम्मत के लिए उन्होंने पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से भी आग्रह किया था। उन्होंने कंपनी के सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से कॉलेज के भवनों का जीर्णोद्धार कराने सहित आंतरिक परिसर के पार्क का ‘विज्ञान उद्यान के रूप में सौन्दर्यीकरण कराने का केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह से भी अनुरोध किया है। प्रो. चौधरी ने कहा कि विज्ञान विषयक शिक्षा का सिंगल फैकल्टी कॉलेज होने के कारण यथोचित फंड के अभाव में इसकी समुचित मरम्मत नहीं करायी जा सकती है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।