सबसे पहले पिछली कांग्रेस सरकार की कैबिनेट के 200 फैसलों की होगी जांच | CM Bhajan Lal will investigate 200 decisions of the cabinet of the previous Congress government | News 4 Social h3>
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 9 माह के फैसलों की जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित चार सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति ने काम शुरू कर दिया है। कमेटी ने तय किया है कि सबसे पहले पिछली कांग्रेस सरकार के कैबिनेट के फैसलों की जांच होगी। पिछली सरकार ने 1 अप्रेल से 14 दिसम्बर तक कैबिनेट की मीटिंग में करीब 200 फैसले किए थे। पहले कमेटी इन फैसलों की समीक्षा करेगी।
सूत्रों के अनुसार कमेटी की बैठक हर मंगलवार को होगी। समिति के संयोजक व कैबिनेट मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने सभी विभागों के सचिवों और कैबिनेट सचिवालय को कैबिनेट के फैसलों से जुड़ी जानकारी देने को कहा है। समिति का लक्ष्य है कि करीब डेढ माह में कैबिनेट के फैसलों की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी जाए। इसके अलावा यह समिति पिछले पांच सालों में नॉन बीएसआर के माध्यम से हुए कार्यों की समीक्षा भी करेगी। सभी मामलों की जांच कर समिति को तीन माह में रिपोर्ट देनी है।
समिति में ये मंत्री हैं सदस्य
समिति का संयोजक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर को बनाया गया है, जबकि संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और राज्य मंत्री मंजू बाघमार इस समिति के सदस्य हैं।
335 संस्थाओं-ट्रस्ट को जमीन आवंटन, 216 को 10 फीसदी दर पर दी
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने कार्यकाल के अंतिम समय में कई संगठन-संस्थाओं को 10 प्रतिशत दर पर जमीन आवंटन का फैसला किया था। चुनाव आचार संहिता से छह माह के भीतर ऐसे करीब 335 मामले हैं। इसमें से 216 संस्था-ट्रस्टों को तो आवंटन का फैसला आचार संहिता से ठीक 19 दिन पहले ही किया गया था। इन्हें आरक्षित दर की दस प्रतिशत रेट पर जमीन दी गई। इसके अलावा जयपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर सहित कई शहरों में निवेश और सुविधा के नाम पर सस्ती दर पर जमीन आवंटन किया गया। इनमें निजी अस्पताल, विश्वविद्यालय, स्कूल-कॉलेज प्रबंधन शामिल हैं, जिन्हें आरक्षित दर की 30 फीसदी दर पर भूमि आवंटित की गई।
खनन पट्टों का अन्यत्र पुनर्वास
राज्य सरकार ने बीस सितम्बर को हुई कैबिनेट की बैठक में भरतपुर में निरस्त खनन पट्टे/क्वारी लाइसेंस को अन्यत्र पुनर्वासित कर दिया था। अब इनकी भी समीक्षा होगी।
जाति आधारित सर्वेक्षण का भी हुआ था निर्णय
कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जाति आधारित सर्वेक्षण करवाने का निर्णय किया था। इसके तहत सभी वर्गों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर की जानकारी एकत्रित करनी थी और सरकार ने उसी आधार पर योजनाएं बनाने का निर्णय किया था। आयोजना विभाग को इसका नोडल विभाग भी बनाया गया था।
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ये भी किए थे बड़े फैसले
– पिछली कांग्रेस सरकार में 19 नए जिलों का गठन किया गया
– सोलर एनर्जी कंपनियों को करीब 2 हजार हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई
– उद्योग विभाग के जरिए प्रदेश में निवेश करने वाली कंपनियों को कस्टमाइज्ड पैकेज
– विभिन्न समाजों के बोर्ड गठन, जो चालीस से ज्यादा हैं
– महिलाओं को मुफ्त स्मार्ट फोन वितरण
– 500 पर्यटक मित्रों की नियुक्ति का निर्णय किया गया था
– महात्मा गांधी नरेगा में कार्यरत 4,966 एवं मदरसा बोर्ड के 5562 कार्मिक नियमित करने का निर्णय किया गया था।
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