सतनाः ताप विद्युत गृह की राख से भरी जाएंगी सिंगरौली से 300 किमी दूर की खाली खदानें | Mines 300 km away from Singrauli will be filled with power plant ash | Patrika News
सतनाPublished: Aug 13, 2023 11:29:20 am
सिंगरौली सहित प्रदेश के सभी ताप विद्युत गृहों में तैयार हो चुके राख के समन्दर से निपटने के लिए अब खदानें सहारा बनेंगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया है कि इन थर्मल प्लांट से 300 किमी की दूरी पर स्थित सभी खाली खदानों को प्लांट की राख से भरा जाएगा। खदान भरने का जिम्मा थर्मल पावर प्लांट का होगा। इसके साथ ही ताप विद्युत गृहों की फ्लाइऐश के निष्तारण के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
ताप विद्युत गृह की राख से भरी जाएंगी सिंगरौली से 300 किमी दूर की खाली खदानें
सतना। मध्यप्रदेश में स्थापित सभी ताप विद्युत गृहों में प्रतिदिन भारी पैमाने पर पैदा होने वाली फ्लाइऐश (राख) का निस्तारण अब बड़ी समस्या बन गया है। इसके निस्तारण को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मई महीने में उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई थी। तय किया गया कि इन ताप विद्युत गृहों में पैदा होने वाली राख से इनके 300 किमी की दूरी में मौजूद खदानों को भरा जाएगा। भरने का खर्च भी ताप विद्युत गृह उठाएंगे। इस संबंध में अब सभी जिलों के कलेक्टर को निर्णय से अवगत कराते हुए इसका पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। रीवा संभाग में अब सिंगरौली ताप विद्युत गृह की राख से जिले की रिक्त हो चुकी खदानें और निचले क्षेत्र भरे जाएंगे।
सतनाPublished: Aug 13, 2023 11:29:20 am
सिंगरौली सहित प्रदेश के सभी ताप विद्युत गृहों में तैयार हो चुके राख के समन्दर से निपटने के लिए अब खदानें सहारा बनेंगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया है कि इन थर्मल प्लांट से 300 किमी की दूरी पर स्थित सभी खाली खदानों को प्लांट की राख से भरा जाएगा। खदान भरने का जिम्मा थर्मल पावर प्लांट का होगा। इसके साथ ही ताप विद्युत गृहों की फ्लाइऐश के निष्तारण के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
ताप विद्युत गृह की राख से भरी जाएंगी सिंगरौली से 300 किमी दूर की खाली खदानें
सतना। मध्यप्रदेश में स्थापित सभी ताप विद्युत गृहों में प्रतिदिन भारी पैमाने पर पैदा होने वाली फ्लाइऐश (राख) का निस्तारण अब बड़ी समस्या बन गया है। इसके निस्तारण को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मई महीने में उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई थी। तय किया गया कि इन ताप विद्युत गृहों में पैदा होने वाली राख से इनके 300 किमी की दूरी में मौजूद खदानों को भरा जाएगा। भरने का खर्च भी ताप विद्युत गृह उठाएंगे। इस संबंध में अब सभी जिलों के कलेक्टर को निर्णय से अवगत कराते हुए इसका पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। रीवा संभाग में अब सिंगरौली ताप विद्युत गृह की राख से जिले की रिक्त हो चुकी खदानें और निचले क्षेत्र भरे जाएंगे।