सड़क निर्माण में जमीन गई, मुआवजा दूसरे को मिला: किसान बोला- 26 डिसमिल जमीन के बदले 10 लाख रुपए मिलने थे, अब DM से न्याय की आस – Aurangabad (Bihar) News

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सड़क निर्माण में जमीन गई, मुआवजा दूसरे को मिला:  किसान बोला- 26 डिसमिल जमीन के बदले 10 लाख रुपए मिलने थे, अब DM से न्याय की आस – Aurangabad (Bihar) News
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सड़क निर्माण में जमीन गई, मुआवजा दूसरे को मिला: किसान बोला- 26 डिसमिल जमीन के बदले 10 लाख रुपए मिलने थे, अब DM से न्याय की आस – Aurangabad (Bihar) News

सफेद शर्ट में पीड़ित किसान अभय सिंह।

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औरंगाबाद में सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए मुआवजा राशि जिस किसान को मिलना था, वो राशि उसे न मिलकर किसी दूसरे को दे दी गई है। मामला कुटुंबा प्रखंड के मंझौली गांव का है। पीड़ित किसान अभय सिंह ने बताया कि जमीन अधिग्रहण में उसकी 26 डिसमिल जमी

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पीड़ित किसान अभय सिंह ने डीएम को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। उसने आरोप लगाया है कि अधिकारियों और कर्मियों की मिली भगत से उसकी जमीन का मुआवजा लगभग 10 लाख रुपए सिंघना गांव निवासी रवि रंजन सिंह को दे दिया गया है। अभय सिंह ने बताया कि खाता संख्या 14, प्लॉट संख्या 189 में 1 एकड़ 1 डिसमिल जमीन उनके पूर्वजों के नाम से दर्ज थी। यह जमीन सर्वे खतियान में जदु सिंह, कवलनाथ सिंह, तिलक सिंह, नागेश्वर सिंह, परमेश्वर सिंह, कृत सिंह और मितरमान सिंह के नाम पर थी।

जमीन अधिग्रहण के लिए किसान को भेजा गया नोटिस।

पीड़ित बोला- मेरे नाम से रसीद भी कट रही है

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नागेश्वर सिंह की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति उनके पुत्र राम सवारथ सिंह और रमन सिंह को मिली। रमन सिंह की मृत्यु के बाद राम सवारथ सिंह को पूरी संपत्ति मिली। राम सवारथ सिंह के चार पुत्रों में राजेन्द्र सिंह, राजकेश्वर सिंह, रामप्रवेश सिंह और मिथिलेश सिंह शामिल थे। आपसी बंटवारे में खाता संख्या 14, प्लॉट संख्या 189 की 26 डिसमिल जमीन राजकेश्वर सिंह को मिली। राजकेश्वर सिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र अभय सिंह इस जमीन पर काबिज हो गए। उनके नाम से सरकारी रसीद भी कट रही है।

भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी से कोलकाता एक्सप्रेसवे के लिए खाता संख्या 14, प्लॉट संख्या 189 की 0.74204 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई। इसमें अभय सिंह की जमीन भी शामिल है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी औरंगाबाद ने 7 मई 2024 को अभय सिंह के नाम नोटिस जारी किया। उन्हें 22 मई 2024 तक कागजात जमा कर मुआवजा लेने का निर्देश दिया गया।

अभय सिंह कागजात लेकर डीएम के पास पहुंचे

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अभय सिंह ने बताया कि वे अपने जमीन के कागजात लेकर अंचलाधिकारी चंद्र प्रकाश के पास गए थे। उन्होंने सभी दस्तावेज जमा किए। लेकिन मुआवजा नहीं मिला। अधिकारी बार-बार नए कागजात मांगते रहे और आश्वासन देते रहे कि मुआवजा मिल जाएगा। जब वे अंतिम बार अंचलाधिकारी से मिलने गए तो बताया गया कि उनकी जमीन का मुआवजा सिंघना गांव के रविरंजन सिंह को दे दिया गया है।

अभय सिंह ने आरोप लगाया कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारी औरंगाबाद, अंचलाधिकारी अम्बा और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से यह मुआवजा गलत व्यक्ति को दे दिया गया। उन्होंने मांग की है कि उनकी जमीन का मुआवजा रविरंजन सिंह से वसूल कर उन्हें दिलाया जाए।

अंचलाधिकारी बोले- मामले की पड़ताल की जा रही है

इस संबंध में अंचलाधिकारी चंद्र प्रकाश ने बताया कि उसकी भूमि सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी। कुछ दिनों पूर्व भू अर्जन के अमीन द्वारा जमीन की नापी कराई गई थी। अमीन द्वारा जिन-जिन किसानों का नापी रशीद कार्यालय को सौंपा गया उन किसानों को मुआवजा का भुगतान किया गया है या मुआवजा भुगतान प्रक्रिया में है। लेकिन किसान अभय सिंह का नापी रसीद अमीन द्वारा कार्यालय को नहीं सौंपा गया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। जांच पड़ताल के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

किसान नेता बोले- सरकार किसानों की जमीन हड़प रही है

इधर, इस तरह का मामला सामने आने के बाद किसान नेता राजकुमार सिंह ने मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की जमीन को औने-पौने दाम में हड़पा जा रहा है। अब जो किसान मुआवजा लेने को तैयार हैं, उनकी राशि भी हड़पने की साजिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालय में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। बिना पैसे के किसानों का कोई काम नहीं होता है। अंचलकर्मियों के मिली भगत से ही इस तरह की गड़बड़ी संभव है। यही नहीं पूर्व में भी अंबा देव रोड एसएच 101 के चौड़ीकरण के के लिए कुटुंबा प्रखंड के कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई। सड़क निर्माण होने के बाद किसान मुआवजा की मांग करने लगे तो उनकी अधिग्रहित की गई जमीन का भू स्वामित्व पत्र बनाने के लिए आंचल कर्मियों द्वारा मोटी रकम की मांग की जा रही है। जिससे किसान परेशान है।

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