संसद में उठा पंजाब बॉर्डर पर ड्रोन का मुद्दा: राज्यसभा सांसद संदीप पाठक बोले- पाकिस्तान इसी बहाने लड़ रहा है प्रॉक्सी वार – Punjab News

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संसद में उठा पंजाब बॉर्डर पर ड्रोन का मुद्दा:  राज्यसभा सांसद संदीप पाठक बोले- पाकिस्तान इसी बहाने लड़ रहा है प्रॉक्सी वार – Punjab News
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संसद में उठा पंजाब बॉर्डर पर ड्रोन का मुद्दा: राज्यसभा सांसद संदीप पाठक बोले- पाकिस्तान इसी बहाने लड़ रहा है प्रॉक्सी वार – Punjab News

पंजाब के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने राज्य के सीमावर्ती एरिया में पाकिस्तान द्वारा की जा रही ड्रोन एक्टिविटी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि इसका संबंध सीधे देश की सुरक्षा और बॉर्डर एरिया में रहने वाले लोगों के जीवन से जुड़ा है।

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पाकिस्तान इसी तरीके से प्राक्सी वार लड़ रहा है। साथ ही हमारे देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के साथ ही लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। इस दिशा में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्नत तकनीक तैयार की जानी चाहिए।

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बहुत कम ड्रोन गिराए जा रहे हैं

सांसद संदीप पाठक ने बताया कि पंजाब की 550 किलोमीटर सीमा सीधे पाकिस्तान को टच करती है। इस एरिया में ड्रोन का दखल लगातार बढ़ रहा है। 2020 में 50 ड्रोन देखे गए थे, लेकिन हर साल इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले साल साढ़े 350 ड्रोन देखे गए। लेकिन चिंता की बात यह है जितने ड्रोन गिराए जाते हैं, वह बहुत कम हैं। इसका मतलब यह है अधिकतर ड्रोन आते हैं और नशा, हथियार व अन्य सामाग्री गिराकर वापस चले जाते हैं, जो चिंताजनक है।

चीन और तुर्किये से खरीद रहा ड्रोन

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पाठक ने बताया कि पाकिस्तान चीन और तुर्किये से ड्रोन इंपोर्ट करता है। हमारे देश में एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी उतनी एडवांस नहीं है। नई टेक्नोलॉजी हमें उसे एक्वायर करनी होगी। इसमें ट्रेनिंग पर भी फोकस करना होग। फर्स्ट लाइन ऑफ कंट्रोल बीएसएफ व सेकेंड लाइन स्टेट पुलिस हैं।

यह भी देखना होगा कि बीएसएफ टेक्नोलॉजी व ट्रेनिंग के मामले में सक्षम है या नहीं है। हमारे देश को इस खतरे का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए तत्काल उन्नत एंटी-ड्रोन तकनीक हासिल करनी चाहिए। इसके अलावा, सुरक्षा से संबंधित उन्नत प्रशिक्षण भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

बॉर्डर एरिया के लोग आफत में

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सीमावर्ती गांवों के निवासियों को होने वाली कठिनाइयों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए पाठक ने बताया कि कैसे ड्रोन के आने से अक्सर पूरे गांवों को सील कर दिया जाता है और सुरक्षा कारणों से हर घर की तलाशी ली जाती है। उन्होंने सरकार से ड्रोन घुसपैठ के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाने और इस चुनौती से निपटने के लिए व्यावहारिक समाधान लागू करने का आग्रह किया।

ड्रोन को बेअसर करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आधुनिक और रणनीतिक उपकरणों के उपयोग की सिफारिश की और कहा, “सरकार को इस मुद्दे को हल करने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए, खासकर अमृतसर और तरनतारन जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में, जहां इसका प्रभाव सबसे ज्यादा है।

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