संभल हिंसा:सपा सांसद बर्क की बढ़ेंगी मुश्किलें: एसपी बोले- विवेचना के लिए जारी होगा 41A का नोटिस, पूछताछ होनी जरुरी – Sambhal News h3>
सनी गुप्ता, संभल2 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
Advertising
संभल हिंसा मामले में जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अब सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क पर भी शिकंजा कस सकता है। SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि सांसद को पूछताछ के लिए जल्द ही 41(A) का नोटिस जारी किया जाएगा।
Advertising
एसपी ने कहा कि 24 नवंबर को हिंसा के मामले में कोतवाली संभल में केस दर्ज किया गया था। इस केस में सांसद नामजद अभियुक्त हैं, इसलिए उनसे पूछताछ जरूरी है। विवेचक की ओर से जल्द ही 41(A) का नोटिस जारी किया जाएगा, जो माननीय उच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया है।
सांसद ने किससे क्या बातचीत की, पूछताछ जरूरी एसपी ने बताया कि सांसद जिया उर्रहमान बर्क से यह जानना जरूरी है कि उन्होंने हिंसा से पहले और बाद में किससे क्या बातचीत की थी। उनके स्टेटमेंट और कोर्ट में दिए गए हलफनामे की भी जांच होगी। गिरफ़्तारी के सवाल पर एसपी ने कहा कि यह विवेचक के विवेक पर निर्भर करेगा।
क्या है धारा 41A धारा 41A के तहत, पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को नोटिस भेजकर उसे पुलिस स्टेशन या किसी अन्य स्थान पर उपस्थित होने के लिए कह सकता है। अगर उसे लगता है कि उस व्यक्ति के पास मामले से संबंधित जानकारी हो सकती है या वह मामले से जुड़ा हो सकता है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है।
Advertising
एसपी बोले- सांसद के स्टेटमेंट और कोर्ट में दिए गए हलफनामे की भी जांच होगी।
19 नवंबर को हिंसा, 24 को सर्वे के दौरान बवाल हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद वास्तव में श्री हरिहर मंदिर है। इसी दिन मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ और 24 नवंबर को दूसरा चरण शुरू हुआ। सर्वे के दौरान हजारों लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। हिंसा इतनी बढ़ गई कि उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
अब तक 81 गिरफ्तार, सपा सांसद पर भी कस सकता है शिकंजा इस हिंसा के मामले में पुलिस पहले ही 79 उपद्रवियों को जेल भेज चुकी है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। बीते रविवार को जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद यह संख्या 81 हो गई। अब पुलिस की नजर सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क पर है।
Advertising
डीएम बोले- शांति समिति की बैठक हम कर रहे हैं। हमारी पूर्ण तैयारियां हैं।
क्या आगे बढ़ेगी कार्रवाई एसपी का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही सांसद से पूछताछ की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी, तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। फिलहाल, पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है और जल्द ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
फ्लैग मार्च में एएसपी और सीओ ने नेतृत्व किया।
डीएम बोले- तहसील को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा गया संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हमने तहसील को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा है। शांति समिति की बैठक हम कर रहे हैं। हमारी पूर्ण तैयारियां हैं। हम चाहते हैं कि आगामी पर्व और त्योहार लोग शांति से मनाएं। संभल हिंसा के बाद लगभग 1800 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसा की घटना में अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कई अभियुक्त अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
मस्जिद और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस और आरआरएफ जवानों ने फ्लैग मार्च किया।
एएसपी बोले- हिंसा में शामिल कोई अपराधी बख्शा नहीं जाएगा एएसपी श्रीश चंद्र ने कहा- जनता में विश्वास बहाली के लिए फ्लैग मार्च निकाला गया है। जिसमें विश्वास दिलाया जा रहा है कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। हिंसा में शामिल कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा। सभी का दायित्व है कि साक्ष्य प्रस्तुत करें।
संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली।
27 मार्च को होगी जफर अली की जमानत याचिका पर सुनवाई संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली की जमानत याचिका पर अपर जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने बहस की। जिसके बाद ADJ द्वितीय कोर्ट के न्यायाधीश निर्भय नारायण राय ने सीडी (केस डायरी) जमा करने के लिए 27 मार्च की तिथि तय की है।
जमानत याचिका पर सुनवाई अब सीडी आने के बाद ही होगी। इससे पहले, रविवार को गिरफ्तारी के बाद चंदौसी स्थित जिला न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिवीजन एवं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदित्य सिंह ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
जफर अली के खिलाफ इन धाराओं में हुई कार्रवाई – 191 (2)- बलवा करने के लिए दंड, सजा दो वर्ष 191- घातक आयुधों से सुसज्जित होकर हमला करना 190 – एक उद्देश्य से विधि विरूद्ध इकट्ठा होकर लोगों को संगठित करना 221- लोकसेवक के कृत्यों के निर्वहन में बाधा डालना 132- लोक सेवक को अपने कर्त्तव्य से रोकने के लिए हमला या बल प्रयोग करना, सजा दो वर्ष 125- दूसरों के जीवन में संकट उत्पन्न करना, सजा तीन वर्ष 324 (5), 50 रुपये से अधिक संपत्ति का नुकसान करना 196 – भडकाऊ भाषण देना, सजा तीन वर्ष 223 (बी) लोकसेवक के निर्देशों का उल्लंघन करना, सजा एक वर्ष 326 (एफ)- विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाना या क्षति करना, सजा सात वर्ष 230- झूठी गवाही देना या झूठे साक्ष्य इकट्ठा करना, सजा आजीवन कारावास ————————————————————————————-
ये खबर भी पढ़ेंः- संभल हिंसा में जितने मरे, सबको पुलिस ने मारा: जेल जाते वक्त चिल्लाकर जफर अली बोले- मैंने पोल खोल दी, इसलिए फंसाया
संभल हिंसा के 4 महीने बाद जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रविवार रात साढ़े 9 बजे मुरादाबाद जेल भेज दिया गया। जीप से उतरते ही जफर ने कहा- हिंसा के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसलिए मुझे जेल भेजा गया। पढ़ें पूरी खबर…
उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News
Advertising
सनी गुप्ता, संभल2 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
संभल हिंसा मामले में जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अब सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क पर भी शिकंजा कस सकता है। SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि सांसद को पूछताछ के लिए जल्द ही 41(A) का नोटिस जारी किया जाएगा।
एसपी ने कहा कि 24 नवंबर को हिंसा के मामले में कोतवाली संभल में केस दर्ज किया गया था। इस केस में सांसद नामजद अभियुक्त हैं, इसलिए उनसे पूछताछ जरूरी है। विवेचक की ओर से जल्द ही 41(A) का नोटिस जारी किया जाएगा, जो माननीय उच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया है।
सांसद ने किससे क्या बातचीत की, पूछताछ जरूरी एसपी ने बताया कि सांसद जिया उर्रहमान बर्क से यह जानना जरूरी है कि उन्होंने हिंसा से पहले और बाद में किससे क्या बातचीत की थी। उनके स्टेटमेंट और कोर्ट में दिए गए हलफनामे की भी जांच होगी। गिरफ़्तारी के सवाल पर एसपी ने कहा कि यह विवेचक के विवेक पर निर्भर करेगा।
क्या है धारा 41A धारा 41A के तहत, पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को नोटिस भेजकर उसे पुलिस स्टेशन या किसी अन्य स्थान पर उपस्थित होने के लिए कह सकता है। अगर उसे लगता है कि उस व्यक्ति के पास मामले से संबंधित जानकारी हो सकती है या वह मामले से जुड़ा हो सकता है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है।
एसपी बोले- सांसद के स्टेटमेंट और कोर्ट में दिए गए हलफनामे की भी जांच होगी।
19 नवंबर को हिंसा, 24 को सर्वे के दौरान बवाल हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद वास्तव में श्री हरिहर मंदिर है। इसी दिन मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ और 24 नवंबर को दूसरा चरण शुरू हुआ। सर्वे के दौरान हजारों लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। हिंसा इतनी बढ़ गई कि उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
अब तक 81 गिरफ्तार, सपा सांसद पर भी कस सकता है शिकंजा इस हिंसा के मामले में पुलिस पहले ही 79 उपद्रवियों को जेल भेज चुकी है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। बीते रविवार को जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद यह संख्या 81 हो गई। अब पुलिस की नजर सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क पर है।
डीएम बोले- शांति समिति की बैठक हम कर रहे हैं। हमारी पूर्ण तैयारियां हैं।
क्या आगे बढ़ेगी कार्रवाई एसपी का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही सांसद से पूछताछ की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी, तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। फिलहाल, पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है और जल्द ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
फ्लैग मार्च में एएसपी और सीओ ने नेतृत्व किया।
डीएम बोले- तहसील को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा गया संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हमने तहसील को 11 जोन और 28 सेक्टर में बांटा है। शांति समिति की बैठक हम कर रहे हैं। हमारी पूर्ण तैयारियां हैं। हम चाहते हैं कि आगामी पर्व और त्योहार लोग शांति से मनाएं। संभल हिंसा के बाद लगभग 1800 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसा की घटना में अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कई अभियुक्त अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
मस्जिद और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस और आरआरएफ जवानों ने फ्लैग मार्च किया।
एएसपी बोले- हिंसा में शामिल कोई अपराधी बख्शा नहीं जाएगा एएसपी श्रीश चंद्र ने कहा- जनता में विश्वास बहाली के लिए फ्लैग मार्च निकाला गया है। जिसमें विश्वास दिलाया जा रहा है कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। हिंसा में शामिल कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा। सभी का दायित्व है कि साक्ष्य प्रस्तुत करें।
संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली।
27 मार्च को होगी जफर अली की जमानत याचिका पर सुनवाई संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली की जमानत याचिका पर अपर जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने बहस की। जिसके बाद ADJ द्वितीय कोर्ट के न्यायाधीश निर्भय नारायण राय ने सीडी (केस डायरी) जमा करने के लिए 27 मार्च की तिथि तय की है।
जमानत याचिका पर सुनवाई अब सीडी आने के बाद ही होगी। इससे पहले, रविवार को गिरफ्तारी के बाद चंदौसी स्थित जिला न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिवीजन एवं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदित्य सिंह ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
जफर अली के खिलाफ इन धाराओं में हुई कार्रवाई – 191 (2)- बलवा करने के लिए दंड, सजा दो वर्ष 191- घातक आयुधों से सुसज्जित होकर हमला करना 190 – एक उद्देश्य से विधि विरूद्ध इकट्ठा होकर लोगों को संगठित करना 221- लोकसेवक के कृत्यों के निर्वहन में बाधा डालना 132- लोक सेवक को अपने कर्त्तव्य से रोकने के लिए हमला या बल प्रयोग करना, सजा दो वर्ष 125- दूसरों के जीवन में संकट उत्पन्न करना, सजा तीन वर्ष 324 (5), 50 रुपये से अधिक संपत्ति का नुकसान करना 196 – भडकाऊ भाषण देना, सजा तीन वर्ष 223 (बी) लोकसेवक के निर्देशों का उल्लंघन करना, सजा एक वर्ष 326 (एफ)- विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाना या क्षति करना, सजा सात वर्ष 230- झूठी गवाही देना या झूठे साक्ष्य इकट्ठा करना, सजा आजीवन कारावास ————————————————————————————-
ये खबर भी पढ़ेंः- संभल हिंसा में जितने मरे, सबको पुलिस ने मारा: जेल जाते वक्त चिल्लाकर जफर अली बोले- मैंने पोल खोल दी, इसलिए फंसाया
संभल हिंसा के 4 महीने बाद जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रविवार रात साढ़े 9 बजे मुरादाबाद जेल भेज दिया गया। जीप से उतरते ही जफर ने कहा- हिंसा के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसलिए मुझे जेल भेजा गया। पढ़ें पूरी खबर…