संडे जज्बात- शादी कर बेटी लंदन भेजी, वहां लाश मिली: लड़का बिना देखे रिश्ता किया, हर्षिता ने कहा था- वो मुझे मार देगा

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संडे जज्बात- शादी कर बेटी लंदन भेजी, वहां लाश मिली:  लड़का बिना देखे रिश्ता किया, हर्षिता ने कहा था- वो मुझे मार देगा
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संडे जज्बात- शादी कर बेटी लंदन भेजी, वहां लाश मिली: लड़का बिना देखे रिश्ता किया, हर्षिता ने कहा था- वो मुझे मार देगा

मैं सुदेश कुमारी, हर्षिता ब्रेला की मां। दिल्ली के पालम में रहती हूं। आज से 94 दिन पहले 15 नवंबर 2024 को मेरी बेटी हर्षिता की लाश लंदन में एक कार में मिली।

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हर्षिता से आखिरी बातचीत भी 10 नवंबर को हुई थी। हम दोनों वीडियो कॉल पर थे।

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मैंने उससे पूछा- क्या बनाया है …

हर्षिता बोली- पकौड़े, कढ़ी और पूड़ी बनाई है…

मैंने कहा- ठीक है बेटा, अच्छे से खा लेना… तुम्हारी तबीयत तो ठीक है न?

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हर्षिता बोली- हां मां, सब ठीक है, यहां भी सब ठीक है, तुम चिंता मत करो। अगले महीने ही इंडिया आ रही हूं…

अगले दिन पिता सतबीर ने हर्षिता को मैसेज किया- सब ठीक है न…। कई घंटों के बाद भी कोई रिप्लाई नहीं आया। हम लगातार मैसेज कर रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा था।

सुदेश कुमारी कहती हैं हर्षिता से आखिरी बार 10 नवंबर को वीडियो कॉल पर बात हुई थी।

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कोई कॉल नहीं, कोई मैसेज नहीं। फिर हमने हर्षिता के पति पंकज लांबा के मोबाइल पर भी कई बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया।

14 नवंबर की बात है। मेरे भाई के एक दोस्त लंदन में रहते हैं। हमने हर्षिता के बारे में उन्हें बताया। उनकी मदद से पुलिस कंप्लेंट हुई। पुलिस ने छानबीन शुरू की। 15 नवंबर को पंकज की कार की डिक्की में हर्षिता की डेड बॉडी मिली।

यूके पुलिस ने बताया कि हर्षिता की हत्या गला घोंटकर की गई है। शव उसके पति की कार से मिला है, इसलिए हत्या का शक पति पर ही है। वह यूके छोड़कर भाग गया है।

हत्या के 20 दिन बाद हर्षिता की डेड बॉडी भारत लाई गई। 6 महीने पहले जिस घर से बेटी को दुल्हन के जोड़े में विदा किया था, वहीं उसकी लाश कफन में लिपटी पड़ी थी। 24 साल की ही तो थी वो…

शादी के जोड़े में हर्षिता ब्रेला।

मेरे पति हमेशा हर्षिता से कहते थे कि तुम ही हमारा अंतिम संस्कार करना। किसे पता था कि पिता को ही अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करना पड़ेगा।

जिगर का टुकड़ा मुझे छोड़कर चली गई, लेकिन अंतिम संस्कार से लेकर उसकी तेरहवीं तक, ससुराल से कोई नहीं आया। सास, ससुर… कोई नहीं।

जब मीडिया में, पुलिस में बातें आनी शुरू हुईं, तो हर्षिता के ससुराल वालों ने धमकियां देनी शुरू कर दीं। कहने लगे- देख लेना, अच्छा नहीं होगा।

22 मार्च 2024 को हर्षिता ब्रेला की शादी पंकज लांबा से हुई थी।

अब सोचती हूं कि इतनी भी क्या जल्दी थी कि हमने 24 साल की बेटी की एक महीने के भीतर शादी कर दी। न लड़के के परिवार के बारे में कुछ जाना न लड़के के बारे में। जल्दी-जल्दी में सब कुछ हो गया। हमारी मति भ्रष्ट हो गई थी।

2023 के दिसंबर की बात होगी। मेरे एक रिश्तेदार ने बताया कि हरियाणा के झज्जर का एक लड़का यूके में रहता है। बड़ी कंपनी में नौकरी है और परिवार भी बहुत अच्छा है। ऐसा रिश्ता दुबारा नहीं मिलेगा। उससे बेटी की शादी कर दो।

बड़ी बेटी सोनिया, हर्षिता से 4 साल बड़ी है। 2020-21 में उसकी शादी की थी। सब कुछ अच्छा है। सोचा, अपना कोई बता रहा है तो ठीक ही परिवार होगा।

लड़के के परिवार वालों से एक बार मिली। वो लोग भी हर्षिता से मिले। मेरी बेटी इतनी प्यारी थी कि कोई भी उसे पसंद कर ही लेता। हम उसे प्यार से स्वीटी बुलाते थे। बिल्कुल शांत स्वभाव की थी।

हर्षिता, लंदन में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थी।

हम लोग लड़के से एक बार भी नहीं मिले थे। सिर्फ फोटो में देखा था। 22 मार्च 2024 को शादी की तारीख तय हुई। लड़का एक दिन पहले यूके से इंडिया आया। दिल्ली एयरपोर्ट पर 5 मिनट के लिए हम लोग उससे मिले।

शादी के बाद हर्षिता विदा होकर अपने ससुराल गई थी। करीब 10 दिन वहां रही। सब कुछ अच्छा-अच्छा दिख रहा था। 20 दिन बाद हर्षिता का यूके जाने का प्लान बन गया। पंकज तो शादी के 3 दिन बाद ही यूके चला गया था। हमें क्या पता था कि मेरी बेटी फिर कभी वापस नहीं आएगी।

उसके पति पंकज का कहना था कि उसका (हर्षिता) यूके जाना जरूरी है। हर्षिता भी साथ में रहेगी, तो अच्छा रहेगा। हमें लगा, पति-पत्नी साथ में रहें, इससे खुशी की बात किसी मां-बाप के लिए क्या हो सकती है। हमें क्या पता था कि उसका पति ही उसे मार देगा।

आखिरी बार अप्रैल 2024 में उससे दिल्ली एयरपोर्ट पर मिली थी, तब वह यूके जा रही थी। वहां हर्षिता की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी लग गई। यूके जाने के बाद पता चला कि पंकज कोई पढ़ाई-लिखाई नहीं करता है। गार्ड की नौकरी करता था।

हर्षिता की दिल्ली एयरपोर्ट की फोटो, जब वो लंदन जा रही थीं।

शादी से कुछ महीने पहले जान-बूझकर लंदन चला गया था, ताकि उसकी किसी अच्छे परिवार में शादी हो जाए। हमें क्या पता था कि मेरी बेटी की बलि चढ़ जाएगी। जाने के बाद से ही पंकज, हर्षिता के साथ मार-पीट करने लगा।

बाद में हर्षिता ने पंकज के खिलाफ यूके पुलिस में एफआईआर करवाई थी। पुलिस ने दोनों को अलग-अलग लोकेशन पर रहने को कहा था। तब दोनों अलग रहने लगे।

कुछ दिन बाद पंकज के कहने पर हर्षिता ने केस वापस ले लिया था। उसके ससुराल वाले भी धमका रहे थे। केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। हम लोगों ने भी कहा कि शायद अब सब ठीक हो जाएगा।

वह कहती भी थी, मां उसके पास जाऊंगी, तो वह मुझे मार देगा और कुछ दिन बाद ही उसने ऐसा कर भी दिया। पंकज ने 10 नवंबर 2024 को हर्षिता की गला घोटकर हत्या कर दी।

हर्षिता के ससुराल वालों को पूरी घटना के बारे में पता था। मर्डर करने के बाद वह यूके छोड़कर इंडिया वापस आ गया। अभी भी वह इंडिया में ही है, लेकिन पुलिस उसके खिलाफ एक्शन नहीं ले रही है।

हर्षिता की मां रोते हुए कहती हैं, हमने लड़के को देखे बिना ही बेटी का रिश्ता कर दिया।

घटना के तीन महीने बाद भी पंकज को न तो लंदन की पुलिस पकड़ पाई है और न ही भारत की। मैं दिल्ली पुलिस से गुहार लगा रही हूं कि वह मेरी बेटी, मेरी स्वीटी के हत्यारे को पकड़े। उससे पूछे कि उसने हीरा जैसी मेरी बेटी का कत्ल क्यों किया?

कम-से-कम हर्षिता के ससुराल वालों से तो पुलिस पूछताछ करे। जब पुलिस के पास जाती हूं, तो कह देते हैं- मामला लंदन का है। विदेश में उसका मर्डर हुआ है, हम क्या करें।

अरे ! बेटी तो इंडियन थी। उसकी नागरिकता तो भारत की थी। हमारी तो पैदाइश ही भारत की है, दिल्ली की है। मैं तो यहीं की नागरिक हूं न ! कोई सुनने को तैयार नहीं है। दर-दर भटक रही हूं। कोर्ट के चक्कर लगा रही हूं, कोई तो सुन ले…।

पंकज कई बार हर्षिता के साथ मार-पीट कर चुका था। हर्षिता ने पंकज के खिलाफ यूके पुलिस में एफआईआर भी करवाई थी।

ढाई महीने बाद भी दिनभर में जितनी बार मेरी बेटी का कोई नाम लेता है, उसकी तस्वीर देखती हूं, फूट-फूटकर रोने लगती हूं। कलेजा फटने लगता है। ऐसा लगता है मैंने खुद ही अपनी बेटी की हत्या कर दी हो। न अपनी प्यारी बेटी की शादी उस जल्लाद से की होती और न ये दिन देखने पड़ते। वह हमारे बीच होती।

हम करें, तो करें क्या। जाएं तो, जाएं कहां। अब कोर्ट का ही आसरा है।

मेरी दो बेटियां थीं, लेकिन अब एक ही बची। कभी उसने किसी दूसरे लड़के की तरफ नजर उठाकर भी नहीं देखा। हमें लगता था कि मां-बाप की मर्जी से शादी होगी, तो बेटी खुश रहेगी। इसलिए हमने अरेंज मैरिज की। हमने ऐसी गलती कर दी, जिसने जीने की सारी उम्मीदें छीन लीं। मेरी बेटी चली गई।

सुदेश कुमारी कहती हैं कि हमारी एक गलती ने हमसे जीने की वजह छीन ली।

(सुदेश कुमारी ने ये बातें दैनिक NEWS4SOCIALरिपोर्टर नीरज झा के साथ साझा कीं)

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