शिवहर से ट्रेन की सुविधा का अभाव, खटारा बस से यात्रा की मजबूरी

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शिवहर से ट्रेन की सुविधा का अभाव, खटारा बस से यात्रा की मजबूरी

शिवहर से ट्रेन की सुविधा का अभाव, खटारा बस से यात्रा की मजबूरी

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शिवहर। शिवहर से ट्रेन की सुविधा नहीं रहने के कारण मजबूरी में जिले के लोगों को दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों की यात्रा बस से करनी पड़ती है। प्रतिदिन यहां से लोग बड़ी संख्या में बस से दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों के लिए जाते हैं। इताना ही नहीं यहां से राज्य के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी आदि जिलो के लिए भी लोगों को खटारा बस से ही यात्रा करनी पड़ती है। शिवहर पहला ऐसा जिला है जो आज तक रेल सेवा से नहीं जुड़ सका है। शिवहर होकर रेल सेवा शुरू होने का सपना संजोए लोगों की आंखें पथरा गई। लेकिन वह सपना पूरा नहीं हो सका। शिवहर को रेल से जोड़ने के लिए वर्ष 2007 में ही रेल परियोजना का शिलान्यास हुआ था। लेकिन आज तक कार्य धरातल पर नहीं उतरा। शिवहर नगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र का कहना है कि रेल सेवा के लिए शिवहर के लोग वर्षों से प्रयासरत हैं लेकिन वह आज तक पूरा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। व्यवसायी अनिल कुमार का कहना है कि शिवहर के पिछड़ेपन का मुख्य कारण यातायात सुविधाओं की कमी है। रेल सेवा के अभाव में काफी परेशानी होती है। शिवहर नगर निवासी राजकिशोर का कहना है कि रेल के अभाव में आवागमन का बस ही एकमात्र सहारा गरीबों के लिए है।

वर्ष 2007 में रेल परियोजना का हुआ था शिलान्यास

शिवहर को रेल से जोड़ने के लिए वर्ष 2007 में सीतामढ़ी बापूधाम मोतिहारी भाया शिवहर 79 किलोमीटर रेल लाइन का शिलान्यास किया गया था। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने शिलान्यास किया था। उसे समय इस रेल परियोजना का निर्माण 204 करोड़ रुपए की लागत से कराए जाने की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद सर्वे एवं अन्य कार्यों पर करीब 24 करोड़ राशि इस पर खर्च हुई। लेकिन बाद में इस रेल परियोजना को विभाग द्वारा ठंडा बस्ती में डाल दिया गया। 2017 में करीब 100 करोड़ राशि का बजट में प्रावधान किया गया लेकिन कार्य नहीं होने के कारण राशि वापस हो गई। उसके बाद 2023 तक यह परियोजना ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।

शिवहर -सीतामढी निर्माण के लिए 566.83 करोड़ राशि आवंटित

बापूधाम मोतिहारी सीतामढ़ी भाया शिवहर 76 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना में प्रथम चरण में शिवहर सीतामढ़ी के बीच रेल लाइन निर्माण के लिए पिछले वर्ष 2023 में रेल मंत्रालय द्वारा 566.83 करोड़ की राशि आवंटित की गई। साथ ही रेल मंत्रालय द्वारा इस नई रेल परियोजना को विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया। निर्माण कार्य को लेकर आवश्यक प्रक्रिया शुरू की गई। अभी भूमि अधिग्रहण को लेकर आवश्यक प्रक्रिया चल रही है। डीएम पंकज कुमार ने बताया कि रेल लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल चल रही है। चयनित जमीन का गजट प्रकाशित कर दावा आपत्ति लिया जा रहा है।

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