शिक्षा विभाग में फिर भर्ती का पिटारा खुला, 2578 शिक्षा सेवकों की होगी बहाली, डेडलाइन सेट h3>
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नालंदा में 81 समेत बिहार के अन्य जिलों में 2578 शिक्षा सेवकों की बहाली होगी। जन शिक्षा निदेशक अनिल कुमार ने सभी डीएम को पत्र भेजा है। जून में ही शिक्षा सेवकों के बहाली प्रक्रिया पूरा कराने का अनुरोध किया है। नालंदा जिले के उत्थान केन्द्रों में 54 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में 27 शिक्षा सेवकों समेत सूबे के उत्थान केन्द्रों में 1465 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में 1113 शिक्षा सेवकों की बहाली की जानी है। नालंदा जिले के उत्थान केन्द्र में 448 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में 101 शिक्षा सेवक कार्यरत हैं। जबकि, सूबे के तमाम उत्थान केन्द्रों में 18 हजार 467 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में आठ हजार 58 शिक्षा सेवक पहले से तैनात हैं।
निदेशक ने डीएम को भेजे गये पत्र में कहा है कि महादलित, दलित व अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत जिलों में उत्थान केन्द्रों व तालीमी मरकज केन्द्रों में शिक्षा सेवकों के रिक्त पदों पर शिक्षा सेवकों के चयन की प्रक्रिया शुरू करायी गयी थी। कई जिलों में शिक्षा सेवकों का चयन कर प्रशिक्षण भी करा लिया गया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण कई जिलों में शिक्षा सेवकों के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी थी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर चुनाव आचार संहिता समाप्त होने पर तत्काल रिक्त पदों के विरूद्ध चयन प्रक्रिया शुरू कराने का आदेश दिया गया है।
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अक्षर आंचल योजना में पढ़ाते हैं
महादलित, दलित व अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत दलित टोलों में ही 25 बच्चों को स्कूल पूर्व एक या दो घंटे की कोचिंग कराने कराने का प्रावधान है। इसके बाद इन बच्चों को स्कूल भेजने की जिम्मेवारी भी शिक्षा सेवकों को सौंपी गयी है। साथ ही, 20 असाक्षर महिलाओं को एक घंटे की कोचिंग कराकर साक्षर बनाने की जिम्मेवारी भी शिक्षा सेवकों को दी गयी है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी?
महादलित व दलित टोलों के सर्वे की सूची बीडीओ से मांगी गयी है। 10 प्रखंडों के बीडीओ ने सूची नहीं भेजी है। इस वजह से रिक्ति का संधारण नहीं हो सका है। संबंधित बीडीओ से फिर से सूची मांगी गयी है। ताकि, निर्धारित समय पर शिक्षा सेवकों की बहाली प्रक्रिया पूरी की जा सके। मो. शाहनवाज, डीपीओ, साक्षरता, नालंदा
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नालंदा में 81 समेत बिहार के अन्य जिलों में 2578 शिक्षा सेवकों की बहाली होगी। जन शिक्षा निदेशक अनिल कुमार ने सभी डीएम को पत्र भेजा है। जून में ही शिक्षा सेवकों के बहाली प्रक्रिया पूरा कराने का अनुरोध किया है। नालंदा जिले के उत्थान केन्द्रों में 54 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में 27 शिक्षा सेवकों समेत सूबे के उत्थान केन्द्रों में 1465 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में 1113 शिक्षा सेवकों की बहाली की जानी है। नालंदा जिले के उत्थान केन्द्र में 448 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में 101 शिक्षा सेवक कार्यरत हैं। जबकि, सूबे के तमाम उत्थान केन्द्रों में 18 हजार 467 तो तालीमी मरकज केन्द्रों में आठ हजार 58 शिक्षा सेवक पहले से तैनात हैं।
निदेशक ने डीएम को भेजे गये पत्र में कहा है कि महादलित, दलित व अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत जिलों में उत्थान केन्द्रों व तालीमी मरकज केन्द्रों में शिक्षा सेवकों के रिक्त पदों पर शिक्षा सेवकों के चयन की प्रक्रिया शुरू करायी गयी थी। कई जिलों में शिक्षा सेवकों का चयन कर प्रशिक्षण भी करा लिया गया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण कई जिलों में शिक्षा सेवकों के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी थी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर चुनाव आचार संहिता समाप्त होने पर तत्काल रिक्त पदों के विरूद्ध चयन प्रक्रिया शुरू कराने का आदेश दिया गया है।
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अक्षर आंचल योजना में पढ़ाते हैं
महादलित, दलित व अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत दलित टोलों में ही 25 बच्चों को स्कूल पूर्व एक या दो घंटे की कोचिंग कराने कराने का प्रावधान है। इसके बाद इन बच्चों को स्कूल भेजने की जिम्मेवारी भी शिक्षा सेवकों को सौंपी गयी है। साथ ही, 20 असाक्षर महिलाओं को एक घंटे की कोचिंग कराकर साक्षर बनाने की जिम्मेवारी भी शिक्षा सेवकों को दी गयी है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी?
महादलित व दलित टोलों के सर्वे की सूची बीडीओ से मांगी गयी है। 10 प्रखंडों के बीडीओ ने सूची नहीं भेजी है। इस वजह से रिक्ति का संधारण नहीं हो सका है। संबंधित बीडीओ से फिर से सूची मांगी गयी है। ताकि, निर्धारित समय पर शिक्षा सेवकों की बहाली प्रक्रिया पूरी की जा सके। मो. शाहनवाज, डीपीओ, साक्षरता, नालंदा