शार्दुल ठाकुर ने BCCI को सुनाया, सपोर्ट में आए राहुल द्रविड़, क्या जय शाह लेंगे एक्शन? | Rahul Dravid Supports shardul thakur on ranji trophy scheduling will Jay shah take action | Patrika News h3>
अब उन्हें इस मुद्दे पर भारतीय हेड कोच और महान बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ का साथ मिला है। द्रविड़ का मानना है कि बीसीसीआई को प्लेयर्स के वर्क लोड मैनेजमेंट पर ध्यान देना चाहिए और रणजी के शेड्यूल को उसी के मुताबिक रखना चाहिए। इस साल रणजी के मैचों के बीच में ज्यादा से ज्याद तीन दिन का गैप रखा गया है। इसपर द्रविड़ ने कहा, ‘अगले साल बीसीसीआई को इस पर फिर से विचार करना होगा और मैचों के बीच में ज्यादा ब्रेक देना होगा। सात से आठ साल पहले रणजी ट्रॉफी में पहले तीन मैचों में तीन दिन का ब्रेक होता था। फिर चार दिन का ब्रेक होता था और फिर पांच दिन के ब्रेक के साथ नॉकआउट खेला जाता था।’
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द्रविड़ ने कहा कि कड़ी मेहनत करने वाले खिलाड़ियों की बात सुनना महत्वपूर्ण है। राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘मैंने शार्दुल द्वारा की गई कुछ टिप्पणियां देखी हैं और वास्तव में कुछ लड़के जो टीम में आए हैं, उन्होंने भी कमेंट किया है कि घरेलू शेड्यूल कितना कठिन है। विशेष रूप से भारत जैसे देश में जहां बहुत अधिक यात्रा करनी पड़ती है। आपको अपने खिलाड़ियों को सुनने की ज़रूरत है, क्योंकि वे ही हैं जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने शरीर को दांव पर लगा रहे हैं, और अगर ऐसा कहने के लिए पर्याप्त आवाज़ें हैं, तो हां, मुझे लगता है कि इस पर गौर करने की ज़रूरत है, और देखें कि कैसे हम अपना शेड्यूल मैनेज कर सकते हैं।’
द्रविड़ ने आगे कहा, ‘भारत में यह पहले से ही एक लंबा सीज़न है. यह कठिन है। रणजी ट्रॉफी एक लंबा सीज़न है, और यदि आप उसके ऊपर एक दलीप और एक देवधर जोड़ दें… पिछले साल, अगर मैं गलत नहीं हूं, तो दलीप जून में शुरू हुआ था, यह आईपीएल के ठीक एक महीने बाद था, और इस स्थिति में आपकी समस्या आपके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। भारतीय टीम में जगह बनाने को आतुर खिलाड़ी ही सबसे अधिक क्रिकेट खेलते हैं। क्योंकि वे अगले स्तर पर अधिक से अधिक चुने जाते रहते हैं, और उनकी टीमें हैं वे शायद जो सेमीफाइनल और फाइनल खेल रहे हैं, या उस तरह की स्थिति। वे वही हैं जो बहुत अधिक क्रिकेट खेलते हैं, और आप यह भी चाहते हैं कि वे भारत और भारत ए टूर के लिए खेलें, और इसलिए यह उन बहुत से लड़कों के लिए काफी कठिन हो सकता है, और शायद हमें उनकी बात सुनने की ज़रूरत है।’
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बता दें शार्दुल ने कहा था कि, ‘इस तरह के टाइट शेड्यूल में खेलना बेहद मुश्किल है, क्योंकि हम फर्स्ट क्लास मैच 3-3 दिन के गैप में खेल रहे हैं। ऐसा पहले कभी भी रणजी ट्रॉफी सीजन में नहीं हुआ है। ऐसा टाइट शेड्यूल मुश्किल से मुश्किल होता जा रहा है। यदि खिलाड़ी इसी तरह 2 और सीजन खेलते हैं, तो कई खिलाड़ी चोटिल हो जाएंगे।’
भारतीय गेंदबाज ने आगे कहा था, ‘छठे गेम में मोहित को भी चोट लग गई थी। उन्होंने लगातार पांच मैच खेले। उन पर बहुत लोड था क्योंकि तुषार को भी भारत ए के लिए चुना गया था जिसके चलते वो उपलब्ध नहीं थे। मुझे लगता है कि मोहित को इंजरी हुई क्योंकि खेलों के बीच पर्याप्त गैप नहीं है।’
अब उन्हें इस मुद्दे पर भारतीय हेड कोच और महान बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ का साथ मिला है। द्रविड़ का मानना है कि बीसीसीआई को प्लेयर्स के वर्क लोड मैनेजमेंट पर ध्यान देना चाहिए और रणजी के शेड्यूल को उसी के मुताबिक रखना चाहिए। इस साल रणजी के मैचों के बीच में ज्यादा से ज्याद तीन दिन का गैप रखा गया है। इसपर द्रविड़ ने कहा, ‘अगले साल बीसीसीआई को इस पर फिर से विचार करना होगा और मैचों के बीच में ज्यादा ब्रेक देना होगा। सात से आठ साल पहले रणजी ट्रॉफी में पहले तीन मैचों में तीन दिन का ब्रेक होता था। फिर चार दिन का ब्रेक होता था और फिर पांच दिन के ब्रेक के साथ नॉकआउट खेला जाता था।’
द्रविड़ ने कहा कि कड़ी मेहनत करने वाले खिलाड़ियों की बात सुनना महत्वपूर्ण है। राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘मैंने शार्दुल द्वारा की गई कुछ टिप्पणियां देखी हैं और वास्तव में कुछ लड़के जो टीम में आए हैं, उन्होंने भी कमेंट किया है कि घरेलू शेड्यूल कितना कठिन है। विशेष रूप से भारत जैसे देश में जहां बहुत अधिक यात्रा करनी पड़ती है। आपको अपने खिलाड़ियों को सुनने की ज़रूरत है, क्योंकि वे ही हैं जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने शरीर को दांव पर लगा रहे हैं, और अगर ऐसा कहने के लिए पर्याप्त आवाज़ें हैं, तो हां, मुझे लगता है कि इस पर गौर करने की ज़रूरत है, और देखें कि कैसे हम अपना शेड्यूल मैनेज कर सकते हैं।’
द्रविड़ ने आगे कहा, ‘भारत में यह पहले से ही एक लंबा सीज़न है. यह कठिन है। रणजी ट्रॉफी एक लंबा सीज़न है, और यदि आप उसके ऊपर एक दलीप और एक देवधर जोड़ दें… पिछले साल, अगर मैं गलत नहीं हूं, तो दलीप जून में शुरू हुआ था, यह आईपीएल के ठीक एक महीने बाद था, और इस स्थिति में आपकी समस्या आपके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। भारतीय टीम में जगह बनाने को आतुर खिलाड़ी ही सबसे अधिक क्रिकेट खेलते हैं। क्योंकि वे अगले स्तर पर अधिक से अधिक चुने जाते रहते हैं, और उनकी टीमें हैं वे शायद जो सेमीफाइनल और फाइनल खेल रहे हैं, या उस तरह की स्थिति। वे वही हैं जो बहुत अधिक क्रिकेट खेलते हैं, और आप यह भी चाहते हैं कि वे भारत और भारत ए टूर के लिए खेलें, और इसलिए यह उन बहुत से लड़कों के लिए काफी कठिन हो सकता है, और शायद हमें उनकी बात सुनने की ज़रूरत है।’
बता दें शार्दुल ने कहा था कि, ‘इस तरह के टाइट शेड्यूल में खेलना बेहद मुश्किल है, क्योंकि हम फर्स्ट क्लास मैच 3-3 दिन के गैप में खेल रहे हैं। ऐसा पहले कभी भी रणजी ट्रॉफी सीजन में नहीं हुआ है। ऐसा टाइट शेड्यूल मुश्किल से मुश्किल होता जा रहा है। यदि खिलाड़ी इसी तरह 2 और सीजन खेलते हैं, तो कई खिलाड़ी चोटिल हो जाएंगे।’
भारतीय गेंदबाज ने आगे कहा था, ‘छठे गेम में मोहित को भी चोट लग गई थी। उन्होंने लगातार पांच मैच खेले। उन पर बहुत लोड था क्योंकि तुषार को भी भारत ए के लिए चुना गया था जिसके चलते वो उपलब्ध नहीं थे। मुझे लगता है कि मोहित को इंजरी हुई क्योंकि खेलों के बीच पर्याप्त गैप नहीं है।’