शहर बढ़ रहा रोजगार नहीं, 6 लाख के पास स्थाई जॉब नहीं,44 हजार बेरोजगार | 6 lakhs do not have permanent jobs, 44 thousand unemployed | Patrika News

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शहर बढ़ रहा रोजगार नहीं, 6 लाख के पास स्थाई जॉब नहीं,44 हजार बेरोजगार | 6 lakhs do not have permanent jobs, 44 thousand unemployed | Patrika News

शहर बढ़ रहा रोजगार नहीं, 6 लाख के पास स्थाई जॉब नहीं,44 हजार बेरोजगार | 6 lakhs do not have permanent jobs, 44 thousand unemployed | Patrika News

भोपाल शहर का विस्तार हो रहा है। बाहर से लोग आकर यहां बस रहे हैं। लेकिन इसके अनुपात में यहां नौकरियां नहीं हैं। इसलिए बेरोजगारी बढ़ रही है। शहर की 25 लाख आबादी में 13 लाख से अधिक 45 वर्ष से कम उम्र के युवा हैं। इनमें से 6 लाख के पास स्थाई जॉब नहीं है। 44 हजार युवा पूरी तरह बेरोजगार हैं।

भोपाल. भोपाल शहर का विस्तार हो रहा है। बाहर से लोग आकर यहां बस रहे हैं। लेकिन इसके अनुपात में यहां नौकरियां नहीं हैं। इसलिए बेरोजगारी बढ़ रही है। शहर की 25 लाख आबादी में 13 लाख से अधिक 45 वर्ष से कम उम्र के युवा हैं। इनमें से 6 लाख के पास स्थाई जॉब नहीं है। 44 हजार युवा पूरी तरह बेरोजगार हैं। शहर में बेरोजगारी की दर करीब 4 फीसदी है। सबसे बड़ी बात यह है कि तमाम प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बावजूद शहर के उद्यमियों को कुशल लोग नहीं मिल रहे हैं। सिटी प्लान के लिए टीएंडसीपी की सर्वे रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
निजी दुकानों पर काम व डिलीवरी ब्वाय
शहर की इकोनॉमी के हिसाब से निजी दुकानों और डिलीवरी ब्वाय के रूप में सबसे ज्यादा अद्र्ध कुशल युवा काम कर रहे हैं। गिग वर्कर पर शहर की इकोनॉमी टिकी है।
पीएम कौशल योजना
बेरोजगारी घटाने के लिए कौशल विकास योजना चल रही है। युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लेकिन यहां से निकले युवा स्थायी रोजगार हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
सरकारी नौकरियों का सहारा
एमपी नगर समेत भोपाल के तमाम अन्य इलाकों में सरकारी नौकरी की लालसा में युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं। बेरोजगारों में बड़ा हिस्सा इनका भी है।
ऐसे समझें स्थिति
कुल आबादी- 25,65,000
युवा- 13,39,000
स्थायी रोजगार चाहिए-6 लाख को
पूरी तरह बेरोजगार- 44000
स्किल-15 हजार
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महज 41 बड़े उद्योग
भोपाल शहर में गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र ही एकमात्र रोजगार का बड़ा क्षेत्र है। बड़े उद्योग की संख्या 41 है। मध्यम वर्गीय उद्योग 68 हैं। अन्य 93 उद्योग हैं। इस तरह कुल 202 उद्यमों पर शहर का रोजगार टिका है।

इनका कहना
शहरों में स्टार्टअप, रोजगार मेले लगाए जा रहे हैं। कौशल विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। आने वाले समय में इसका फायदा युवाओं को मिलेगा।
प्रो.महिपाल सिंह यादव, इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस इन हायर एजुकेशन
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बेरोजगारी के समाधान के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना चाहिए। युवा खुद अपना बिजनेस शुरु करेंगे तो वो अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकेंगे।
मोनिका शर्मा, रहवासी कोलार
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युवाओं के पास किसी निजी दुकान में काम करने या फिर कहीं डिलीवरी ब्वॉय की तरह काम करने का ही जॉब ऑफर है। नया डेवलपमेंट अचारपुरा व बगरोदा तेजी विकसित हो रहा है। यहां रोजगार की संभावनाएं हैं।
रोहित सिंह, जॉब कांउसलर
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एक्सपर्ट व्यू
पूरी जिंदगी सीखने की गुंजाइश हो
कौशल की कमी से जुड़ी चुनौतियों को पूरा करने के लिए कार्यबल के लिए एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना चाहिए जिसमें पूरी जिंदगी सीखने की गुंजाइश हो। सीखने की प्रक्रिया को आर्थिक, राजकोषीय, सामाजिक और श्रम बाजार की नीतियों और कार्यक्रमों का हिस्सा बना देना चाहिए। सभी व्यक्तियों को अपना कौशल बेहतर करने का अवसर मिले। ताकि वे विकास और काम करने के तरीकों में हो रहे बदलाव के साथ तालमेल बना पाएं। कौशल और भविष्य की जरूरतों के बीच जो अंतर है उसकी पहचान भी होनी चाहिए। कौशल की पहचान करने, मौजूदा कार्यबल को प्रशिक्षण देने और आने वाले समय की जरूरतों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम तैयार करने से इस चुनौती से निपटा जा सकता है।

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