शरद पवार ने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को लिखी चिट्ठी, इस बात पर जताई चिंता, बोले ये दुर्भाग्यपूर्ण…

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शरद पवार ने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को लिखी चिट्ठी, इस बात पर जताई चिंता, बोले ये दुर्भाग्यपूर्ण…

शरद पवार ने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को लिखी चिट्ठी, इस बात पर जताई चिंता, बोले ये दुर्भाग्यपूर्ण…

मुंबई: अजित पवार को वित्त मंत्री बनाए जाने और अजित के साथ गए एनसीपी विधायकों को कृषि और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए जाने से पहले शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक चिट्‌ठी लिख भेजी है। इस चिट्‌ठी में शरद पवार ने महाराष्ट्र के गिरते शैक्षणिक स्‍तर पर चिंता जताई है। उन्होंने महाराष्ट्र में गिरते शैक्षणिक मानकों को ‘बेहद चिंताजनक और शर्मनाक’ बताया है और राज्य सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। उन्होंने नवीनतम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0 (2021-2022) का उल्लेख किया है, जिसमें महाराष्ट्र दूसरे स्थान से गिरकर सातवें स्थान पर आ गया है। पवार ने अपने चिट्‌ठी में लिखा है, ‘एक सक्षम शिक्षा प्रणाली से समाज में सुधार होता है। महाराष्ट्र में कर्मवीर भाऊराव पाटील जैसे कई शिक्षाविदों ने इस सिद्धांत को पहचाना और एक कुशल स्कूल प्रणाली के निर्माण को प्राथमिकता दी। लेकिन, आज राज्य में स्कूल प्रबंधन की गुणवत्ता में गिरावट राज्य की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा परंपराओं के लिए शर्म की बात है।’

राज्य में समग्र शैक्षिक विकास के दृष्टिकोण से इस मुद्दे को चिंता का विषय बताते हुए शरद पवार ने लिखा है कि केंद्र के मूल्यांकन के मानदंडों में अकैडमिक प्रदर्शन और गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे, बदलती शैक्षिक प्रक्रियाएं आदि शामिल हैं, लेकिन महाराष्ट्र ने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया।

स्कूल शिक्षा मंत्री से ध्यान देने की अपील
राज्य की शैक्षणिक गुणवत्ता में भारी गिरावट पर पवार ने बदलती शैक्षिक नीतियों के मद्देनजर कुछ अवलोकन और सुझाव देने के लिए 2022 में ‘दो शिक्षक-स्कूलों के सशक्तिकरण’ पर यशवंतराव चव्हाण केंद्र के सम्मेलन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि लगभग 38,000 जिला परिषद स्कूल दो शिक्षक श्रेणी में आते हैं, और ज्यादातर छोटी बस्तियों या दूरदराज की ‘बस्तियों’, नुक्कड़ों में चलते हैं और अक्सर उन्हें बंद करने की बात होती है, क्योंकि छात्र संख्या बहुत कम है।

उन्होंने कहा है कि इन सभी मामलों पर विचार करते हुए, राज्य सरकार और विशेष रूप से स्कूल शिक्षा मंत्री से इस पर गंभीरता से ध्यान देने और बिगड़ते शैक्षणिक मानकों में सुधार के लिए समय पर उपाय शुरू करने का आग्रह किया। पवार ने सभी संबंधित पक्षों की तत्काल बैठक बुलाकर आवश्यक कार्य योजना तैयार करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि राज्य गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के मामले में अपना शीर्ष स्थान फिर से हासिल कर ले।

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