शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बाबा साहेब अंबेडकर संविधान से थे असन्तुष्ट: मनुस्मृति जलाने का मिथ्या प्रचार,मनुस्मृति में सबके लिए धर्म का समान विधान – Varanasi News

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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बाबा साहेब अंबेडकर संविधान से थे असन्तुष्ट:  मनुस्मृति जलाने का मिथ्या प्रचार,मनुस्मृति में सबके लिए धर्म का समान विधान – Varanasi News
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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बाबा साहेब अंबेडकर संविधान से थे असन्तुष्ट: मनुस्मृति जलाने का मिथ्या प्रचार,मनुस्मृति में सबके लिए धर्म का समान विधान – Varanasi News

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपने 2 माह के कार्यक्रम को निरस्त करके काशी में प्रवास कर रहे। इन दिनों वह मनुस्मृति पर प्रवचन कह रहे हैं‌। मनुस्मृति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इसमें बिना किसी भेदभाव के सबका धर्म निर्धारित किया गया है। उ

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शंकराचार्य ने कहा – बाबा साहेब संविधान से खुद असंतुष्ट थे और उसे जलाने की इच्छा रखते थे। जब उनसे पूछा गया कि संविधान निर्माण में आपकी ही प्रमुख भूमिका रही है, तो फिर आप उसे क्यों जलाना चाहते हैं, तब उन्होंने कहा कि अगर किसी मंदिर में शैतान आ जाए तो क्या किया जाए?” यह उनके असंतोष का प्रतीक था।

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वाराणसी प्रवास के दौरान मनुस्मृति पर प्रवचन कह रहे शंकाराचार्य।

अंबेडकरवादियों को भ्रम नहीं फैलाना चाहिए

शंकराचार्य ने कहा – अंबेडकरवादी लोगों को बाबा साहेब के मूल उद्देश्यों को समझते हुए आगे आना चाहिए, न कि भ्रम फैलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जिसमें न्याय के मामले में किसी के साथ पक्षपात नहीं होता। यदि पुत्र भी दोषी हो तो उसे भी वही दण्ड प्राप्त होता है।

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धर्मग्रंथों पर मत को किया स्पष्ट

धर्मग्रंथों पर शंकराचार्य ने कहा जैसे बाइबिल और क़ुरान अन्य धर्मों के मुख्य ग्रंथ हैं, वैसे ही वेद सनातन धर्म का मूल है। उन्होंने बताया कि वेदों का सार मनुस्मृति में निहित है, जिसे समझना अपेक्षाकृत सरल है, जबकि सम्पूर्ण वेद और वेदांग को पढ़ने में पूरा जीवन भी कम पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य धर्मपालन करता है, पशु नहीं, इसीलिए मनुष्य के लिए धर्मशास्त्र आवश्यक हैं। धर्म से ही प्रतिष्ठा मिलती है – चाहे वह पृथ्वी हो या स्वर्ग।

कुंभ धर्मसंसद में मनुस्मृति पर राहुल गांधी से मांगा था जवाब ।

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राहुल गांधी को शंकराचार्य अविमुक्‍तेश्वरानंद ने हिंदू धर्म से किया था बहिष्‍कृत

ज्‍योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्‍तेश्वरानंद ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्‍कृत करने का एलान किया था। शंकराचार्य ने कहा था कि आज से राहुल गांधी को हिंदू धर्म का न माना जाए। दरअसल, राहुल गांधी ने संसद में मनुस्‍मृति को लेकर बयान दिया था। इस पर शंकराचार्य ने राहुल गांधी से स्‍पष्‍टीकरण मांगा था। इस संबंध में उन्‍हें पत्र भी भेजा गया था लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी राहुल गांधी की ओर से कोई जवाब नहीं आया।

अब शंकराचार्य अविमुक्‍तेश्वरानंद ने उन्‍हें हिंदू धर्म से ब‍हिष्‍कृत करने की सार्वजनिक घोषणा की है। उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में हिंदू धर्म का अपमान किया है। उन्‍होंने कहा है कि आपकी मनुस्‍मृति को मैं नहीं मानता। मैं संविधान को मानता हूं। जबकि वास्‍तविकता यह है कि हर हिंदू और सनातन धर्मी मनुस्‍मृति से संबंधित है।

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