वेब सीरीज रिव्‍यू: उन्‍मादी सोशल मीडिया के बवाल के बीच एक धुंधली सी कहानी है ‘डेप वर्सेस हर्ड’

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वेब सीरीज रिव्‍यू: उन्‍मादी सोशल मीडिया के बवाल के बीच एक धुंधली सी कहानी है ‘डेप वर्सेस हर्ड’

वेब सीरीज रिव्‍यू: उन्‍मादी सोशल मीडिया के बवाल के बीच एक धुंधली सी कहानी है ‘डेप वर्सेस हर्ड’

जॉनी डेप और एंबर हर्ड। हॉलीवुड की वो सेलिब्रटी जोड़ी, जिन पर कभी दुनिया जान लुटाती थी। लेकिन बीते साल 2022 में कोर्टरूम में दोनों के इस रिश्‍ते की ऐसी बख‍िया उधड़ी, जिसे जानकार और देखकर हर कोई सन्‍न रह गया। एक के बाद एक सनसनीखेज आरोप, क्‍या सच और क्‍या झूठ। 2022 में कोर्ट का फैसला भले ही जॉनी डेप के पक्ष में आया, लेकिन यह भी सच है कि इस केस ने दोनों की ही जिंदगी पूरी तरह बदल दी। कोर्ट से इतर दोनों को लेकर आम लोगों की भी अलग-अलग राय बन चुकी है। नेटफ्ल‍िक्‍स पर 16 अगस्‍त को रिलीज हुई नई डॉक्‍यूमेंट्री सीरीज ‘डेप वर्सेस हर्ड’ इस पूरे मामले की गहन छानबीन है।

‘डेप वर्सेस हर्ड’ की कहानी

‘डेप वर्सेस हर्ड’ हॉलीवुड सुपरस्टार जॉनी डेप और उनकी एक्‍स वाइफ, एक्‍ट्रेस एम्बर हर्ड के खिलाफ मुकदमे के इर्द-गिर्द घूमती है। जॉनी डेप ने वाशिंगटन पोस्ट में छपे एंबर हर्ड के ऑप-एड आर्टिकल के बाद 50 मिलियन डॉलर का मुकदमा दायर किया था। इस आर्टिकल में एंबर हर्ड ने खुद को ‘घरेलू हिंसा का प्रतिनिधित्व करने वाली पब्‍ल‍िक फिगर’ बताया था।

यहां देखें, Depp V. Heard का ट्रेलर

‘डेप वर्सेस हर्ड’ डॉक्‍यू-सीरीज रिव्‍यू

यह डॉक्‍यूमेंट्री सीरीज इस बात पर जोर डालती है कि जॉनी डेप और एंबर हर्ड का यह मुकदमा सिर्फ अदालत में ट्रायल तक ही सीमित नहीं था। यह केस वर्जीनिया फेयरफैक्स कोर्टहाउस के बाहर की दुनिया में भी समान रूप से चल रहा था। यह डॉक्यूमेंट्री जॉनी डेप और एंबर हर्ड के बीच कानूनी टकराव पर करीब से नजर डालती है। डेप ने यह मुकदमा ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में छपे एंबर हर्ड के ऑप-एड आर्टिकल के ख‍िलाफ किया था। एक्‍टर ने इसके एवज में 50 मिलियन डॉलर के हर्जाने की मांग की थी। जो एक चीज इस पूरे केस में अगल थी, वो है कोर्ट ट्रायल की लाइव स्‍ट्रीमिंग, जिसने न सिर्फ कानूनी जानकारों, बल्‍क‍ि करोड़ों फैंस और आम जनता का भी ध्‍यान खींचा। सोशल मीडिया पर इस केस को लेकर कॉमेंट्स की बाढ़ सी आ गई। लोगों ने इसमें ऐसी रुचि ली कि हर कोई अपने आप में जज बन गया। समझा जाता है कि बाहरी दुनिया में हो रही इस व्‍यापक चर्चा ने कहीं न कहीं जॉनी डेप के पक्ष में फैसला देने को लेकर महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई।

कोर्ट में एंबर हर्ड और जॉनी डेप

यह क्राइम डॉक्‍यूमेंट्री सीरीज मुख्‍य रूप से कोर्ट के ट्रायल फुटेज पर आधारित है। इसके साथ ही सोशल मीडिया की कमेंट्री और इन्‍फ्लुएंशर्स की राय को शामिल किया गया है। साधारण शब्‍दों में कहें तो पूरी डॉक्यूमेंट्री में कोर्ट रूम ट्रायल, यूट्यूब और टिकटॉक क्लिप के साथ-साथ एक्‍टर्स के इंटरवयूज के फुटेज से भरे पड़े हैं। जो भी जानकारी इसमें दी गई है, वो कोर्ट रूम ट्रायल से निकाली गई है। दिलचस्‍प है कि इस डॉक्यूमेंट्री को देखते हुए आप महसूस करते हैं कि मेकर्स ने इसमें एंबर हर्ड का पलड़ा थोड़ा भारी रखा है। आख‍िर में यह भी बताया जाता है कि केस में जॉनी डेप की जीत इसलिए हुई कि कोर्ट को एंबर हर्ड के कई दावों पर भरोसा नहीं हुआ। इसके साथ ही ट्रायल के दौरान जिस तरह डेप को सोशल मीडिया का सपोर्ट मिला, इसने भी कोर्ट को प्रभावित किया।

johny-depp

‘डेप वर्सेस हर्ड’ डॉक्‍यूमेंट्री सीरीज

इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के बाद यह बात पूरी तरह साफ हो जाती है कि जॉनी डेप और एंबर हर्ड के अलावा इस पूरे मामले में तीसरा प्रमुख खिलाड़ी सोशल मीडिया ही था। दिन-ब-दिन, इसने एक पूर्वाग्रह के साथ ट्रायल को कवर किया। किसी माइक्रोस्कोप की तरह सोशल मीडिया ने एंबर हर्ड की हर गलती को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया। इस मुकदमे के दौरान मीडिया ट्रायल भी चल रहा था, जहां कई लोगों ने जज की तरह अपने फैसले सुनाए। यदि आपने जॉनी डेप और एंबर हर्ड के कोर्ट केस को अच्‍छे से फॉलो किया है तो आपको इस डॉक्‍यूमेंट्री में कुछ भी नया नहीं मिलेगा। बल्‍क‍ि कई मायनों में यह दोहराव की तरह है, वही जो हम पहले से जानते हैं। ट्रायल के दौरान हैशटैग #JusticeForJohnnyDepp कई दिनों तक ट्रेंड करता रहा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्‍स पर इसकी पॉपुलैरिटी अरबों में पहुंच गई।

हालांकि, इस डॉक्यूमेंट्री में कई जगहों पर आपको यह कमी खलती है कि फैक्‍ट्स और कॉन्‍टेंट को अच्‍छे से बताया या समझाया नहीं गया। इस कारण यह आपको बांध नहीं पाती। दूसरी ओर, यह डॉक्‍यूमेंट्री हमारे समाज की मौजूदा स्थिति पर भी टिप्पणी करती है। यह कहती है कि निश्चित रूप से, कोर्ट रूम में एंबर हर्ड की हरकतें और उनके द्वारा दिए गए सबूतों में कमी थी, लेकिन किसी को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि यह मुकदमा घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार पर था। लेकिन दुर्भाग्य से, इस गंभीर मामले को कई लोगों ने नजरअंदाज कर दिया। इस केस के बारे में डॉक्यूमेंट्री में एक टिकटॉकर की राय को दिखाया गया है, जो कहता है कि यह मुकदमा ‘मानहानि के केस के रूप में छिपा हुआ एक पीआर अभियान’ था।

क्‍यों देखें- ‘डेप वर्सेस हर्ड’ एक औसत डॉक्‍यूमेंट्री सीरीज है। ऐसा लगता है कि इसका मकसद जॉनी डेप को लेकर फैंस लहर को भुनाना है। वैसे, इसे एक बार तो देखा ही जा सकता है।