वृक्ष न शेड, भीषण गर्मी में धूप में खड़े रहे वोटर्स
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बिंद के गाजीपुर के वोटरों को जाना पड़ा 3 किलोमीटर दूर
रहुई हाईस्कूल, कराय के दीरीपर, बेरथु समेत अन्य बूथों पर परेशानी
अस्थावां के बलवापर बूथ पर टेंट लगाने की खानापूर्ति
फोटो:
चुनाव शेड-अस्थावां प्रखंड के बलवापर गांव में बूथ पर लगाया गया छोटा सा पंडाल।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम।
जिले में 2365 बूथ हैं। वोटरों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावे किये गये थे। लेकिन, कई बूथों पर गर्मी से बचाव की व्यवस्था नहीं रहने की वजह से वोटरों का काफी देर तक धूप में खड़ा रहना पड़ा। कई बूथों पर वोट डालने आए वोटर्स का वोटरलिस्ट में नाम कट जाने की वजह से बिना बैरंग लौटना पड़ा। बूथों के पास न तो वृक्ष था, न शेड बनाये गये थे।
बिन्द प्रखंड के गाजीपुर के संतोष कुमार व बबलु प्रसाद ने बताया कि भीषण गर्मी में गांव के लोगों को पैदल तीन किलोमीटर दूर दरियापुर बूथ पर वोट डालने के लिए जाना पड़ा। चुनाव के वजह से गाड़ी भी नहीं के बराबर चल रही थी। रहुई हाई स्कूल, करायपरसुराय के दिरीपर व बेरथु गांव के बूथों पर भी मतदाताओं को काफी परेशानी हुई। अस्थावां के बलवापर बूथ में टेंट लगाने के नाम पर खानापूर्ति की गयी।
करायपुसराय में 60 बूथों पर हुई परेशानी :
करायपसुराय के दीरीपर बूथ नंबर 30, बेरथु बूथ नंबर चार, नेसरा बुथ नंबर 49 समेत 60 बूथों पर वोटरों के लिए गर्मी से बचाव के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गयी थी। दीरीपर के वोटर अनुज कुमार, संजय कुमार, बेरथु के संटू कुमार, राकेश कुमार मौर्य, अनिल कुमार व अन्य ने बताया कि वोट देने के लिए काफी देर तक धूप में खड़ा रहना पड़ा।
रहुई में भी धूप में खड़ रहे वोटर:
रहुई हाई स्कूल में ठीक साढ़े 11 बजे वोट देने वोटर्स धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखें। इस स्कूल में बूथ के पास किसी तरह की व्यवस्था किया गया था। 12 बजे से दो बजे बजे तक बहुत कम लोग वोट करने पहुंचे। इस स्कूल की वनावट भी ऐसी कि बरामदे में भी ग्रिल लगा हुआ है। मतदान कर्मियों को बरामदे में बैठने की पर्याप्त जगह थी। जगतनारायण रजक, सीमा देवी आदि ने कहा कि प्रशासन को इस बूथ में कम से कम एक शेड की व्यवस्था करानी चाहिए थी। इसी तरह हरनौत प्रखंड के माधोपुर-सबनहुआ, वभनबिगहा समेत कई बूथों पर वोटरों को गर्मी से बचाव के लिए व्यवस्था नहीं गयी थी।
अस्थावां में शेड पड़ा छोटा :
अस्थावां प्रखंड के बलवापर बूथ पर लोगों को धूप से बचाने के लिए शेड लगाने की खानापूर्ति की गयी थी। शेड में महज आठ लोग ही एक लाइन में खड़ा हो सकते थे। शेड छोटा रहने की वजह से वोटर्स को धूप में खड़ा होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। निजामपुरा, माफी समेत कई बूथों पर चिलचिलाती धूप में खड़ा रहने की विवशता बनी रही। सीमा देवी, मंजू देवी आदि ने बताया कि दावों के अनुसार इंतजाम नहीं था।
बिना वोट डाले लौटे लोग :
अस्थावां प्रखंड के निजामपुरा बूथ पर वोट देने आये विपीन कुमार ने बताया कि उनका व पत्नी का नाम वोटरलिस्ट से काट दिया गया है। नाम काटने का कारण भी नहीं बताया गया। वोट देने गए तो जानकारी मिली। अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ। बिना वोट डाले ही लौटना पड़ा। इसी तरह, रहुई बाजार मध्य विद्यालय में अपने परिजनों के साथ वोट देने पहुंचे 75 वर्षीय बुजुर्ग रामशरण महतो को भी बिना वोट डालने लौटना पड़ा।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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बिंद के गाजीपुर के वोटरों को जाना पड़ा 3 किलोमीटर दूर
रहुई हाईस्कूल, कराय के दीरीपर, बेरथु समेत अन्य बूथों पर परेशानी
अस्थावां के बलवापर बूथ पर टेंट लगाने की खानापूर्ति
फोटो:
चुनाव शेड-अस्थावां प्रखंड के बलवापर गांव में बूथ पर लगाया गया छोटा सा पंडाल।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम।
जिले में 2365 बूथ हैं। वोटरों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावे किये गये थे। लेकिन, कई बूथों पर गर्मी से बचाव की व्यवस्था नहीं रहने की वजह से वोटरों का काफी देर तक धूप में खड़ा रहना पड़ा। कई बूथों पर वोट डालने आए वोटर्स का वोटरलिस्ट में नाम कट जाने की वजह से बिना बैरंग लौटना पड़ा। बूथों के पास न तो वृक्ष था, न शेड बनाये गये थे।
बिन्द प्रखंड के गाजीपुर के संतोष कुमार व बबलु प्रसाद ने बताया कि भीषण गर्मी में गांव के लोगों को पैदल तीन किलोमीटर दूर दरियापुर बूथ पर वोट डालने के लिए जाना पड़ा। चुनाव के वजह से गाड़ी भी नहीं के बराबर चल रही थी। रहुई हाई स्कूल, करायपरसुराय के दिरीपर व बेरथु गांव के बूथों पर भी मतदाताओं को काफी परेशानी हुई। अस्थावां के बलवापर बूथ में टेंट लगाने के नाम पर खानापूर्ति की गयी।
करायपुसराय में 60 बूथों पर हुई परेशानी :
करायपसुराय के दीरीपर बूथ नंबर 30, बेरथु बूथ नंबर चार, नेसरा बुथ नंबर 49 समेत 60 बूथों पर वोटरों के लिए गर्मी से बचाव के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गयी थी। दीरीपर के वोटर अनुज कुमार, संजय कुमार, बेरथु के संटू कुमार, राकेश कुमार मौर्य, अनिल कुमार व अन्य ने बताया कि वोट देने के लिए काफी देर तक धूप में खड़ा रहना पड़ा।
रहुई में भी धूप में खड़ रहे वोटर:
रहुई हाई स्कूल में ठीक साढ़े 11 बजे वोट देने वोटर्स धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखें। इस स्कूल में बूथ के पास किसी तरह की व्यवस्था किया गया था। 12 बजे से दो बजे बजे तक बहुत कम लोग वोट करने पहुंचे। इस स्कूल की वनावट भी ऐसी कि बरामदे में भी ग्रिल लगा हुआ है। मतदान कर्मियों को बरामदे में बैठने की पर्याप्त जगह थी। जगतनारायण रजक, सीमा देवी आदि ने कहा कि प्रशासन को इस बूथ में कम से कम एक शेड की व्यवस्था करानी चाहिए थी। इसी तरह हरनौत प्रखंड के माधोपुर-सबनहुआ, वभनबिगहा समेत कई बूथों पर वोटरों को गर्मी से बचाव के लिए व्यवस्था नहीं गयी थी।
अस्थावां में शेड पड़ा छोटा :
अस्थावां प्रखंड के बलवापर बूथ पर लोगों को धूप से बचाने के लिए शेड लगाने की खानापूर्ति की गयी थी। शेड में महज आठ लोग ही एक लाइन में खड़ा हो सकते थे। शेड छोटा रहने की वजह से वोटर्स को धूप में खड़ा होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। निजामपुरा, माफी समेत कई बूथों पर चिलचिलाती धूप में खड़ा रहने की विवशता बनी रही। सीमा देवी, मंजू देवी आदि ने बताया कि दावों के अनुसार इंतजाम नहीं था।
बिना वोट डाले लौटे लोग :
अस्थावां प्रखंड के निजामपुरा बूथ पर वोट देने आये विपीन कुमार ने बताया कि उनका व पत्नी का नाम वोटरलिस्ट से काट दिया गया है। नाम काटने का कारण भी नहीं बताया गया। वोट देने गए तो जानकारी मिली। अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ। बिना वोट डाले ही लौटना पड़ा। इसी तरह, रहुई बाजार मध्य विद्यालय में अपने परिजनों के साथ वोट देने पहुंचे 75 वर्षीय बुजुर्ग रामशरण महतो को भी बिना वोट डालने लौटना पड़ा।
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