विवादों में घिरे एलएनएमयू के एफए का तबादला

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विवादों में घिरे एलएनएमयू के एफए का तबादला

विवादों में घिरे एलएनएमयू के एफए का तबादला

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दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वित्तीय परामर्शी (एफए) डॉ. दिलीप कुमार का तबादला कर दिया गया है। राजभवन से जारी अधिसूचना के अनुसार डॉ. कुमार को तिलकामांझी भागलपुर विवि का एफए नियुक्त किया गया है। राजभवन सचिवालय से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार डॉ. कुमार छह अगस्त 2026 या अगले आदेश तक तिलकामांझी भागलपुर विवि के एफए पद पर बने रहेंगे। एफए के तबादले की अधिसूचना जारी होते ही विवि महकमे में खलबली मच गई। विवि के कई पदाधिकारियों व कर्मियों ने एफए के तबादले पर खुशी जतायी। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के कर्मियों ने बताया कि उनके वेतन भुगतान मामले में एफए का रवैया उचित नहीं रहा। आज भी यहां के कर्मी पिछले चार माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। विवि के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एफए के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इनका पहला कार्यकाल भी विवादित रहा था। उन्होंने बताया कि हाल ही में संपन्न विवि के नैक निरीक्षण के दौरान भी एफए पर असहयोग के आरोप लगते रहे हैं। विवि प्रशासन में गुटबाजी के आरोप भी इनपर लगते रहे हैं। कई छात्र नेताओं ने भी कुलपति से एफए की शिकायत की थी। एफए के तबादले को विवि के शिक्षक-कर्मियों के साथ ही कई छात्र नेताओं ने भी राजभवन का सही निर्णय बताया है। मारवाड़ी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कुणाल पांडे ने बताया कि एफए पर बिना अनुमति महिला छात्रावास में घुसने और अमर्यादित व्यवहार का आरोप है। इस संबंध में उन्होंने दो जुलाई को कुलपति से एफए की शिकायत भी की थी।

एलएनएमयू के अंतर्गत संचालित दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में ठप पड़े नामांकन को चालू कराने की दिशा में भी इन्हें अहम जिम्मेवारी सौंपी गई, लेकिन उसमें भी वे विफल रहे। बता दें कि वर्तमान कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने पदभार संभालने के साथ ही डीडीई को चालू करने की दिशा में पहल शुरू कर दी थी। कुलपति ने एफए को इस मामले में दिल्ली जाकर जरूरी पहल के लिए अधिकृत किया था। एफए दो बार इस मामले में दिल्ली की यात्रा भी कर आए, लेकिन उनकी उपलब्धि आज तक सामने नहीं आ सकी।

दूसरी बार एफए पद पर हुई थी नियुक्ति

डॉ. दिलीप कुमार की एलएनएमयू में दूसरी बार एफए पद पर नियुक्ति की गई थी। दूसरा कार्यकाल 11 महीने का रहा। बता दें कि इससे पूर्व 27 मई 2020 को डॉ. कुमार को एलएनएमयू का एफए नियुक्त किया गया था। उस दौरान भी कई विवाद सामने आए थे। 15 नवंबर 2020 को उन्हें राजभवन ने पदमुक्त कर दिया था। दूसरी बार पुन: अगस्त 2023 में राजभवन ने डॉ. कुमार को एलएनएमयू का एफए नियुक्त किया। सात अप्रैल 2023 को उन्होंने दूसरी बार एफए का पदभार संभाला था।

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