विराट कोहली के प्रदर्शन पर क्यों नहीं उठते सवाल?

3
विराट कोहली के प्रदर्शन पर क्यों नहीं उठते सवाल?


विराट कोहली के प्रदर्शन पर क्यों नहीं उठते सवाल?

नई दिल्लीः वेस्ट इंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अजिंक्य रहाणे फेल रहे। मैच में उन्हें केवल एक बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला और वे तीन रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद टीम में उनके स्थान पर एक बार सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि इस सीरीज के बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में मौका मिल सकता है। यदि इन मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो उनके टेस्ट करियर पर ग्रहण लग सकता है। ये बातें तब हो रही हैं जबकि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में वे टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे थे। डेढ़ साल बाद टीम में वापसी करते हुए उन्होंने मुश्किल पिच पर दो पारियों में 89 और 46 रन बनाए थे। ताज्जुब तो यह है कि पिछले तीन साल में विराट कोहली और रहाणे के परफॉर्मेंस में कोई खास फर्क नहीं है। इसके बावजूद विराट पर सवाल नहीं उठते, लेकिन एक मैच में खराब प्रदर्शन के बाद रहाणे की जगह पर सवालिया निशान खड़े होने लगते हैं।

अजिंक्य रहाणे उन गिने-चुने क्रिकेटर्स में शामिल हैं जिन्होंने घरेलू मैदान से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन विदेशों में किया है। रहाणे ने घरेलू मैदान पर 32 टेस्ट में 35.73 की औसत से 1644 रन बनाए हैं। वहीं, विदेशों में 50 टेस्ट मैच में 39.82 की औसत से उनके नाम 3226 रन हैं। उनकी अधिकांश बड़ी पारियां तब आई हैं, जब टीम को उसकी जरूरत थी।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले रहाणे करीब डेढ़ साल तक टीम से बाहर थे। साल 2020 में उन्होंने 4 टेस्ट मैच खेले थे और 38.85 की औसत से 272 रन बनाए थे। 2021 और 2022 रहाणे के लिए बेहद खराब रहा था। 2021 में 13 टेस्ट मैच 20.82 की औसत वे 479 रह ही बना पाए थे। 2022 की शुरुआत में उन्होंने 2 टेस्ट खेले और 68 रन बनाए। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। वापसी के बाद उन्होंने केवल दो ही मैच खेले हैं और 46 की औसत से 138 रन बनाए हैं।

यदि रहाणे की तुलना विराट कोहली से करें तो दोनों में खास फर्क नहीं है। 2020 से पहले तक रन मशीन रहे विराट की बल्लेबाजी में ना तो कंसिस्टेंसी है, ना ही फ्लुएंसी। साल 2020 में विराट ने तीन टेस्ट में 19.33 की औसत से 116 रन बनाए थे। 2021 में उन्होंने 11 टेस्ट खेले और 28.21 की औसत से 536 रन बनाए। 2022 में भी कमोबेश यही हाल रहा और वे 6 टेस्ट में 26.50 की औसत 265 रन ही बना सके। 2023 में कुछ सुधार देखने को जरूर मिला है, लेकिन औसत करीब-करीब रहाणे के बराबर है। बड़ी बात यह है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में विराट ने 76 रन तो बनाए, लेकिन उनकी बैटिंग में वो धार नहीं दिखी। पहला चौका लगाने के लिए उन्हें 81 गेंदों का इंतजार करना पड़ा।

रेकॉर्ड में ज्यादा फर्क नहीं होने के बावजूद हर बार सवाल रहाणे पर ही उठते हैं। उन्हें टीम से बाहर तक का रास्ता दिखा दिया जाता है। दूसरी ओर, विराट के नाम की चर्चा तक नहीं होती। मिड्ल ऑर्डर में भारतीय टीम मैनेजमेंट के पास विकल्पों की कमी नहीं है। सरफराज खान से लेकर हनुमा विहारी और तिलक वर्मा तक कई बल्लेबाज हैं जिन्हें मौके का इंतजार है। चोट के कारण टीम से बाहर चल रहे श्रेयस अय्यर भी जल्द ही वापसी कर सकते हैं। ऐसे में विराट के परफॉर्मेंस की चर्चा नहीं होना चौंकाने वाला है।



Source link