विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस: कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ऑपरेशन सिंदूर के दूसरे दिन की जानकारी देंगी h3>
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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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विदेश मंत्रालय की थोड़ी देर में प्रेस कांफ्रेंस होगी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी दी जा सकती है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहेंगी।
सरकार की तरफ से 2 दिन में यह दूसरी प्रेस कांफ्रेंस होगी। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी गई थी।
इससे पहले दिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई थी।
भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच विदेश मंत्रालय की यह लगातार दूसरे दिन प्रेस कांफ्रेंस होगी। 7 मई को विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भारत के सैन्य ऑपरेशन की जानकारी दी थी।
इसमें बताया गया था कि मंगलवार रात 1:04 बजे से 1:28 बजे के बीच 24 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। देश के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे।
लाइव अपडेट्स
1 मिनट पहले
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विक्रम मिसरी 1989 में IFS अफसर बने
4 मिनट पहले
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विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा- पहलगाम हमला कायरतापूर्ण था
बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में विक्रम मिसरी ने कहा था कि इसमें परिवार के सामने लोगों की हत्या की गई, उनके सिर में गोली मारी गई। बचे हुए लोगों से कहा गया कि वे इस हमले का संदेश पहुंचाएं। पिछले साल सवा 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आए थे। हमले का मकसद था कि कश्मीर के विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर पिछड़ा बनाए रखा जाए।
हमले का यह तरीका जम्मू-कश्मीर और देश में सांप्रदायिक दंगे फैलाने की कोशिश था। एक समूह ने खुद को TRF कहते हुए हमले की जिम्मेदारी ली। इसे UN ने प्रतिबंधित किया है और यह लश्कर से जुड़ा है।
पाकिस्तान स्थित समूहों के लिए कवर के तौर पर TRF का इस्तेमाल किया गया। पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं। TRF के दावे और लश्कर के सोशल मीडिया पोस्ट इसे साबित करते हैं।
5 मिनट पहले
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विदेश सचिव ने कहा था- पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली, इन्हें रोकना जरूरी था
पहलगाम के हमलावरों की पहचान भी हुई है और भारत में सीमापार से आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान का प्लान उजागर हुआ है। पाकिस्तान आतंकवादियों की शरण स्थली के रूप में पहचान बना चुका है। आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता UN ने भी जताई थी।
पहलगाम में 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और इसकी प्लानिंग करने वालों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था। वे इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान से संबंधों को लेकर कुछ कदम भी उठाए हैं।
पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली थी कि वे और हमले कर सकते हैं। इन्हें रोकना जरूरी था। हमने इन्हें रोकने के अधिकार का इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण है। हमारा एक्शन आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और आतंकियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है।
5 मिनट पहले
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विदेश सचिव ने कहा था- पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली, इन्हें रोकना जरूरी था
पहलगाम के हमलावरों की पहचान भी हुई है और भारत में सीमापार से आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान का प्लान उजागर हुआ है। पाकिस्तान आतंकवादियों की शरण स्थली के रूप में पहचान बना चुका है। आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता UN ने भी जताई थी।
पहलगाम में 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और इसकी प्लानिंग करने वालों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था। वे इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान से संबंधों को लेकर कुछ कदम भी उठाए हैं।
पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली थी कि वे और हमले कर सकते हैं। इन्हें रोकना जरूरी था। हमने इन्हें रोकने के अधिकार का इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण है। हमारा एक्शन आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और आतंकियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है।