विकास वैभव की बेगूसराय रैली से राजनीतिक खलबली, लेट्स इन्सपायर बिहार जन संवाद से लोकसभा दावेदारी?

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विकास वैभव की बेगूसराय रैली से राजनीतिक खलबली, लेट्स इन्सपायर बिहार जन संवाद से लोकसभा दावेदारी?

विकास वैभव की बेगूसराय रैली से राजनीतिक खलबली, लेट्स इन्सपायर बिहार जन संवाद से लोकसभा दावेदारी?

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बिहार में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के चर्चित अफसर विकास वैभव की पहल लेट्स इन्स्पायर बिहार (आइए, बिहार को प्रेरित करें) का पहला बड़ा जन संवाद कार्यक्रम बेगूसराय के जीडी कॉलेज में रविवार को संपन्न हो गया। बेगूसराय विकास वैभव का गृह जिला है और कार्यक्रम में बिहार भर से लगभग पचार लोगों के आने का दावा किया गया है। काफी समय से विकास वैभव इस कार्यक्रम की सफलता के लिए बिहार के कोने-कोने में छोटी-बड़ी बैठकें कर रहे थे। 20 दिसंबर को आरा में भी इस तरह के कार्यक्रम की तैयारी है। विकास वैभव ने इस अभियान को खड़ा किया है और पहले बड़े कार्यक्रम से राजनीतिक गलियारों में उनकी बेगूसराय लोकसभा सीट की संभावित दावेदारी की चर्चा होने लगी है।

विकास वैभव के इस कार्यक्रम को लेकर चर्चा है कि वो आईपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कूदने के मूड में हैं। काफी समय से अटकलबाजी चल रही है कि वो बेगूसराय लोकसभा सीट से बीजेपी का टिकट चाहते हैं। बेगूसराय सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मौजूदा सांसद हैं और उनका टिकट कटने का चांस बहुत कम है। बीजेपी के ही राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा भी इस सीट से टिकट की दावेदारी के लिए कई महीनों से बेगूसराय के गांव-गांव घूम रहे हैं। इस वजह से गिरिराज सिंह और राकेश सिन्हा के रिश्ते खराब हो चुके हैं।

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विकास वैभव के शक्ति प्रदर्शन के बाद बेगूसराय लोकसभा सीट के लिए बीजेपी से चार दावेदार नजर आने लगे हैं। गिरिराज सिंह, राकेश सिन्हा और विकास वैभव। चौथे दावेदार रजनीश सिंह हैं जो दो बार एमएलसी और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। चर्चा ये भी है कि बीजेपी पड़ोस की मुंगेर लोकसभा सीट से जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को जीतने से रोकने के लिए कोई मजबूत भूमिहार कैंडिडेट खोज रही है। विकास वैभव और गिरिराज सिंह के नाम की चर्चा उस दृष्टिकोण से भी होती रहती है। विकास वैभव की छवि साफ-सुथरी छवि के ईमानदार पुलिस अफसर की रही है।

शिक्षा, समता और उद्यमता के विकास से ही बिहार सुंदर राज्य बनेगा: विकास वैभव

हालांकि चुनाव लड़ने के मकसद पर विकास वैभव कह चुके हैं कि वो इलेक्शन लड़ने के लिए ये सब नहीं कर रहे हैं। वैभव ने शुक्रवार को पटना में मीडिया के सवालों पर कहा था कि पॉलिटिक्स में ईमानदार और अच्छे लोगों को आना चाहिए तभी सकारात्मक बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि उनकी पहल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए है। वैभव ने कहा था कि किसी एक आदमी के चुनाव लड़ने से बिहार को बदलना मुश्किल है। इसके लिए बिहार के लोगों को जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम करना होगा तभी ये राज्य अपने गौरवशाली अतीत को फिर से हासिल कर सकेगा।

बिहार के विकास से ही भारत बनेगा मजबूत राष्ट्र: विकास वैभव

बेगूसराय में रविवार को अपने कार्यक्रम में विकास वैभव ने कहा कि ये ना तो कोई राजनीतिक कार्यक्रम है और ना ही कोई धार्मिक कार्यक्रम है फिर भी बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं जो बिहार को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब दुनिया के लोग शिक्षा के लिए नालंदा और विक्रमशिला आते थे और आज यहां के लोग विदेश जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बिहार का नाम लेने पर लोगों के मन में सम्मान का भाव जगता था लेकिन आज बिहार के लोगों को बिहार का पता बताने में शर्म आती है।

विकास वैभव ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया गया है। इस संकल्प को पूरा करने में बिहार के 9 करोड़ युवाओं की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने चाणक्य और चंद्रगुप्त का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में जातियां पहले भी थीं लेकिन जातिवाद नहीं था। उन्होंने कहा कि दुर्जनों के लाख चाहने से किसी जगह का विनाश नहीं होता, वो तब होता है जब सज्जन और योग्य लोग निष्क्रिय हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस मुहिम से 23 देशों में फैले 75 हजार बिहारी सीधे तौर पर जुड़ चुके हैं। वैभव ने इस मंच से नारा दिया है- मैं बदलूंगा बिहार, मैं करूंगा अपने पूर्वजों की भूमि का पुनरुद्धार।

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