वाराणसी में मॉकड्रिल की तैयारियों पर मीटिंग: युद्ध जैसी इमरजेंसी में मदद को 6500 वॉलंटियर तैयार, बचाव की ट्रेनिंग कल – Varanasi News

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वाराणसी में मॉकड्रिल की तैयारियों पर मीटिंग:  युद्ध जैसी इमरजेंसी में मदद को 6500 वॉलंटियर तैयार, बचाव की ट्रेनिंग कल – Varanasi News

वाराणसी में मॉकड्रिल की तैयारियों पर मीटिंग: युद्ध जैसी इमरजेंसी में मदद को 6500 वॉलंटियर तैयार, बचाव की ट्रेनिंग कल – Varanasi News

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जारी अलर्ट के मद्देनजर कल वाराणसी में मॉक ड्रिल है। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और सिविल डिफेंस के प्रभारी एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने उप नियंत्रक, वार्डन के साथ तैयारियों को लेकर मंथन कर रहे हैं।

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जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में वाराणसी में शाम को 5 बजे मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर बैठक होगी। बैठक में सिविल डिफेंस, बिजली विभाग, अग्निशमन, लोक निर्माण, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक होगी।

वाराणसी सिविल डिफेंस के पास 60 के दशक के 60 सायरन हैं, जिनका इस्तेमाल आपात स्थिति (भूकंप, युद्ध) के समय किया जाता है। मॉकड्रिल से पहले कुछ सायरन खराब निकले। इन्हें ठीक कराया जा रहा है।

वाराणसी सिविल डिफेंस को 60 के दशक में ऐसे 60 सायरन मिले, जो इमरजेंसी में बजाए जाते हैं।

आपदा से बचाव को तैयार 6500 वॉलंटियर उप नियंत्रक जितेंद्रदेव सिंह ने बताया- सिविल डिफेंस से जुड़े 5578 वॉलंटियर ऐसे हैं जो आपदा के दौरान आग लगने के दौरान बचाव कार्य में दक्ष हैं। उधर, 916 ऐसे वॉलंटियर हैं जिन्होंने प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग ली है। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज में समय समय पर आपदा मसलन भूकंप, हवाई हमले के दौरान बचाव को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है।

क्षेत्र का अच्छा ज्ञान रखने वालों को वार्डन सेवा का सदस्य बनाया हवाई हमले के समय साहस रखने वाले, अच्छे व्यक्तित्व वाले और स्थानीय क्षेत्र का अच्छा ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों को वार्डेन सेवा का सदस्य नियुक्त किया गया है। वार्डन सेवा पब्लिक और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करती है। स्वयं सेवक के रूप में बिना सैलरी के सेवा करते हुए जनता के बीच आंख, नाक औ कान का काम करेंगे। शांति काल हो या आपातकाल, ऐसे में कुछ पॉइंट्स का ख्याल रखना होगा…

हवाई हमले के पहले शांति काल में क्या होगा

  • अपने क्षेत्र में खुद को लोकप्रिय बनाए रखना होगा।
  • क्षेत्र की जनता के बारे में अच्छी जानकारी रखना होगा।
  • नागरिक सुरक्षा डिपो, सार्वजनिक सुरक्षा गृह, प्राथमिक चिकित्सा चौकी, फायर स्टेशन, पुलिस स्टेशन आदि के बारे में जानकारी करनी होगी।
  • अपने क्षेत्र के लोगों को खाई खोदने, मकान के अंदर छिपने के प्रति जागरूक करना होगा।
  • नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों के निर्देश जनता को बताने होंगे।
  • राहत काम के लिए स्वयं सहायता दल का गठन करना होगा।

मॉक ड्रिल को लेकर विभागों में मीटिंग चल रही है।

हवाई हमले के समय क्या होगा

  • हवाई हमले का संदेश मिलते ही वार्डन पोस्ट पर पहुंच जाएगा।
  • पब्लिक को सुरक्षित जगह पर जाने के लिए प्रेरित करेगा।
  • जिन क्षेत्रों में सायरन की आवाज सुनाई न दे रही हो, वहां हाथ से कुछ बजाना होगा। लाल झंडी दिखाकर सीटी बजाकर, आवाज देकर जनता को सुरक्षित जगह जाने को कहेंगे।
  • जैसे ही बम गिराया जाए तो खुद लेट जाएं। जैसे ही दुश्मन के हवाई जहाज वापस जाएं तुरंत अपने क्षेत्र का सर्वे शुरू करें।
  • हवाई हमले से हुए नुकसान की सूचना फायर स्टेशन, नियंत्रण केंद्र को भेजना होगा।
  • जब तक राहत दल घटना स्थल पर नहीं पहुंचता, क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से छोटी आग को बुझाना, घायलों की देखभाल करना, मलबे में दबे लोगो को बाहर निकालना होगा।
  • यदि कोई बिना फटा बम दिखाई दे तो उसकी सूचना नियंत्रण केंद्र को दें।
  • राहत दल जैसे पहुंचे, उन्हें अब तक किए गए सभी कामों के बारे में बताना होगा।

हवाई हमले के बाद क्या होगा

  • हमले के तुरंत बाद बेघर हुए लोगों की सहायता की व्यवस्थाओं के बारे में लोगों को बताना होगा।
  • अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की जाएगी।
  • आवश्यक सेवाओं जैसे-पानी, बिजली, सीवर आदि के लिए तुरंत राहत काम शुरू करेंगे।

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