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वर्ल्ड हेरिटेज डे पर दिखे राजस्थानी संस्कृति के रंग: हेरिटेज वॉक में शामिल हुए सजे-धजे ऊंट, जैसलमेर की विरासत की दिखी चमक – Jaisalmer News

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वर्ल्ड हेरिटेज डे पर दिखे राजस्थानी संस्कृति के रंग:  हेरिटेज वॉक में शामिल हुए सजे-धजे ऊंट, जैसलमेर की विरासत की दिखी चमक – Jaisalmer News

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वर्ल्ड हेरिटेज डे पर दिखे राजस्थानी संस्कृति के रंग: हेरिटेज वॉक में शामिल हुए सजे-धजे ऊंट, जैसलमेर की विरासत की दिखी चमक – Jaisalmer News

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जैसलमेर। वर्ल्ड हेरिटेज डे पर लोक कलाकारों ने पेश की राजस्थानी लोक गीतों की प्रस्तुतियां।

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जैसलमेर में वर्ल्ड हेरिटेज डे मनाया गया। विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर अपनी ऐतिहासिक विरासत और समृद्ध संस्कृति का शानदार प्रदर्शन किया। विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जैसलमेर में ऐतिहासिक हेरिटेज वॉक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया

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सोनार दुर्ग से पटवा हवेली तक निकली हेरिटेज वॉक

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सोनार दुर्ग से पटवा हवेली तक निकली हेरिटेज वॉक

वर्ल्ड हेरिटेज डे के मौके पर ऐतिहासिक सोनार दुर्ग से हेरिटेज वॉक का शुभारंभ हुआ। पर्यटन विशेषज्ञ ब्रजकिशोर गोपा ने हरी झंडी दिखाकर हेरिटेज वॉक को रवाना किया। वॉक में प्रतिभागियों का उत्साह देखने लायक था। पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे ऊंट, ढोल-नगाड़ों की थाप और लोक कलाकारों की रंगीन प्रस्तुतियों ने वातावरण को जीवंत बना दिया।

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हेरिटेज वॉक में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, स्थानीय नागरिक और पर्यटक शामिल हुए। सोनार किले से शुरू होकर गोपा चौक, सदर बाजार और नथमल हवेली होते हुए पटवों की हवेली तक हेरिटेज वॉक पहुंची। रास्ते भर में प्रतिभागियों ने जैसलमेर की ऐतिहासिक धरोहरों को नजदीक से देखा और उनकी महत्ता को समझा। लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने इस यात्रा को और भी रंगीन बना दिया। ऊंटों पर सवार पारंपरिक वेशभूषा में कलाकारों ने जैसलमेर की जीवंत संस्कृति का शानदार परिचय कराया।

चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन करते अतिथि

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चित्रकला प्रदर्शनी का हुआ आयोजन

पटवों की हवेली पहुंचने के बाद कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू हुआ। यहां पर पहले दिन आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं की कलाकृतियों की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई। कक्षा 3 से 12वीं तक के बच्चों ने अपनी कल्पनाओं के माध्यम से जैसलमेर की धरोहर को रंगों में उतारा। उनकी पेंटिंग्स में सोनार किला, हवेलियां, लोक जीवन और संस्कृति के खूबसूरत चित्रण नजर आए।

प्रदर्शनी के साथ ही “सार्वजनिक कला कैनवास” का आयोजन भी हुआ, जहां स्थानीय कलाकारों और नागरिकों ने मिलकर एक विशाल सामूहिक कलाकृति तैयार की। यह अनूठी पहल सामूहिक प्रयास से धरोहर संरक्षण का संदेश देने में सफल रही। कैनवास पर उकेरे गए रंगों ने जैसलमेर के गौरवशाली अतीत को एक नई ऊर्जा दी।

पटवा हवेली पर विजेताओं को दिए पुरस्कार

कार्यक्रम में इंटेक कन्वेंनर के अध्यक्ष विक्रम सिंह नाचना, पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, मिस्टर डेज़र्ट धीरज पुरोहित और अन्य गणमान्य अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। सभी ने बच्चों के उत्साह और उनकी कला प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि धरोहर संरक्षण की जिम्मेदारी अब नई पीढ़ी के हाथों में है, और इस तरह के आयोजनों से उनमें जागरूकता बढ़ेगी।

आयोजन की संयोजक आर्किटेक्ट रिया बिस्सा ने कहा- जैसलमेर की विरासत केवल पत्थरों में नहीं, बल्कि हमारी जीवित संस्कृति में भी बसती है। यह आयोजन धरोहरों के महत्व को समझाने और सामूहिक संरक्षण की भावना को मजबूत करने का एक प्रयास है। गौरतलब है कि हर साल 18 अप्रैल को विश्व भर में विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है।

पटवा हवेली पर मौजूद मेहमान

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