वर्ल्ड स्लीप डे आज: डॉक्टर बोले -कम नींद हानिकारक: कम सोने से बढ़ती हैं बीमारियां, मोबाइल और तनाव से 35 प्रतिशत लोगों को कम आ रही नींद – Tonk News

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वर्ल्ड स्लीप डे आज: डॉक्टर बोले -कम नींद हानिकारक:  कम सोने से बढ़ती हैं बीमारियां, मोबाइल और तनाव से 35 प्रतिशत लोगों को कम आ रही नींद – Tonk News

वर्ल्ड स्लीप डे आज: डॉक्टर बोले -कम नींद हानिकारक: कम सोने से बढ़ती हैं बीमारियां, मोबाइल और तनाव से 35 प्रतिशत लोगों को कम आ रही नींद – Tonk News

डॉ. सरफराज ( फाइल फोटो)

विश्व नींद दिवस (वर्ल्ड स्लीप डे) 14 मार्च को मनाया जाता है। इसको लेकर आज होली का पर्व होने से कोई आयोजन तो जिले में नहीं हो रहा है, लेकिन डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है । अच्छी नींद सेहत के लिए उतनी

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यूनिवर्सिटी ऑफ यूनानी कॉलेज टोंक के एसोसिएट प्रोफेसर सरफराज ने बताया कि इंसान अपनी जिंदगी का एक तिहाई हिस्सा सोते हुए बिताता है। नींद सेहत और तंदुरुस्ती बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। सोते समय शरीर दिमाग को स्वस्थ रखने और शारीरिक सेहत बनाए रखने का काम करता है। बच्चों और किशोरों में नींद वृद्धि और विकास में मदद करती है। अच्छी नींद चोट और बीमारियों को ठीक करने में सहायक होती है। ध्यान केंद्रित करने और फैसले लेने की क्षमता बढ़ाती है। शरीर को ऊर्जावान और आरामदायक बनाती है।

कितने घंटे नींद लेना आवश्यक

यूनानी डॉक्टर सरफराज के मुताबिक, अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए नींद का समय तय है। 1 से 2 साल के बच्चों को 11 से 14 घंटे, 3 से 5 साल के बच्चों को 10 से 13 घंटे, 6 से 12 साल के बच्चों को 9 से 12 घंटे, 13 से 17 साल के किशोरों को 8 से 10 घंटे, 18 से 60 साल के लोगों को 7 घंटे या ज्यादा और 61 साल से अधिक उम्र के लोगों को 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए।

नींद पूरी नहीं होने से क्या आती है समस्या

नींद पूरी नहीं होने से अनिद्रापन, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है। शरीर में भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन लेप्टिन का स्तर गिर जाता है। इससे भूख ज्यादा लगती है और मोटापा बढ़ता है। इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा रहता है। यह बीमारी दिल की समस्याएं, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

रोज तय समय पर सोए

बेहतर नींद के लिए रोजाना तय समय पर सोना और जागना जरूरी है। बेडरूम को शांत, आरामदायक और ठंडा रखें। सोने से एक घंटा पहले मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बंद कर दें। सोने से पहले ज्यादा भोजन न करें और शराब से बचें। रोजाना एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें। नींद की समस्या का उपचार यूनानीपैथी से भी संभव है।

नींद नहीं आने के कारण

नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव, चिंता, अनियमित जीवनशैली, कैफीन या शराब का ज्यादा सेवन, समय पर नहीं सोना, कैफीन और शराब का अधिक सेवन और कुछ चिकित्सीय स्थितियां शामिल हैं।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग या नींद संबंधी विकार (जैसे स्लीप एपनिया) भी नींद की समस्या का कारण बन सकते हैं।

इनपुट: एम. असलम

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