वन विभाग ने 650 बीघा जमीन से हटाया अतिक्रमण: कब्जा रोकने के लिए खोदे गड्ढे; शिवपुरी में बरखाड़ी-गोपलिया में चली कार्रवाई – Shivpuri News h3>
वनमंडलाधिकारी के नेतृत्व में टीम और पुलिस बल ने हटाया अतिक्रमण।
शिवपुरी में वन विभाग ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए बरखाड़ी और गोपलिया गांव में लगभग 650 बीघा वन भूमि से अतिक्रमण हटाया। वनमंडलाधिकारी सुधांशु यादव, उपवनमंडलाधिकारी ए. प्रभंजन रेड्डी और परिक्षेत्र अधिकारी माधव सिकरवार के नेतृत्व में गुरुवार शा
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बरखाड़ी में कक्ष पीएफ 919 से बाबू गुर्जर, शब्बीर खान समेत 25 लोगों के 505 बीघा के अवैध कब्जे हटाए गए। यहां बागड़, पत्थर की दीवारें और जेसीबी से खुदी खाइयां थीं। इसी गांव में अल्लू खान के 28 बीघा खेती वाले कब्जे को भी हटाया गया। गोपलिया में कक्ष पीएफ 921 व 501 से श्रीलाल मोगिया और अन्य लोगों द्वारा कब्जाई गई 102 बीघा भूमि को खाली कराया गया।
650 बीघा जमीन से हटाए गए अवैध कब्जे।
कब्जा रोकने के लिए खोदे गड्ढे ये वही क्षेत्र है जहां 2023 में अतिक्रमण हटाने के दौरान दो युवकों को मैला खिलाने की घटना सुर्खियों में रही थी। तब प्रशासन ने कब्जा हटाया था, लेकिन कुछ महीनों में फिर अतिक्रमण हो गया। इस बार वन विभाग ने कब्जा रोकने के लिए 5 जेसीबी और 4 ट्रैक्टर-ट्रॉली से गहरे गड्ढे खुदवाकर बीज बुवाई शुरू कर दी है।
ग्रामीणों ने की बाउंड्रीवॉल और स्थायी प्लांटेशन की मांग कार्रवाई के दौरान गोपलिया में एक कब्जाधारी से एक उल्लू भी बरामद किया गया, जिसे वन विभाग ने अपने संरक्षण में ले लिया। ग्रामीणों ने स्थायी समाधान के लिए बाउंड्रीवॉल और प्लांटेशन की मांग की है।
वन विभाग की टीम जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाते हुए।
‘आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई’ वनमंडलाधिकारी सुधांशु यादव ने बताया कि अवैध कब्जाधारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। कार्रवाई में पुलिस बल, ग्राम वन समिति के सदस्य और सुरक्षा श्रमिक मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि वन विभाग की ये मुहिम आगे भी जारी रहेगी और रिक्त कराई गई जमीन पर हरियाली लौटाई जाएगी।
दोबारा कब्जा रोकने के लिए खोदे गए कंटूर ट्रेंच।
फोटो 1:
फोटो 2: गोपलिया में कब्जाधारी से बरामद किया गया उल्लू, जिसे वन विभाग ने अपने संरक्षण में लिया। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत उल्लू पालना अवैध है।
फोटो 3:कार्रवाई गुरुवार शाम से शुक्रवार तक चली।
फोटो 4: अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि पर बीज बुवाई का कार्य करते वन कर्मी।