लो खुल गई लॉटरीः सपनों का घर मिलते ही छलक पड़े आंसू | satna pm awas yojana lottery result | News 4 Social h3>
मनचाहा आवास पाने के लिए एकमुश्त ढाई लाख रुपए जमा करने वाले प्रमोद गुप्ता को लाटरी से कृपालपुर साइट के ई-32 ब्लाक में 302 नंबर का आवास मिला तो उन्होंने आवास लेने से इनकार कर दिया। गुप्ता ने बताया कि उन्हें यह कहा गया था कि उतैली में मनचाहा मकान चाहिए तो पूरे ढाई लाख रुपए जमा करो। मेरे पास पैसे नहीं थे, तो आवास के लिए रुपए जुटाने घर के सभी गहने और पत्नी का मंगलसूत्र तक बेच दिया। 2022 में एकमुश्त रकम जमा किया ताकि मनमाफिक आवास मिल सके। निगम कर्मचारियों की मनमानी के चलते मेरा यह सपना पूरा नहीं हो सका। उतैली में आवास न मिलने से आहत प्रमोद की पत्नी की आंखें भर आईं। वह निगम के अधिकारियों से उतैली में आवास दिलाने की मिन्नन करती रही, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। यह हाल सिर्फ एक हितग्राही का नहीं। पीएम आवास आवंटन कार्यक्रम में पहुंचे कई हितग्राही उतैली में आवास मांग रहे थे, लेकिन उन्हें मनचाहे आवास नहीं मिले।
पहले अपात्रों को बांटे, अब कार्रवाई से बचने नियम याद आया
नगर निगम द्वारा उतैली और कृपालपुर में 2400 आवासों का निर्माण कराया गया है। पिछले दो साल में निगम कर्मचारियों ने पहले आओ पहले पाओ के आड़ में अपात्र लोगों को 2000 आवास बांट दिए। दो माह पहले अपात्रों को आवास बांटने का खुलासा हुआ तो आनन फानन में जांच बैठा दी गई। कुछ अपात्र हितग्राही आवास खाली कर चले गए। अब जब 400 आवास बचे और पांच साल से पैसे जमा कर पीएम आवास के लिए भटक रहे 1000 से अधिक हितग्राही वेटिंग में आ गए तो कानूनी कार्रवाई से बचने निगम इंजीनियरों ने पात्र हितग्राहियों द्वारा जमा पैसे की रसीद के आधार पर नई सूची तैयार की। उसी सूची के आधार पर लाॅटरी सिस्टम से उन्हें आवास आवंटित किए।
हितग्राही बोले
मैंने पीएम आवास के लिए 2018 में 20 हजार रुपए जमा किए थे। पांच साल भटकने के बाद आज लाटरी निकली है। इस बीच मैंने कई बार जनसुनवाई में शिकायत की, लेकिन यह कहते हुए गुमराह किया कि अभी पीएम आवास बन रहे हैं। बनने के बाद आवंटित किए जाएंगे।
अमित द्विवेदी, हितग्राही
मुझसे यह कहते हुए पीएम आवास के ढाई लाख रुपए जमा कराए गए थे कि पूरी राशि जमा करने पर मनचाहा आवास दिया जाएगा। आज जब आवास देने की बारी आई तो लाटरी से कृपालपुर में आवास दे दिए। मैं बाहर रहता हूं। मेरे बच्चे उतैली में पढ़ते हैं। मैं कृपालपुर में आवास नहीं लेना चहता। मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
प्रमोद कुमार गुप्ता, हितग्राही
2019 में पीएम आवास के लिए 25 हजार रुपए दिए थे। तब कर्मचारियों ने रसीद 20 हजार की दी थी। बाद में पता चला कि 5 हजार कर्मचारी खा गए। फिर 20 हजार और जमा कराए। इसके बावजूद पांच साल इंतजार करना पड़ा। आज लाटरी से पीएम आवास मिला तो राहत मिली।
सियावती पाल, हितग्राही
आरोप-प्रत्यारोप ऐसे भी
उतैली निवासी अर्चना पांडेय ने बताया कि उतैली में आवास दिलाने के लिए निगम कर्मचारियों ने उनसे 5 हजार रुपए लिए थे। इसके बावजूद लाटरी से ही आवास मिला, वह भी कृपालपुर में। पीएम आवास के लिए भटक रहे सुधीर सिंह ने बताया कि उतैली में पीएम आवास दिलाने उनसे निगम कर्मचारियों ने 18 हजार रुपए लिए। आज जब पीएम आवास लेने आया तो लाटरी से कृपालपुर का आवास निकला। मुझे उतैली में आवास चाहिए, इसलिए लाटरी से मिला आवास कैंसिल कर दिया।
क्या बोले जिम्मेदार
पीएम आवास का पूरा पैसा जमा करने वाले हितग्राहियों के लिए पहले आओ पहले पाओ योजना शुरू की गई थी। अब शेष आवास पैसा जमा करने वाले सभी हितग्राहियों को सूची के अनुसार वितरित करने थे। इसलिए सभी हितग्राहियों को लाटरी से पीएम आवास आवंटित किए गए।
अरुण तिवारी, आवास, प्रभारी नगर निगम
सूची के अनुसार सभी पात्र हितग्राहियों को बिना किसी भेदभाव के पीएम आवास मिल सके, इसलिए लाटरी निकालने की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई। पूर्व में किस प्रकार आवास आवंटित किए गए, इसकी जनकारी मुझे नहीं है। जो आवास अपात्रों को दिए गए हैं उसकी जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद अपात्र पाए गए लोगों का आवंटन निरस्त कर उन आवासों को पात्र हितग्राहियाें को दिया जाएगा।
योगेश ताम्रकार, महापौर नगर निगम
मनचाहा आवास पाने के लिए एकमुश्त ढाई लाख रुपए जमा करने वाले प्रमोद गुप्ता को लाटरी से कृपालपुर साइट के ई-32 ब्लाक में 302 नंबर का आवास मिला तो उन्होंने आवास लेने से इनकार कर दिया। गुप्ता ने बताया कि उन्हें यह कहा गया था कि उतैली में मनचाहा मकान चाहिए तो पूरे ढाई लाख रुपए जमा करो। मेरे पास पैसे नहीं थे, तो आवास के लिए रुपए जुटाने घर के सभी गहने और पत्नी का मंगलसूत्र तक बेच दिया। 2022 में एकमुश्त रकम जमा किया ताकि मनमाफिक आवास मिल सके। निगम कर्मचारियों की मनमानी के चलते मेरा यह सपना पूरा नहीं हो सका। उतैली में आवास न मिलने से आहत प्रमोद की पत्नी की आंखें भर आईं। वह निगम के अधिकारियों से उतैली में आवास दिलाने की मिन्नन करती रही, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। यह हाल सिर्फ एक हितग्राही का नहीं। पीएम आवास आवंटन कार्यक्रम में पहुंचे कई हितग्राही उतैली में आवास मांग रहे थे, लेकिन उन्हें मनचाहे आवास नहीं मिले।
पहले अपात्रों को बांटे, अब कार्रवाई से बचने नियम याद आया
नगर निगम द्वारा उतैली और कृपालपुर में 2400 आवासों का निर्माण कराया गया है। पिछले दो साल में निगम कर्मचारियों ने पहले आओ पहले पाओ के आड़ में अपात्र लोगों को 2000 आवास बांट दिए। दो माह पहले अपात्रों को आवास बांटने का खुलासा हुआ तो आनन फानन में जांच बैठा दी गई। कुछ अपात्र हितग्राही आवास खाली कर चले गए। अब जब 400 आवास बचे और पांच साल से पैसे जमा कर पीएम आवास के लिए भटक रहे 1000 से अधिक हितग्राही वेटिंग में आ गए तो कानूनी कार्रवाई से बचने निगम इंजीनियरों ने पात्र हितग्राहियों द्वारा जमा पैसे की रसीद के आधार पर नई सूची तैयार की। उसी सूची के आधार पर लाॅटरी सिस्टम से उन्हें आवास आवंटित किए।
हितग्राही बोले
मैंने पीएम आवास के लिए 2018 में 20 हजार रुपए जमा किए थे। पांच साल भटकने के बाद आज लाटरी निकली है। इस बीच मैंने कई बार जनसुनवाई में शिकायत की, लेकिन यह कहते हुए गुमराह किया कि अभी पीएम आवास बन रहे हैं। बनने के बाद आवंटित किए जाएंगे।
अमित द्विवेदी, हितग्राही
मुझसे यह कहते हुए पीएम आवास के ढाई लाख रुपए जमा कराए गए थे कि पूरी राशि जमा करने पर मनचाहा आवास दिया जाएगा। आज जब आवास देने की बारी आई तो लाटरी से कृपालपुर में आवास दे दिए। मैं बाहर रहता हूं। मेरे बच्चे उतैली में पढ़ते हैं। मैं कृपालपुर में आवास नहीं लेना चहता। मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
प्रमोद कुमार गुप्ता, हितग्राही
2019 में पीएम आवास के लिए 25 हजार रुपए दिए थे। तब कर्मचारियों ने रसीद 20 हजार की दी थी। बाद में पता चला कि 5 हजार कर्मचारी खा गए। फिर 20 हजार और जमा कराए। इसके बावजूद पांच साल इंतजार करना पड़ा। आज लाटरी से पीएम आवास मिला तो राहत मिली।
सियावती पाल, हितग्राही
आरोप-प्रत्यारोप ऐसे भी
उतैली निवासी अर्चना पांडेय ने बताया कि उतैली में आवास दिलाने के लिए निगम कर्मचारियों ने उनसे 5 हजार रुपए लिए थे। इसके बावजूद लाटरी से ही आवास मिला, वह भी कृपालपुर में। पीएम आवास के लिए भटक रहे सुधीर सिंह ने बताया कि उतैली में पीएम आवास दिलाने उनसे निगम कर्मचारियों ने 18 हजार रुपए लिए। आज जब पीएम आवास लेने आया तो लाटरी से कृपालपुर का आवास निकला। मुझे उतैली में आवास चाहिए, इसलिए लाटरी से मिला आवास कैंसिल कर दिया।
क्या बोले जिम्मेदार
पीएम आवास का पूरा पैसा जमा करने वाले हितग्राहियों के लिए पहले आओ पहले पाओ योजना शुरू की गई थी। अब शेष आवास पैसा जमा करने वाले सभी हितग्राहियों को सूची के अनुसार वितरित करने थे। इसलिए सभी हितग्राहियों को लाटरी से पीएम आवास आवंटित किए गए।
अरुण तिवारी, आवास, प्रभारी नगर निगम
सूची के अनुसार सभी पात्र हितग्राहियों को बिना किसी भेदभाव के पीएम आवास मिल सके, इसलिए लाटरी निकालने की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई। पूर्व में किस प्रकार आवास आवंटित किए गए, इसकी जनकारी मुझे नहीं है। जो आवास अपात्रों को दिए गए हैं उसकी जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद अपात्र पाए गए लोगों का आवंटन निरस्त कर उन आवासों को पात्र हितग्राहियाें को दिया जाएगा।
योगेश ताम्रकार, महापौर नगर निगम