लोगों ने धूमधाम से मनायी अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजा

3
लोगों ने धूमधाम से मनायी अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजा

लोगों ने धूमधाम से मनायी अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजा

लोगों ने धूमधाम से मनायी अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजालोगों ने धूमधाम से मनायी अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजालोगों ने धूमधाम से मनायी अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजा

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 18 Sep 2024 01:23 PM
share
Share

लोगों ने धूमधाम से मनायी अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजा लोगों ने कहा-धार्मिक उत्साह और आस्था का पर्व है अनंत चतुर्दशी व विश्वकर्मा पूजा फोटो : पूजा 01 : बिहारशरीफ के ग्रामीण कार्य विभाग कार्यालय में भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करते भक्त। बिहारशरीफ/पावापुरी, निज संवाददाता। जिले की सैकड़ों जगहों पर श्रद्धा और उत्साह के साथ अनंत चतुर्दशी व्रत और विश्वकर्मा पूजा लोगों ने धूमधाम से की। दोनों पर्वों ने धार्मिक आस्था, समर्पण और कर्म की महत्ता को दर्शाया। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि अनंत चतुर्दशी व्रत हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की आराधना का महत्वपूर्ण दिन है। श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा अर्चना की और उनके आशीर्वाद की मंगल कामना की। यह व्रत सुख समृद्धि और दुखों से मुक्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भक्तों ने हाथ में अनंत धागा बांधकर भगवान विष्णु से अपनी रक्षा और समृद्धि की प्रार्थना की। पवित्र अनंत धागा धारण करना इस व्रत की मुख्य परंपरा है। यह अनंत काल तक चलने वाली सुख और शांति का प्रतीक है। मंदिरों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना और कथा का आयोजन हुआ। इसमें अलग अलग मंदिरों में हजारों भक्त शामिल हुए। कर्म और शिल्प के देवता विश्वकर्मा भगवान की हुई आराधना: इसी दिन विश्वकर्मा पूजा भी पूरे धूमधाम से मनायी गयी। विश्वकर्मा जी को सृष्टि के शिल्पकार और निर्माण के देवता के रूप में पूजा की जाती है। औद्योगिक क्षेत्रों, कारखानों, वर्कशॉप और निर्माण कार्य से जुड़े लोगों ने इस दिन अपने औजारों, मशीनों और उपकरणों की पूजा की। आचार्य पप्पू पांडेय ने बताया कि विश्वकर्मा पूजा का महत्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए होता है, जो तकनीकी और शिल्पकला से जुड़े होते हैं। इस अवसर पर मशीनों और औजारों की सफाई कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा की जाती है, इससे काम में उन्नति और सुरक्षा बनी रहती है। धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव : दोनों पर्वों में मंदिरों और पूजा स्थलों पर विशेष अनुष्ठान हुए। अनंत चतुर्दशी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की कथाओं का लोगों ने श्रवण किया। वहीं विश्वकर्मा पूजा में कर्म और समर्पण के महत्व पर जोर दिया गया। लोगों ने अपने अपने घरों और कार्यस्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर विधिपूर्वक उनकी पूजा अर्चना की। अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा पूजा, दोनों पर्वों ने धार्मिक और सामाजिक उत्साह का माहौल बनाया। इन त्योहारों ने श्रद्धालुओं को ईश्वर के प्रति आस्था और अपने कर्मों के प्रति समर्पण का संदेश दिया। इससे समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भाव का संचार हुआ। बुधवार को कई संस्थानों में लोगों ने पूजा अर्चना के बाद भगवान विश्वकर्मा को विदाई दी। बिहारशरीफ के ग्रामीण कार्य विभाग कार्यालय में कार्यपालक अभियंता अनिश कुमार सिंह, सहायक अभियंता शिवनाथ राम, किशोरी प्रसाद, रामकिशोर प्रसाद, उमेश प्रसाद सिंह, हरदेव कुमार व अन्य भक्तों ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News