लोकसभा चुनाव 2024: 3 हजार शस्त्र जमा, पुलिस ने कड़ा किया सुरक्षा का पहरा | Lok Sabha Elections 2024 weapons deposited police tightens security | News 4 Social h3>
झांसी में 12 हजार लाइसन्सी बन्दूक व पिस्टल हैं जमा जनपद में लगभग 20 हजार लाइसन्सी अस्लिहाधारी हैं। इनमें से कई लोग सेना, पुलिस और अन्य फोर्स में कार्यरत हैं, जिन्होंने झांसी में तैनाती के दौरान अस्लिहा का लाइसेंस जारी कराया था। इसके बाद उनका स्थानान्तरण दूसरे जनपदों में हो गया। इसके अलावा कई बन्दूकधारी पेट्रोल पम्प, बैंक, एटीएम, फैक्ट्रि और कॉलनि आदि की सुरक्षा में लगे हैं, जिनके पास अस्लिहा का रहना जरूरी है।
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पुलिस ने 3,123 शस्त्र जमा कराए पुलिस ने ऐसे लाइसन्सधारियों की छानबीन कर 12,196 ऐसे लोगों की सूची तैयार की है, जिनके पास अस्लिहा तो हैं, लेकिन उसकी ज्यादा जरूरत नहीं है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही पुलिस ने इन लोगों को अपने अस्लिहा करीब के थाने या फिर बन्दूक की दुकान पर जमा कर उसकी रसीद थाने पर दिखाने का निर्देश दिया था।
पुलिस अधीक्षक (नगर) ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह का कहना है: “हर चुनाव में लाइसन्सी शस्त्रों को जमा करा लिया जाता है, ताकि छोटे विवाद में कोई अपने शस्त्र का उपयोग न कर सके। किसका शस्त्र जमा कराना है और किसका नहीं, यह जिलाधिकारी द्वारा बनायी गयी स्क्रीनिंग कमिटि तय करती है। वहां से सूची जारी होती है, जिसके आधार पर पुलिस शस्त्र जमा करा रही है।”
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झांसी में 12 हजार लाइसन्सी बन्दूक व पिस्टल हैं जमा जनपद में लगभग 20 हजार लाइसन्सी अस्लिहाधारी हैं। इनमें से कई लोग सेना, पुलिस और अन्य फोर्स में कार्यरत हैं, जिन्होंने झांसी में तैनाती के दौरान अस्लिहा का लाइसेंस जारी कराया था। इसके बाद उनका स्थानान्तरण दूसरे जनपदों में हो गया। इसके अलावा कई बन्दूकधारी पेट्रोल पम्प, बैंक, एटीएम, फैक्ट्रि और कॉलनि आदि की सुरक्षा में लगे हैं, जिनके पास अस्लिहा का रहना जरूरी है।
पुलिस ने 3,123 शस्त्र जमा कराए पुलिस ने ऐसे लाइसन्सधारियों की छानबीन कर 12,196 ऐसे लोगों की सूची तैयार की है, जिनके पास अस्लिहा तो हैं, लेकिन उसकी ज्यादा जरूरत नहीं है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही पुलिस ने इन लोगों को अपने अस्लिहा करीब के थाने या फिर बन्दूक की दुकान पर जमा कर उसकी रसीद थाने पर दिखाने का निर्देश दिया था।
पुलिस अधीक्षक (नगर) ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह का कहना है: “हर चुनाव में लाइसन्सी शस्त्रों को जमा करा लिया जाता है, ताकि छोटे विवाद में कोई अपने शस्त्र का उपयोग न कर सके। किसका शस्त्र जमा कराना है और किसका नहीं, यह जिलाधिकारी द्वारा बनायी गयी स्क्रीनिंग कमिटि तय करती है। वहां से सूची जारी होती है, जिसके आधार पर पुलिस शस्त्र जमा करा रही है।”