लोकसभा चुनाव: महाभारत और भगवान महावीर से जमुई का नाता, 2019 में नोटा 4.16 फीसदी वोटर ने दबाया नोटा
BIhar Lok Sabha Election 2024: महाभारत काल से जुड़ी जमुई भगवान महावीर की धरती के रूप में भी जानी जाती है। घने जंगल, पहाड़ियों की शृंखला और देश में सबसे अधिक स्वर्ण भंडार होने की संभावनाओं के लिए जमुई अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। नक्सली समस्या से धीरे-धीरे उबर रहे इस जिले के लोगों को अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत पर गर्व है। सड़क, बिजली, बेहतर स्कूलों के भवन इलाके में हुए विकास को दर्शाते हैं। मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय और स्टेशन के हो रहे विकास से भी लोग खुश हैं। लेकिन लोगों में जिले में अब तक फोर लेन नहीं बनने का मलाल है। पेयजल और सिंचाई का संकट और पलायन यहां की बड़ी समस्या है। जमुई से पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए से यहां चिराग पासवान के लोजपा उम्मीदवार अरुण भारती मैदान में हैं तो लालू यादव की राजद से अर्चना भारती चुनाव ल़़ड़ रही हैं। 19 अप्रैल को तय हो जाएगा कि जमुई का ताज किसके सर पर सजेगा।
जमुई में मतदान के महज दो दिन बचे हैं लेकिन अभी भी लोग ‘समय है की बात कह’ अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। नवादा छोर से जमुई की सीमा चंद्रदीप थाना से शुरू होती है। गांव के रामजी राय कहते हैं कि चुनाव लड़ने वाले सभी दलीय नेताओं के अपने-अपने दावे हैं। लेकिन जमुई आने के लिए सड़क को और चौड़ा (फोरलेन) करने की बात कोई नहीं कर रहा है। तेलार चौक पर खरीदारी करने आए राजेन्द्र राय कहते हैं कि जमुई का वह विकास नहीं हो सका जो राज्य के अन्य जिलों का हुआ। अलीगंज में अपने दरवाजे पर बैठे मुनारिक राम कहते हैं कि नेताओं को कुछ कहना है तो वे पलायन पर क्यों नहीं कुछ कहते। महादेव सिमरिया बाजार के विनय प्रजापति कहते हैं कि रोजगार नहीं मिलने की बड़ी समस्या है। अधिकतर युवा बाहर काम करने को विवश हैं।
जमुई शहर में पुरुषोत्तम सिंह कहते हैं कि नवादा की नदी को कैलाश डैम से जोड़ने की पुरानी मांग है। इस पर कोई सरकार ध्यान नहीं दे रही है पर वोट सभी को चाहिए। बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली सड़क एनएच 333 के बीच में आने वाले नरियानापुर पुल, बलथरपुल के कमजोर होने से सड़क पर बैरिकेडिंग है। भारी वाहनों की आवाजाही बंद है। किऊल नदी सूख चुकी है। कई जगह यह नहर का रूप ले चुकी है। खराईचक के मनीष कुमार राय कहते हैं कि कमजोर पुल को बदला जाना चाहिए। मांगोबंदर के सुनील कुमार भी अपने यहां के पुल कमजोर होने की बात करते हैं। केंदुआ के मो सलाहउद्दीन को किसानी के एवज में हर साल छह हजार मिल जा रहे हैं। इससे वे खुश दिखे। गैस चूल्हा और मुफ्त राशन की भी सुविधा मिल रही है।
जमुई के गंगा यादव एक खास दल के समर्थक हैं। कहते हैं कि इस बार लहर चल रहा है। सोनो के मनेश कुमार को अनाज मिल रहा है जिससे उनको खाने में परेशानी नहीं है। झाझा के लोगों में भी सरकार के काम से खुशी दिखी। गिद्धौर बाजार में रिक्शा चालक हरदेव राय कहते हैं कि अभी क्या बताएं, समय आने पर तय कर लेंगे कि किसको वोट देना है। महंगाई से ये नाराज दिखे। लक्ष्मीपुर से तारापुर के रास्ते में कई किलोमीटर सड़क के सिंगल लेन होने से लोगों को परेशानी हो रही है। संग्रामपुर के रोहित कुमार पहली बार वोट देंगे, यह सोचकर ही खुश हैं। राम स्वारथ कॉलेज में पढ़ने वाले निशांत कहते हैं कि काम के आधार पर ही वोट देंगे।
उपविजेता को छोड़ बाकी को नोटा से कम वोट आए
जमुई के वोटरों में उम्मीदवारों को लेकर नाराजगी बढ़ी है। विजेता के बाद उपविजेता को छोड़ दें तो अन्य प्रत्याशियों को कम वोट आए। 2014 के चुनाव में नोटा को मात्र 19517 लोगों ने वोट दिए थे। कुल मतदान का यह 2.59 फीसदी था। लेकिन 2019 के चुनाव में 39450 लोगों ने नोटा का बटन दबाया जो कुल मतदान का 4.16 फीसदी रहा।
इस बार ये हैं उम्मीदवार
जमुई की लड़ाई की खासबात यह है कि पिछली बार के दोनों मुख्य लड़ाके यहां के मैदान में नहीं हैं। एनडीए और महागठबंधन दोनों ने नया प्रत्याशी उतारा है। लोजपाआर के अरुण भारती, राजद की अर्चना कुमारी, बसपा से सकलदेव दास, निर्दलीय जगदीश प्रसाद, श्रवण कुमार, संतोष कुमार दास और सुभाष कुमार। इनमें से जिन्हें भी जीत मिली वह पहली बार अपनी कदम लोकसभा में रखेंगे।
2019 का हाल
दल उम्मीदवार वोट फीसदी
लोजपा चिराग पासवान 528771 55.76
रालोसपा भूदेव चौधरी 287716 30.34
तीन जिले के छह विस सीट का लोकसभा क्षेत्र
जमुई (सुरक्षित) में तीन जिले के छह विस क्षेत्र हैं। मुंगेर के तारापुर से जदयू के राजीव सिंह, शेखपुरा से राजद के विजय यादव विधायक हैं। जबकि सिकंदरा (सुरक्षित) से हम के प्रफुल्ल मांझी, जमुई से भाजपा की श्रेयसी सिंह, झाझा से जदयू के दामोदर रावत व चकाई से निर्दलीय सुमित कु. सिंह विधायक हैं।
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BIhar Lok Sabha Election 2024: महाभारत काल से जुड़ी जमुई भगवान महावीर की धरती के रूप में भी जानी जाती है। घने जंगल, पहाड़ियों की शृंखला और देश में सबसे अधिक स्वर्ण भंडार होने की संभावनाओं के लिए जमुई अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। नक्सली समस्या से धीरे-धीरे उबर रहे इस जिले के लोगों को अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत पर गर्व है। सड़क, बिजली, बेहतर स्कूलों के भवन इलाके में हुए विकास को दर्शाते हैं। मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय और स्टेशन के हो रहे विकास से भी लोग खुश हैं। लेकिन लोगों में जिले में अब तक फोर लेन नहीं बनने का मलाल है। पेयजल और सिंचाई का संकट और पलायन यहां की बड़ी समस्या है। जमुई से पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए से यहां चिराग पासवान के लोजपा उम्मीदवार अरुण भारती मैदान में हैं तो लालू यादव की राजद से अर्चना भारती चुनाव ल़़ड़ रही हैं। 19 अप्रैल को तय हो जाएगा कि जमुई का ताज किसके सर पर सजेगा।
जमुई में मतदान के महज दो दिन बचे हैं लेकिन अभी भी लोग ‘समय है की बात कह’ अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। नवादा छोर से जमुई की सीमा चंद्रदीप थाना से शुरू होती है। गांव के रामजी राय कहते हैं कि चुनाव लड़ने वाले सभी दलीय नेताओं के अपने-अपने दावे हैं। लेकिन जमुई आने के लिए सड़क को और चौड़ा (फोरलेन) करने की बात कोई नहीं कर रहा है। तेलार चौक पर खरीदारी करने आए राजेन्द्र राय कहते हैं कि जमुई का वह विकास नहीं हो सका जो राज्य के अन्य जिलों का हुआ। अलीगंज में अपने दरवाजे पर बैठे मुनारिक राम कहते हैं कि नेताओं को कुछ कहना है तो वे पलायन पर क्यों नहीं कुछ कहते। महादेव सिमरिया बाजार के विनय प्रजापति कहते हैं कि रोजगार नहीं मिलने की बड़ी समस्या है। अधिकतर युवा बाहर काम करने को विवश हैं।
जमुई शहर में पुरुषोत्तम सिंह कहते हैं कि नवादा की नदी को कैलाश डैम से जोड़ने की पुरानी मांग है। इस पर कोई सरकार ध्यान नहीं दे रही है पर वोट सभी को चाहिए। बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली सड़क एनएच 333 के बीच में आने वाले नरियानापुर पुल, बलथरपुल के कमजोर होने से सड़क पर बैरिकेडिंग है। भारी वाहनों की आवाजाही बंद है। किऊल नदी सूख चुकी है। कई जगह यह नहर का रूप ले चुकी है। खराईचक के मनीष कुमार राय कहते हैं कि कमजोर पुल को बदला जाना चाहिए। मांगोबंदर के सुनील कुमार भी अपने यहां के पुल कमजोर होने की बात करते हैं। केंदुआ के मो सलाहउद्दीन को किसानी के एवज में हर साल छह हजार मिल जा रहे हैं। इससे वे खुश दिखे। गैस चूल्हा और मुफ्त राशन की भी सुविधा मिल रही है।
जमुई के गंगा यादव एक खास दल के समर्थक हैं। कहते हैं कि इस बार लहर चल रहा है। सोनो के मनेश कुमार को अनाज मिल रहा है जिससे उनको खाने में परेशानी नहीं है। झाझा के लोगों में भी सरकार के काम से खुशी दिखी। गिद्धौर बाजार में रिक्शा चालक हरदेव राय कहते हैं कि अभी क्या बताएं, समय आने पर तय कर लेंगे कि किसको वोट देना है। महंगाई से ये नाराज दिखे। लक्ष्मीपुर से तारापुर के रास्ते में कई किलोमीटर सड़क के सिंगल लेन होने से लोगों को परेशानी हो रही है। संग्रामपुर के रोहित कुमार पहली बार वोट देंगे, यह सोचकर ही खुश हैं। राम स्वारथ कॉलेज में पढ़ने वाले निशांत कहते हैं कि काम के आधार पर ही वोट देंगे।
उपविजेता को छोड़ बाकी को नोटा से कम वोट आए
जमुई के वोटरों में उम्मीदवारों को लेकर नाराजगी बढ़ी है। विजेता के बाद उपविजेता को छोड़ दें तो अन्य प्रत्याशियों को कम वोट आए। 2014 के चुनाव में नोटा को मात्र 19517 लोगों ने वोट दिए थे। कुल मतदान का यह 2.59 फीसदी था। लेकिन 2019 के चुनाव में 39450 लोगों ने नोटा का बटन दबाया जो कुल मतदान का 4.16 फीसदी रहा।
इस बार ये हैं उम्मीदवार
जमुई की लड़ाई की खासबात यह है कि पिछली बार के दोनों मुख्य लड़ाके यहां के मैदान में नहीं हैं। एनडीए और महागठबंधन दोनों ने नया प्रत्याशी उतारा है। लोजपाआर के अरुण भारती, राजद की अर्चना कुमारी, बसपा से सकलदेव दास, निर्दलीय जगदीश प्रसाद, श्रवण कुमार, संतोष कुमार दास और सुभाष कुमार। इनमें से जिन्हें भी जीत मिली वह पहली बार अपनी कदम लोकसभा में रखेंगे।
2019 का हाल
दल उम्मीदवार वोट फीसदी
लोजपा चिराग पासवान 528771 55.76
रालोसपा भूदेव चौधरी 287716 30.34
तीन जिले के छह विस सीट का लोकसभा क्षेत्र
जमुई (सुरक्षित) में तीन जिले के छह विस क्षेत्र हैं। मुंगेर के तारापुर से जदयू के राजीव सिंह, शेखपुरा से राजद के विजय यादव विधायक हैं। जबकि सिकंदरा (सुरक्षित) से हम के प्रफुल्ल मांझी, जमुई से भाजपा की श्रेयसी सिंह, झाझा से जदयू के दामोदर रावत व चकाई से निर्दलीय सुमित कु. सिंह विधायक हैं।