लोकसभा चुनाव: पहले चरण में जीतनराम मांझी और चिराग की अग्निपरीक्षा, इन 5 परिवारों की साख दांव पर h3>
Bihar Lok Sabha Election 2024: इंतजार की घड़ियां खत्म। नेता जी और उनकी पार्टी को जो कहना था, कह दिया। अब आपकी बारी है। शुक्रवार को गया, नवादा, जमुई और औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्रों के 76 लाख से अधिक मतदाता अपने बेशकीमती वोट से देश का भविष्य लिखेंगे। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह समेत राजद की अग्निपरीक्षा होगी। कुल 38 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला आज मतदाता करेंगे। इनमें से कोई चार भाग्यशाली ही लोस पहुंचकर अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे।
फिलहाल चारों सीटों पर फिलहाल एनडीए का कब्जा है। वर्ष 2019 के चुनाव में औरंगाबाद से भाजपा के सुशील कुमार सिंह, गया से जदयू के विजय मांझी, जमुई से लोजपा के चिराग पासवान और नवादा से लोजपा के ही चंदन सिंह जीते थे। इसबार एनडीए की ओर से नवादा में राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर, औरंगाबाद में भाजपा के ही वर्तमान सांसद सुशील सिंह, गया में हम (से.) के संरक्षक जीतनराम मांझी व जमुई में चिराग पासवान के बहनोई अर्चना भारती चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा के दो, हम और लोजपा (आर) के एक-एक प्रत्याशी के सामने सभी चार सीटों पर राजद उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं।
राजद ने महागठबंधन में सबसे अधिक 23 सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए हैं। पहले चरण में राजद की सभी सीटों पर साख दांव पर लगी है। औरंगाबाद से अभय कुशवाहा, नवादा से श्रवण कुशवाहा, गया से कुमार सर्वजीत, जबकि जमुई से अर्चना रविदास राजद प्रत्याशी हैं। चारों प्रत्याशी लोस चुनाव के रण में पहली बार उतरे हैं।
दोनों गठबंधनों ने अपने उम्मीदवारों की जीत के लिए जमकर पसीना बहाया। एनडीए की ओर से पीएम की सभाएं चार में से तीन सीटों जमुई, नवादा और गया में हुई हैं। तो सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा, यूपी के सीएम योगी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह ने भी कई सभाएं की है। महागठबंधन की ओर से वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को साथ लेकर तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ सभाएं की हैं। अब तो चार जून को ही पता चल पाएगा की किस प्रत्याशी पर जनता की मेहरबानी बरसेगी।
तीन क्षेत्रों से पहली बार लोस जाएंगे विजयी उम्मीदवार
राज्य की चार सीटों पर शुक्रवार को मतदान होना है। इनमें से तीन सीटों पर कोई भी उम्मीदवार विजयी होगा तो वह पहली बार लोकसभा में जाएगा। इनमें गया, जमुई और नवादा सीटें शामिल हैं। यहां के उम्मीदवार पहले कभी लोकसभा में नहीं गये हैं। वहीं, पहले चरण में सिर्फ औरंगाबाद ऐसा क्षेत्र है, जहां के भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह लोकसभा के सदस्य हैं। गया लोकसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत के बीच मुख्य लड़ाई है। जुमई में लोजपा आर के उम्मीदवार अरुण भारती और राजद की अर्चना रविदास पहली बार चुनाव मैदान में हैं। इसी तरह नवादा लोकसभा में भाजपा के विवेक ठाकुर और राजद के श्रवण कुशवाहा के बीच मुख्य लड़ाई है। यहां से राजद के बागी विनोद यादव लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में हैं। वहीं, नवादा के राजद उम्मदवार श्रवण कुशवाहा पहली बार मैदान में हैं।
पांच परिवारों की साख भी दांव पर
गया संसदीय क्षेत्र से जीतनराम मांझी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं उन्हें मुकाबला दे रहे कुमार सर्वजीत के पिता राजेश कुमार भी यहां से सांसद रह चुके हैं। चिराग पासवान को जमुई से दो बार जीत मिली थी। इसबार यहां उन्होंने अपने बहनोई को उतारा है। नवादा में डॉ. सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर मैदान में हैं। वहीं राजद से टिकट नहीं मिलने पर राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं।
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Bihar Lok Sabha Election 2024: इंतजार की घड़ियां खत्म। नेता जी और उनकी पार्टी को जो कहना था, कह दिया। अब आपकी बारी है। शुक्रवार को गया, नवादा, जमुई और औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्रों के 76 लाख से अधिक मतदाता अपने बेशकीमती वोट से देश का भविष्य लिखेंगे। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह समेत राजद की अग्निपरीक्षा होगी। कुल 38 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला आज मतदाता करेंगे। इनमें से कोई चार भाग्यशाली ही लोस पहुंचकर अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे।
फिलहाल चारों सीटों पर फिलहाल एनडीए का कब्जा है। वर्ष 2019 के चुनाव में औरंगाबाद से भाजपा के सुशील कुमार सिंह, गया से जदयू के विजय मांझी, जमुई से लोजपा के चिराग पासवान और नवादा से लोजपा के ही चंदन सिंह जीते थे। इसबार एनडीए की ओर से नवादा में राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर, औरंगाबाद में भाजपा के ही वर्तमान सांसद सुशील सिंह, गया में हम (से.) के संरक्षक जीतनराम मांझी व जमुई में चिराग पासवान के बहनोई अर्चना भारती चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा के दो, हम और लोजपा (आर) के एक-एक प्रत्याशी के सामने सभी चार सीटों पर राजद उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं।
राजद ने महागठबंधन में सबसे अधिक 23 सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए हैं। पहले चरण में राजद की सभी सीटों पर साख दांव पर लगी है। औरंगाबाद से अभय कुशवाहा, नवादा से श्रवण कुशवाहा, गया से कुमार सर्वजीत, जबकि जमुई से अर्चना रविदास राजद प्रत्याशी हैं। चारों प्रत्याशी लोस चुनाव के रण में पहली बार उतरे हैं।
दोनों गठबंधनों ने अपने उम्मीदवारों की जीत के लिए जमकर पसीना बहाया। एनडीए की ओर से पीएम की सभाएं चार में से तीन सीटों जमुई, नवादा और गया में हुई हैं। तो सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा, यूपी के सीएम योगी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह ने भी कई सभाएं की है। महागठबंधन की ओर से वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को साथ लेकर तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ सभाएं की हैं। अब तो चार जून को ही पता चल पाएगा की किस प्रत्याशी पर जनता की मेहरबानी बरसेगी।
तीन क्षेत्रों से पहली बार लोस जाएंगे विजयी उम्मीदवार
राज्य की चार सीटों पर शुक्रवार को मतदान होना है। इनमें से तीन सीटों पर कोई भी उम्मीदवार विजयी होगा तो वह पहली बार लोकसभा में जाएगा। इनमें गया, जमुई और नवादा सीटें शामिल हैं। यहां के उम्मीदवार पहले कभी लोकसभा में नहीं गये हैं। वहीं, पहले चरण में सिर्फ औरंगाबाद ऐसा क्षेत्र है, जहां के भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह लोकसभा के सदस्य हैं। गया लोकसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत के बीच मुख्य लड़ाई है। जुमई में लोजपा आर के उम्मीदवार अरुण भारती और राजद की अर्चना रविदास पहली बार चुनाव मैदान में हैं। इसी तरह नवादा लोकसभा में भाजपा के विवेक ठाकुर और राजद के श्रवण कुशवाहा के बीच मुख्य लड़ाई है। यहां से राजद के बागी विनोद यादव लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में हैं। वहीं, नवादा के राजद उम्मदवार श्रवण कुशवाहा पहली बार मैदान में हैं।
पांच परिवारों की साख भी दांव पर
गया संसदीय क्षेत्र से जीतनराम मांझी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं उन्हें मुकाबला दे रहे कुमार सर्वजीत के पिता राजेश कुमार भी यहां से सांसद रह चुके हैं। चिराग पासवान को जमुई से दो बार जीत मिली थी। इसबार यहां उन्होंने अपने बहनोई को उतारा है। नवादा में डॉ. सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर मैदान में हैं। वहीं राजद से टिकट नहीं मिलने पर राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं।