लोकसभा चुनाव: तिरहुत में 4 दशक से कांग्रेस को जीत नहीं, इंदिरा की हत्या के बाद एलपी शाही जीते थे

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लोकसभा चुनाव: तिरहुत में 4 दशक से कांग्रेस को जीत नहीं, इंदिरा की हत्या के बाद एलपी शाही जीते थे

लोकसभा चुनाव: तिरहुत में 4 दशक से कांग्रेस को जीत नहीं, इंदिरा की हत्या के बाद एलपी शाही जीते थे

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LOK SABHA LECTION 2024: मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। तिरहुत क्षेत्र में पिछले 40 वर्षों से कांग्रेस को लोकसभा की एक भी सीट नहीं मिली है। यहां के कई लोस क्षेत्रों में 1984 के बाद कांग्रेस चुनाव नहीं जीत सके। वर्ष 1984 में स्व इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेसी लहर में इन प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी।

1952 में मुजफ्फरपुर सेंट्रल लोस क्षेत्र से श्यामनंदन सहाय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। वर्ष 1957 के चुनाव में मुजफ्फरपुर एक अलग लोस क्षेत्र बन चुका था। उस चुनाव में भी श्यामनंदन सहाय ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी पर शपथ लेने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद 1962 व 1967 में दिग्विजय नारायण सिंह और्र 1971 नवल किशोर सिन्हा कांग्रेस के सांसद चुने गए। 1984 में ललितेश्वर प्रसाद शाही कांग्रेस के सांसद बने थे, फिर यहां से कांग्रेस का खाता नहीं खुला।

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बीते एक दशक पहले वर्ष 2014 में कांग्रेस के डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने यहां से चुनाव लड़ा था लेकिन वे भाजपा के अजय निषाद से हार गए थे। पड़ोस की लोस सीट वैशाली से भी 1984 के बाद कांग्रेस का खाता नहीं खुला है। यहां से 1984 में किशोरी सिन्हा कांग्रेस की सांसद बनी थीं।

चंपारण में भी पिछड़ती गई कांग्रेस

 

पूर्वी चंपारण कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन यहां कांग्रेस के टिकट पर अंतिम बार सांसद का चुनाव जीतने वाली प्रत्याशी प्रभावती गुप्ता थीं। प्रभावती गुप्ता ने भी वर्ष 1984 में जीत हासिल की थी। लेकिन वर्ष 1989 से कांग्रेस का कोई प्रत्याशी यहां से नहीं जीता। वर्तमान सांसद राधामोहन सिंह पहली बार 1989 में मोतिहारी से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। वर्ष 2009 से अब तक वह जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। पूर्वी चंपारण लोस क्षेत्र में दो बार कम्युनिट पार्टी और दो बार राजद चुनाव जीत चुका है। प. चंपारण सीट पर कांग्रेस के कमलनाथ तिवारी 1962 से 1971 तक सांसद रह चुके हैं। इस क्षेत्र में भी वर्ष 1984 के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं जीते हैं।

सीतामढ़ी में जदयू और राजद के सांसद ज्यादा जीते

सीतामढ़ी जिले में भी कांग्रेस का खाता 40 वर्षों से नहीं खुला है। वर्ष 1984 में इस लोकसभा क्षेत्र से रामश्रेष्ठ कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए थे। सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में राजद और जदयू के सांसदों की संख्या अधिक है। वर्ष 1989 में इस लोकसभा क्षेत्र से जनता दल के टिकट पर हुकुमदेव नारायण यादव चुनाव जीते थे। इसके बाद वर्ष 1991 और 1996 के चुनाव में भी जनता दल के टिकट पर नवल किशोर राय विजयी हुए। वर्ष 1998 से राजद और जदयू के सांसद चुनाव जीत रहे हैं। सीतामढ़ी से वर्तमान सांसद सुनील कुमार पिंटू जदयू से हैं। सीतामढ़ी से सटे शिवहर लोकसभा क्षेत्र में राम दुलारी सिन्हा 1984 में जीती थीं। शिवहर लोकसभा क्षेत्र 1977 में बना था। यहां के पहले सांसद जनता पार्टी के गिरिजानंदन सिंह थे।

 

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