लुटेरों को पकड़ने 20 दिन तक राजस्‍थान में रही MP पुलिस, आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर ऐसे करते थे लूट

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लुटेरों को पकड़ने 20 दिन तक राजस्‍थान में रही MP पुलिस, आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर ऐसे करते थे लूट
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लुटेरों को पकड़ने 20 दिन तक राजस्‍थान में रही MP पुलिस, आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर ऐसे करते थे लूट

भोपाल: राजधानी भोपाल में एक अजब गजब मामला सामने आया है। यहां पर आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर इलाज करने के लिए लूट को अंजाम दिया गया। यह लूट कोई आम लूट नहीं थी, 42 लाख की लूट हुई। भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस की जांच में जब परत दर परत उधड़ी तो पुलिस खुद हैरान रह गई। गिरफ्तार आरोपियों ने ऐसे खुलासे किये कि भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा खुद हैरान रह गए।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम

भोपाल की बावड़िया कला निवासी राकेश मोहन विरमानी ने थाना शाहपुरा में शिकायत की, कि उनकी पत्नी को डीप वैनथ्रोम्बोसिस नाम की बीमारी है। इस कारण वे ठीक से चल नहीं पाती हैं। 4 फरवरी 2023 को एमपी नगर में खड़े एक युवक ने पत्नी को चलते हुए देखा तो पूछ लिया कि उन्हें क्या दिक्कत है। युवक ने उन्हें मुंबई के डॉ. पटेल से मिलने की सलाह दी। डॉ. पटेल 6 फरवरी को राकेश मोहन विरमानी के घर आया और इलाज शुरू किया। विशेष थेरेपी के नाम पर उसने 21,54,000 रुपये फीस के रूप में लिए। इसके बाद उन्होंने तेल और दवाई आदि के लिए समय-समय पर थोड़े-थोड़े कर लगभग 21 लाख रुपये और मांगे। कुल 42 लाख 73 हजार रुपए की ठगी कर ली।

सक्रिय हुई पुलिस, बड़े अधिकारी पहुंचे राजस्थान

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घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अनुराग शर्मा के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त श्रुतकीर्ति सोमवंशी, अति. पुलिस उपायुक्त अपराध शैलेन्द्र सिंह चौहान, सहायक पुलिस आयुक्त शिवपाल सिंह कुशवाह के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी अनूप कुमार उईके, टीम के साथ राजस्थान के जोधपुर पहुंचे। पुलिस की टीम ने गैंग के तीन और सदस्यों मोहम्मद इमरान पिता मोहम्मद जमीर उम्र 32 साल निवासी सागोद, कोटा और अंता, कोटा निवासी मो. जावेद पिता ईशाक उम्र 47 साल तथा खलील पिता अब्दुल जब्बार उम्र 36 साल को गिरफ्तार किया, जिन्हें पुलिस रिमांड पर लेकर विस्तृत पूछताछ कर रही है।

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20 दिन राजस्थान में रही एमपी पुलिस

इन चालाक आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस 20 दिनों तक राजस्थान में रही और 1 हफ्ते तक आरोपियों की गिरफ्तारी करके कार्रवाई को अंजाम दिया।

लूट को ऐसे देते हैं अंजाम

गैंग में 7-8 लोग हैं, जो भोपाल के सूखीसेवनिया आउटर क्षेत्र में झोपड़ी बनाकर रुके थे। मो.इमरान, मो.जावेद और खलील होटल तथा रेस्टाेरेंटों के आसपास घूमते हैं और ऐसे बुजुर्ग जिनको चलने में दिक्कत होती है, उन्हें टारगेट करते हैं। बाद में मो. शेरू डॉक्टर बनकर आयुर्वेदिक उपचार के नाम पर पीड़ित को अपने झांसे में लेता और उससे रुपए वसूलना शुरू कर देता है। जो भी रुपये आते हैं, वे जोधपुर के सावरसिंह के खाते में ट्रांसफर करवाए जाते हैं। रुपए आते ही सभी आपस में बांट लेते हैं और तुरंत अलग-अलग स्थानों से निकाल लेते हैं।

साइबर अपराध बड़ी चुनौती, संभल कर रहना होगा

भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि आधुनिक समय में सायबर अपराध पुलिस के सामने महत्वपूर्ण चुनौती है। लेकिन इस बार 42 लाख की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। धोखाधड़ी का शिकार हुए राकेश मोहन विरमानी ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि भोपाल पुलिस ने उनके 4200000 रुपए वापस करवाए हैं। यह मेरे लिए एक सपने से कम नहीं है मैं तो आशा ही खो बैठा था कि मुझे पैसे वापस मिलेंगे लेकिन पुलिस ने पैसे वापस करवा दिए।

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रिपोर्ट : दीपक राय

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