लालू के फोटो से काम चलाएगी कांग्रेस? मल्लिकार्जुन खरगे की पहली चुनावी रैली से दूर रहेंगे तेजस्वी यादव
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बिहार में पहले चरण का मतदान चल रहा है और दूसरे चरण का चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है। देश में महागठबंधन के सबसे बड़े दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की शुक्रवार को दोपहर बाद बिहार में पहली चुनावी रैलियां किशनगंज और कटिहार में हो रही है। लेकिन राज्य में इंडिया गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा और सबसे सक्रिय नेता तेजस्वी यादव खरगे की किसी सभा में मंच पर नहीं होंगे। खरगे के पीछे लालू यादव और तेजस्वी यादव का फोटो ही कांग्रेस का सहारा होगा। किशनगंज में खरगे की सभा 2 बजे जबकि कटिहार में 3 बजे से निर्धारित है। दोनों सीट पर कांग्रेस लड़ रही है। तेजस्वी पड़ोस की सीट पूर्णिया में 2 बजे वीआईपी नेता मुकेश सहनी के साथ एक सभा करके दरभंगा निकल जाएंगे।
तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी आज चार सभाएं कर रहे हैं। दोपहर 12.50 बजे दोनों सबसे पहले बांका में एक सभा करेंगे जहां आरजेडी से पूर्व केंद्रीय मंत्री और लालू के करीबी जयप्रकाश नारायण यादव लड़ रहे हैं। इसके बाद दोनों पूर्णिया में 1.55 बजे एक रैली करेंगे जहां लालू ने बुलाकर जेडीयू विधायक रहीं बीमा भारती को आरजेडी के टिकट पर लड़ाया है। दोनों 3 बजे दरभंगा में सभा करेंगे जहां आरजेडी ने ललित यादव को उम्मीदवार बनाया है। तेजस्वी और मुकेश की आज की आखिरी सभा उजियारपुर लोकसभा के सरायरंजन में है जहां आरजेडी के पूर्व मंत्री आलोक मेहता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से लड़ रहे हैं।
कांग्रेस काट पाएगी पप्पू यादव का वोट? पूर्णिया में तेजस्वी यादव के साथ राहुल गांधी की रैली की डिमांड
आरजेडी और कांग्रेस के बीच पूर्णिया, कटिहार जैसी सीटों पर खींचतान के कारण महागठबंधन में सीट का बंटवारा बहुत बाद में हो सका। पूर्णिया में पप्पू यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं जिनकी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय हुआ था। कांग्रेस चाहती थी कि 2019 की तरह 2024 में भी इस सीट से वो लड़े और वो पप्पू यादव को लड़ाना चाहती थी। लालू नहीं माने। पांच बार की विधायक बीमा भारती को जेडीयू से लाकर टिकट दे दिया। बीमा भारती की नामांकन सभा में खुद तेजस्वी गए थे। चर्चा चली कि तेजस्वी चाहते थे कि राहुल गांधी की एक सभा कांग्रेस पूर्णिया में कराए ताकि पप्पू यादव का उपाय हो सके। लेकिन राहुल सीमांचल को छोड़ भागलपुर में शनिवार को रैली करेंगे। कांग्रेस ने सीमांचल में खरगे को भेज दिया है।
पप्पू यादव और बीमा भारती में कौन पूर्णिया, कौन मधेपुरा? कांग्रेस-RJD के रिश्तों की सीमांचल में अग्निपरीक्षा
कांग्रेस ने दूसरे चरण में आरजेडी की मुसीबत बढ़ा रखी है। आरजेडी पूर्णिया में पप्पू यादव से परेशान है तो कटिहार और भागलपुर सीट कांग्रेस को मिलने से पार्टी में बगावत हो गई। कटिहार लड़ने को बेताब पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम आरजेडी को छोड़कर नीतीश कुमार की जेडीयू में चले गए। भागलपुर से लड़ने की तैयारी कर रहे पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल भी आरजेडी छोड़कर जदयू में शामिल हो गए। बुलो मंडल को पार्टी में शामिल कराने खुद सीएम नीतीश कुमार जेडीयू के दफ्तर पहुंचे थे। ऐसे में सब कुछ सामान्य दिखाने की महागठबंधन की कोशिश कामयाब होती नहीं दिख रही है।
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लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद बिहार में खरगे या राहुल की यह पहली चुनावी सभा है। पहले चरण की चार सीटों पर आरजेडी ने बिना सीट बंटवारे के ही अपने कैंडिडेट को सिंबल दे दिया था जिसमें औरंगाबाद कांग्रेस लड़ना चाहती थी। पहले चरण में कांग्रेस का कोई केंद्रीय नेता प्रचार करने बिहार नहीं आया। दूसरे चरण में तीन सीट कांग्रेस और दो सीट आरजेडी लड़ रही है। किशनगंज से कांग्रेस ने सांसद मोहम्मद जावेद, कटिहार से तारिक अनवर और भागलपुर से अजीत शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। खरगे की पहली रैली से तेजस्वी की दूरी सवाल खड़े कर रही है। गौर करने वाली बात ये भी है कि खरगे की दोनों रैलियां कांग्रेस की सीट पर लगाई गई हैं।
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महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी की खटपट का असर रैलियों पर दिख रहा है। तालमेल बेहतर होता तो एकता दिखाने के लिए सांकेतिक तौर पर खरगे की पहली रैली में तेजस्वी साथ दिख सकते थे और खरगे को आरजेडी की किसी सीट पर प्रचार के लिए ले जा सकते थे। अब सबकी नजर शनिवार को भागलपुर में राहुल गांधी की रैली पर टिकी है। सवाल वही है कि क्या भागलपुर में महागठबंधन के सारे बड़े नेता एक साथ नजर आकर एकजुटता का संदेश देंगे या आरजेडी ने कांग्रेस से कह दिया है- आपकी सीट, आप जानो।
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बिहार में पहले चरण का मतदान चल रहा है और दूसरे चरण का चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है। देश में महागठबंधन के सबसे बड़े दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की शुक्रवार को दोपहर बाद बिहार में पहली चुनावी रैलियां किशनगंज और कटिहार में हो रही है। लेकिन राज्य में इंडिया गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा और सबसे सक्रिय नेता तेजस्वी यादव खरगे की किसी सभा में मंच पर नहीं होंगे। खरगे के पीछे लालू यादव और तेजस्वी यादव का फोटो ही कांग्रेस का सहारा होगा। किशनगंज में खरगे की सभा 2 बजे जबकि कटिहार में 3 बजे से निर्धारित है। दोनों सीट पर कांग्रेस लड़ रही है। तेजस्वी पड़ोस की सीट पूर्णिया में 2 बजे वीआईपी नेता मुकेश सहनी के साथ एक सभा करके दरभंगा निकल जाएंगे।
तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी आज चार सभाएं कर रहे हैं। दोपहर 12.50 बजे दोनों सबसे पहले बांका में एक सभा करेंगे जहां आरजेडी से पूर्व केंद्रीय मंत्री और लालू के करीबी जयप्रकाश नारायण यादव लड़ रहे हैं। इसके बाद दोनों पूर्णिया में 1.55 बजे एक रैली करेंगे जहां लालू ने बुलाकर जेडीयू विधायक रहीं बीमा भारती को आरजेडी के टिकट पर लड़ाया है। दोनों 3 बजे दरभंगा में सभा करेंगे जहां आरजेडी ने ललित यादव को उम्मीदवार बनाया है। तेजस्वी और मुकेश की आज की आखिरी सभा उजियारपुर लोकसभा के सरायरंजन में है जहां आरजेडी के पूर्व मंत्री आलोक मेहता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से लड़ रहे हैं।
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आरजेडी और कांग्रेस के बीच पूर्णिया, कटिहार जैसी सीटों पर खींचतान के कारण महागठबंधन में सीट का बंटवारा बहुत बाद में हो सका। पूर्णिया में पप्पू यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं जिनकी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय हुआ था। कांग्रेस चाहती थी कि 2019 की तरह 2024 में भी इस सीट से वो लड़े और वो पप्पू यादव को लड़ाना चाहती थी। लालू नहीं माने। पांच बार की विधायक बीमा भारती को जेडीयू से लाकर टिकट दे दिया। बीमा भारती की नामांकन सभा में खुद तेजस्वी गए थे। चर्चा चली कि तेजस्वी चाहते थे कि राहुल गांधी की एक सभा कांग्रेस पूर्णिया में कराए ताकि पप्पू यादव का उपाय हो सके। लेकिन राहुल सीमांचल को छोड़ भागलपुर में शनिवार को रैली करेंगे। कांग्रेस ने सीमांचल में खरगे को भेज दिया है।
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कांग्रेस ने दूसरे चरण में आरजेडी की मुसीबत बढ़ा रखी है। आरजेडी पूर्णिया में पप्पू यादव से परेशान है तो कटिहार और भागलपुर सीट कांग्रेस को मिलने से पार्टी में बगावत हो गई। कटिहार लड़ने को बेताब पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम आरजेडी को छोड़कर नीतीश कुमार की जेडीयू में चले गए। भागलपुर से लड़ने की तैयारी कर रहे पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल भी आरजेडी छोड़कर जदयू में शामिल हो गए। बुलो मंडल को पार्टी में शामिल कराने खुद सीएम नीतीश कुमार जेडीयू के दफ्तर पहुंचे थे। ऐसे में सब कुछ सामान्य दिखाने की महागठबंधन की कोशिश कामयाब होती नहीं दिख रही है।
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लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद बिहार में खरगे या राहुल की यह पहली चुनावी सभा है। पहले चरण की चार सीटों पर आरजेडी ने बिना सीट बंटवारे के ही अपने कैंडिडेट को सिंबल दे दिया था जिसमें औरंगाबाद कांग्रेस लड़ना चाहती थी। पहले चरण में कांग्रेस का कोई केंद्रीय नेता प्रचार करने बिहार नहीं आया। दूसरे चरण में तीन सीट कांग्रेस और दो सीट आरजेडी लड़ रही है। किशनगंज से कांग्रेस ने सांसद मोहम्मद जावेद, कटिहार से तारिक अनवर और भागलपुर से अजीत शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। खरगे की पहली रैली से तेजस्वी की दूरी सवाल खड़े कर रही है। गौर करने वाली बात ये भी है कि खरगे की दोनों रैलियां कांग्रेस की सीट पर लगाई गई हैं।
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महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी की खटपट का असर रैलियों पर दिख रहा है। तालमेल बेहतर होता तो एकता दिखाने के लिए सांकेतिक तौर पर खरगे की पहली रैली में तेजस्वी साथ दिख सकते थे और खरगे को आरजेडी की किसी सीट पर प्रचार के लिए ले जा सकते थे। अब सबकी नजर शनिवार को भागलपुर में राहुल गांधी की रैली पर टिकी है। सवाल वही है कि क्या भागलपुर में महागठबंधन के सारे बड़े नेता एक साथ नजर आकर एकजुटता का संदेश देंगे या आरजेडी ने कांग्रेस से कह दिया है- आपकी सीट, आप जानो।