लालच बुरी बला… जब ज्यादा कमाई के चक्कर में फंसे थे रविंद्र जडेजा, IPL सीजन से हो गए थे बैन
2010 में हुए थे बैन
रविंद्र जडेजा को 2008 अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा थे और पहले सीजन में राजस्थान ने उन्हें खरीदा। ऑलराउंडर ने टी20 लीग में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था, टूर्नामेंट के पहले दो सीरीज में 430 रन बनाए थे। उस समय के राजस्थान के कप्तान शेन वॉर्न ने जडेजा को सुपरस्टार का नाम दिया था। 2009 में जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू भी कर लिया। 2010 सीजन से पहले ये बात सामने आई कि जडेजा ने ‘टीम-विरोधी गतिविधियों’ में शामिल हैं। उन्होंने खिलाड़ियों के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उन पर एक साल का बैन लगा दिया गया।
जडेजा ने किया क्या था?
रविंद्र जडेजा के खिलाफ आईपीएल नियमों का उल्लंघन करने और दूसरी फ्रेंचाइजी के साथ ज्यादा सैलरी के लिए बातचीत करने के बाद शिकायत दर्ज की गई थी। उन्हें 2008 में राजस्थान ने 3 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर अपने साथ जोड़ा था। रिपोर्ट्स के अनुसार जडेजा 2009 तक ही टीम के साथ खेलने के लिए तैयार हो गया। दूसरे सीजन के बाद कॉन्ट्रैक्ट में रहते हुए उन्होंनेने बेहतर डील की तलाश शुरू कर दी, जो आचार संहिता के खिलाफ थी। जडेजा ऐसा तभी कर सकते थे जब रॉयल्स ने उन्हें रिलीज कर दिया होता।
मुंबई की फ्रेंचाइजी से मिले थे
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने बताया ने बताया था कि रविंद्र जडेजा मुंबई इंडियंस से अधिकारियों से मिले थे। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल और बीसीसीआई के अध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श के बाद जडेजा को एक साल के लिए बैन कर दिया गया था। लीग के कमीश्नर कहा ने उस समय कहा था, हमारे संज्ञान में आया है कि वह सभी फ्रेंचाइजी और आईपीएल नियमों का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अपनी टीम के साथ फीस को लेकर सौदेबाजी करने की कोशिश की। इस तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।’
2011 की नीलामी में कोच्चि टस्कर्स ने जडेजा को 950000 डॉलर में खरीदा। 2012 में चेन्नई सुपर किंग्स ने उनपर $2,000,000 की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। अभी जडेजा को चेन्नई के लिए खेलने पर हर साल 16 करोड़ रुपये मिले हैं।