लव जिहाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला संगठित अपराध बताया: मुरैना में विरोध, छात्राएं बोलीं- बेटियों को मानसिक, शारीरिक रूप से नुकासान पहुंचाने की साजिश – Morena News h3>
मुरैना में प्रदेश में बढ़ते लव जिहाद मामलों के खिलाफ लोगों में रोष है। शुक्रवार को छात्राओं का एक समूह कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां उन्होंने एडीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा और अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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ज्ञापन सौंपने पहुंची महिलाओं और छात्राओं ने कहा कि प्रदेश भर में लव जिहाद के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इन मामलों में मासूम बेटियों को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे समाज में असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य घटनाएं नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध का हिस्सा हैं, जो सुनियोजित ढंग से बेटियों को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से नुकसान पहुंचाने की साजिश है।
लव जिहाद के खिलाफ आवाज उठी।
इंसानियत कोचिंग संचालक असलम खान का जिक्र महिलाओं का कहना है कि हाल ही में मुरैना के जीवाजी गंज क्षेत्र में स्थित एक कोचिंग सेंटर में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था, जिसमें कोचिंग संचालक पर छात्राओं से अश्लील हरकत करने और वीडियो बनाने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। पुलिस ने इस मामले में वीडियो भी जब्त किए हैं। पीड़िताओं और उनके परिजनों की ओर से दर्ज शिकायत के बाद यह स्पष्ट हुआ कि ऐसे मामलों के तार राज्य की सीमाओं के बाहर तक फैले हो सकते हैं।
आरोपी असलम खान।
लव जिहाद अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को अवगत कराया कि लव जिहाद केवल एक सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला संगठित अपराध है, जिसका उद्देश्य समाज की एकता को खंडित करना है। उन्होंने पुलिस प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि इस तरह के मामलों में पुलिस की लापरवाही के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
सहयोगियों के खिलाफ करें कार्यवाही ज्ञापन में मांग की गई कि इस तरह के मामलों में केवल मुख्य आरोपियों ही नहीं, बल्कि उन्हें सहयोग देने वाले व्यक्तियों को भी साजिश में सहभागी मानते हुए अपराधी घोषित किया जाए। साथ ही, इन अपराधों में शामिल लोगों को कठोर सजा दी जाए ताकि समाज में एक स्पष्ट संदेश जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
सरकार बने विशेष कानून सकल हिंदू समाज नामक संगठन के नेतृत्व में दिए गए इस ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि सरकार इस विषय पर विशेष कानून बनाकर सख्ती से लागू करे, ताकि बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।