​​​​​​​लगातार बढ़ रहे सीएनजी वाहन: भांकरोटा हादसे के बाद दिन में 3 घंटे गैस टैंकरों की नो-एंट्री, रोजाना 1 लाख किलो थी सीएनजी की खपत – Jaipur News

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​​​​​​​लगातार बढ़ रहे सीएनजी वाहन:  भांकरोटा हादसे के बाद दिन में 3 घंटे गैस टैंकरों की नो-एंट्री, रोजाना 1 लाख किलो थी सीएनजी की खपत – Jaipur News
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​​​​​​​लगातार बढ़ रहे सीएनजी वाहन: भांकरोटा हादसे के बाद दिन में 3 घंटे गैस टैंकरों की नो-एंट्री, रोजाना 1 लाख किलो थी सीएनजी की खपत – Jaipur News

पुलिस के एक अजीबो-गरीब फैसले ने शहर के 14 हजार 487 सीएनजी वाहन चालकों के सामने नया संकट खड़ा कर दिया है। सुबह और शाम दो-दो घंटे तक कतार में खड़ा रहना पड़ता है। इसके बावजूद ये गारंटी नहीं कि सीएनजी मिलेगी। ऐसे में या तो खाली लौटना पड़ता है या पेट्रोल डलवा

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बता दें कि शहर में सीएनजी की डिमांड लगातार बढ़ रही है। भांकरोटा अग्निकांड से पहले राेजाना 1 लाख किलोग्राम की सप्लाई की जा रही थी। एक माह पहले पुलिस ने दोपहर 12:30 से 3:30 बजे तक सीएनजी टैंकरों की शहर में एंट्री बंद कर दी है।

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ऐसे में पहले जहां हर दिन 160 टैंकर सीएनजी लेकर आते थे, अब 60 ही पहुंच रहे हैं। समय पर सीएनजी नहीं मिलने और लंबी कतारों के चलते डिमांड भी घट कर 60 हजार किलोग्राम ही रह गई है। सीएनजी पंप संचालकों का कहना है कि एक टैंकर को कालवाड़ रोड स्थित सीएनजी स्टेशन से सीएनजी भरकर आने में करीब 3 घंटे लगते हैं। ऐसे में छह घंटे तक सप्लाई बाधित रहती है।

2 केस से जानिए CNG की किल्लत

केस-1- डेढ़ घंटे कतार और सीएनजी खत्म

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3 फरवरी काे दोपहर 12 बजे एसएमएस स्कूल के पास स्थित पंप पर सुरेश सीएनजी लेने पहुंचे। पंप पर लंबी कतार थी। दोपहर 1:30 बजे सीएनजी खत्म हाे गई। इस पर संचालक ने कहा कि शाम 4 बजे सीएनजी टैंकर आएगा, तब सीएनजी मिलेगी। ऐसे में कार में पेट्रोल डलवाना पड़ा।

केस-2 – शाम 4 बजे टैंकर पहुंचा, 5 बजे खत्म

5 फरवरी काे सुबह 11 बजे टाेंक राेड लालकोठी स्थित पंप पर लालसिंह वाहन में सीएनजी लेने पहुंचे। दोपहर एक बजे नंबर आने ही वाला था कि सीएनजी खत्म हाे गई। कहा गया कि शाम 4 बजे टैंकर आने के बाद सीएनजी मिलेगी। शाम 5 बजे सीएनजी लेने पहुंचे ताे पता चला खत्म हाे गई। दूसरे दिन सुबह 10 बजे फिर पहुंचे ताे 1 घंटे बाद मिली।

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सवाल – गैस टैंकरों को 3 घंटे नो-एंट्री, जबकि हादसा LPG से हुआ, CNG खतरनाक भी नहीं भांकरोटा हादसा एलपीजी से हुआ था। एलपीजी फेडरेशन के सदस्य विक्रम सिंह ने बताया कि एलपीजी भारी होती है और ऊपर नहीं उठती। तुरंत आग पकड़ती है। सीएनजी हल्की हाेती है और लीकेज हाेने पर तुरंत हवा में घुल जाती है। हादसे की संभावना भी शून्य से कम हाेती है। ऐसे में सुरक्षा के नाम पर सीएनजी को नो-एंट्री पर सवाल उठ रहे हैं।

हर 3 घंटे में ड्राई पंप का मैसेज

शहर में 26 पंपों पर सीएनजी मिलती है। संचालकों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक महीने पहले लिए गए निर्णय के बाद सिटी में सीएनजी की सप्लाई गड़बडा गई है। इससे पहले 24 घंटे सप्लाई हाेती थी। वाहन चालकों की सुविधा के लिए सीएनजी नहीं होने का मैसेज देते हैं। पहले दिन में एक बार ही यह मैसेज चलाना पड़ता था, अब 4 से 5 बार जारी करना पड़ रहा है।

26 पंप, 4 पर ही 24 घंटे मिल रही शहर में सीएनजी के 26 पंप हैं, लेकिन सिर्फ 4 पंपों पर ही 24 घंटे सप्लाई हो रही है। ये झोटवाड़ा, बिंदायका और वीकेआई एरिया में हैं। टोरेंट कंपनी मार्च तक शहर में तीन पंप और खोलने वाली है। अभी टोरेंट के कालवाड़ राेड स्टेशन से टैंकरों के माध्यम से सीएनजी पंपाें पर सप्लाई हाे रही है।

जवाब सुनिए -छोटी गाड़ियों से CNG सप्लाई कर सकते हैं: दाधीच “सीएनजी की बड़ी गाड़ियों पर सुरक्षा की वजह से कुछ घंटे की राेक है। पंप मालिक छाेटी गाड़ियों से सप्लाई कर सकते हैं। सप्लाई बाधित हाे रही है ताे पंप वालाें की मीटिंग कर समाधान निकालेंगे। यूजर काे परेशान नहीं हाेने देंगे।” -याेगेश दाधीच, एडिशनल कमिश्नर, ट्रैफिक

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