लगातार तीन हार से अश्विनी पोनप्पा हुईं इमोशनल, रोते हुए कहा- यह मेरा आखिरी ओलंपिक है

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लगातार तीन हार से अश्विनी पोनप्पा हुईं इमोशनल, रोते हुए कहा- यह मेरा आखिरी ओलंपिक है


लगातार तीन हार से अश्विनी पोनप्पा हुईं इमोशनल, रोते हुए कहा- यह मेरा आखिरी ओलंपिक है

अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो को मंगलवार को पेरिस ओलंपिक की महिला युगल स्पर्धा के ग्रुप सी में सेतियाना मोपासा और एंजेला यू की ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा, जिससे व्यक्तिगत स्पर्धा में भारतीय जोड़ी के अभियान का लगातार तीसरी हार के साथ निराशाजनक अंत हुआ। भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा ने मंगलवार को तनीषा क्रास्टो के साथ पेरिस खेलों की महिला युगल स्पर्धा में लगातार तीसरी हार के बाद आंसू बहाते हुए घोषणा की कि उन्होंने अपना आखिरी ओलंपिक खेल लिया है।

अश्विनी और तनीषा को मंगलवार को सेतियाना मोपासा और एंजेला यू की ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी के खिलाफ 38 मिनट में 15-21, 10-21 से हार झेलनी पड़ी। भारतीय जोड़ी ने अपने तीनों ग्रुप मैच गंवाकर अपना अभियान खत्म किया।

अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहीं अश्विनी से जब 2028 ओलंपिक में खेलने की उम्मीद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”यह मेरा आखिरी होगा लेकिन तनीषा को अभी लंबा रास्ता तय करना है।”

उन्होंने आंसू रोकने की कोशिश करते हुए कहा, ”इसका भावनात्मक और मानसिक रूप से असर पड़ता है, मैं इसे फिर से नहीं झेल सकती। यह आसान नहीं है, अगर आप थोड़े युवा हैं तो आप यह सब झेल सकते हैं। इतने लंबे समय तक खेलने के बाद मैं इसे और नहीं झेल सकती।”

वर्ष 2001 में अपना पहला राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली अश्विनी ने ज्वाला गुट्टा के साथ एक शानदार और इतिहास रचने वाली महिला जोड़ी बनाई थी। ये दोनों 2017 तक साथ खेलीं। इस जोड़ी ने कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते थे जिसमें 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक और उबेर कप (2014 और 2016) और एशियाई चैंपियनशिप (2014) में कांस्य पदक शामिल हैं।

इस जोड़ी ने 2011 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर ऐसा करने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनकर इतिहास रच दिया। यह उनके करियर का सबसे बड़ा पुरस्कार था। ज्वाला और अश्विनी की जोड़ी लगातार विश्व रैंकिंग में शीर्ष 20 में रही और एक समय 10वें स्थान पर पहुंच गई।

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अश्विनी और ज्वाला ने दो ओलंपिक (2012 और 2016) में एक साथ खेला लेकिन शुरुआती चरण से आगे नहीं बढ़ पाईं। अश्विनी ने कहा, ”हम आज जीतना चाहते थे। हम चाहते थे कि परिणाम अलग और बेहतर हो, मेरे और तनीषा के लिए सबसे बड़ी बात यह रही कि ओलंपिक में पहुंचने के लिए हमें काफी लंबा सफर तय करना पड़ा। यह आसान नहीं था।”

तनीषा भी अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाईं और वह होकर रोने लगीं। उन्होंने कहा, ”वह (अश्विनी) यहां मेरा सबसे बड़ा सहारा रही हैं। हम बेहतर परिणाम चाहते थे और हमने अपना सिर ऊंचा रखा। उन्होंने हर बार मुझे प्रेरित किया।”



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